लोग घरों में पाल रहे डेंगू के मच्छर, 698 स्थानों पर मिला लारवा
महानगर कोरोना पीक से गुजर रहा है। कोरोना से निपटने के लिए जहां पिछले छह महीनों से सेहत विभाग ने ताकत झोंक रखी है।
आशा मेहता, लुधियाना
महानगर कोरोना पीक से गुजर रहा है। कोरोना से निपटने के लिए जहां पिछले छह महीनों से सेहत विभाग ने ताकत झोंक रखी है, वहीं अब विभाग के लिए डेंगू का वाहक एडिज एजिप्टी यानि टाइगर मॉस्किटो नई चुनौती बन गया है। विभाग के अनुसार जिले में 21 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, जबकि डेंगू संदिग्ध मरीजों की संख्या 281 तक पहुंच गई। इसके बावजूद लोग सावधानी नहीं बरत रहे और घरों में डेंग के मच्छरों को पाल रहे हैं। सेहत विभाग की एंटी लारवा टीम ने जब घर-घर सर्वे किया, तो उन्हें काफी तादाद में लारवा मिल रहा है। टीम ने 71091 घरों में जाकर चेकिग की जिसमें से 698 घरों से लारवा मिला। सबसे अधिक लारवा कूलरों में मिला। सेहत अधिकारी चिता जता रहे हैं कि मौजूदा समय में अगर डेंगू का प्रकोप बढ़ता है, तो यह कोरेाना महामारी से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं पर भारी पड़ सकता है। फ्लावर पोट्स, पक्षियों के रखे मिट्टी के बर्तनों में मिला लारवा
सेहत विभाग की टीम को 498 कूलरों, 50 टायरों व 49 डिस्पोजबल प्लास्टिक बॉटल्स से लारवा मिला। प्लास्टिक बॉटल्स व टायर छतों पर पड़े हुए थे। वहीं 28 घरों में फ्रिज की ट्रे, 15 घरों में फ्लावर पोट्स, 50 घरों में पोट्स (गमलों), छतों पर फेंकी गई 49 डिस्पोजेबल प्लास्टिक बॉटल्स में भी लारवा पाया गया। घरों में मनीप्लांट की बॉटल्स, छत पर पक्षियों के लिए पानी भरकर रखे गए मिट्टी के बर्तनों में भी लारवा पाया गया। पूछने पर लोगों ने टीम को बताया कि उन्होंने फ्लावर पोट्स, मनी प्लांट वाली बॉटल्स व मिट्टी के बर्तनों में भरकर रखे गए पानी को दो सप्ताह से बदला नहीं। इन इलाकों में मिला लारवा
सर्वे के दौरान विभाग की टीम को न्यू जनता नगर, अमन नगर, दशमेश नगर, जोशी नगर, बीआरएस नगर, एसबीएस नगर, बसंत पुरा, इंद्रा कालोनी, अजीत नगर, तिलक नगर, जमालपुर, हैबोवाल कलां, दुर्गापुरी, फील्डगंज, करनैल सिंह नगर, छावनी मोहल्ला से लारवा मिला। एडिज एजिप्टी के निशाने पर शहर के 90 इलाके
कोरोना महामारी के बीच जब डेंगू के मामले बढ़ने लगे हैं, तो सेहत विभाग ने मादा एडिज एजिप्टी मच्छर से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत पिछले पांच वर्षों में शहर के कौन-कौन से इलाके मादा एडिज एजिप्टी मच्छर के निशाने पर रहे हैं और किन इलाकों में डेंगू के मरीज अधिक आते रहे हैं, उनकी सूची बनाई है। विभाग ने शहर के 90 इलाकों की पहचान की है और उन्हें हाई रिस्क सूची में डाला। हाई रिस्क में न्यू ढंडारी कलां, गांव ग्यासपुरा, गांव डाबा, न्यू जनता नगर, डाबा कालोनी, शिमलापुरी, टिब्बा रोड, जमालपुर, निरंकारी मोहल्ला, भगवान नगर, विश्वकर्मा कालोनी, गुरू नानकपुरा, मुरादपुरा, माडल ग्राम, मोती नगर, अब्दुलापुर बस्ती, हिम्मत सिंह नगर, भगत सिंह नगर, जवद्दी खुर्द, पंजाब माता नगर, गांव सनेत, गांव बाड़ेवाल, शाम नगर, डा. अंबेदकर नगर, शास्त्री नगर, प्रेम नगर, हैबोवाल खुर्द, मनदीप नगर, पवित्र नगर, हैबोवाल कलां, बैंक कालोनी, न्यू चंदन नगर, उपकार नगर, कुंदनपुरी, न्यू कुंदनपुरी, वाल्मीकि नगर, छावनी मोहल्ला, सलेम टाबरी, नेता जी नगर, जनता कालोनी, नूरवाला रोड, बसंत विहार, काराबारा, न्यू सब्जी मंडी, मोहल्ला फतेहगढ, बस्तीजोधेवाल, न्यू शिवाजी नगर, सरदार नगर, सुंदर नगर, माधोपुरी, हरबंसपुरा, कश्मीर नगर, हरचरण नगर, तिलक नगर, अटल नगर, सुभाष नगर, न्यू सुभाष नगर, दशमेश नगर, ताजपुर रोड, शिवाजी नगर, हरगोबिद नगर, किदवई नगर, अमरपुरा, ईसा नगरी, इस्लामगंज, मुश्ताकगंज, फील्डगंज, गुश्रु अर्जुन देव नगर समराला चौक, शेरपुर कलां, फोकल प्वाइंट, न्यू मोती नगर, विश्वकर्मा कालोनी, टायर फैक्ट्री, रेलवे स्टेशन के समीप स्थित लोकल बस अड्डा शामिल हैं। कोरोना और डेंगू के कई लक्षण एक जैसे
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि कोरोना संक्रमण और डेंगू बुखार के कुछ लक्षण मिलते-जुलते हैं। बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान जैसे लक्षण इनमें एक जैसे हैं। फिर भी दोनों बीमारियों में अंतर पता कर सकते हैं। जैसे कोरोना संक्रमण में बुखार के अलावा सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश व गंध व सुगंध न महसूस होने जैसे लक्षण आते हैं, जो डेंगू पीड़ित में नहीं होते। इसी तरह डेंगू में उल्टी आना, आंखों के पीछे दर्द, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल व गुलाबी रंग के रैशज, गंभीर स्थिति में नाक व मसूड़ों से खून आना और प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या में अचानक कमी आना शामिल है। डेंगू होने पर यह अन्य लक्षण कोरोना में नहीं होते। लोग सावधानी बरतें, बड़ा संकट पैदा होगा: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि चूंकि एडिज एजिप्टी मच्छर साफ पानी में पैदा होता है, ऐसे में लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। यह भी देखने में आया है कि जिन लोगों को डेंगू हुआ, उनके घरों में ही डेंगू रोग का वाहक एडिज एजिप्टी मच्छर पाया गया। ऐसे में लोगों से अपील है कि कोरोना महामारी से पहले ही वे सभी बुरी तरह से जूझ रहे हैं। ऐसे में एडिज एजिप्टी का डंक बड़ा संकट न खड़ा कर दे, इसके लिए सभी को अधिक सावधानी बरतनी होगी। केवल मादा मच्छर ही इंसानों को मारती है डंक
डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार के अनुसार सभी मच्छर इंसानों को नहीं काटते। केवल मादा मच्छर ही काटती है और इससे ही डेंगू होता है। मादा मच्छर को अंडे पैदा करने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, जो उसे खून चूसने से प्राप्त होता है। अंडे से तीन दिन में लारवा बनता है। सातवें दिन एडल्ट मच्छर तैयार हो जाता है और आठवें दिन मच्छर उड़ जाता है। इसी वजह से कहा जाता है कि सप्ताह में एक दिन कूलरों को साफ जरूर करना चाहिए। एडिज एजिप्टी मच्छर की उम्र महज 28 दिन होती है। यह बरतें सावधानी
-घरों में लगे कूलर की हर सप्ताह सफाई करें और थोड़ा देर सूखा रहने दें।
-फ्लावर पोटस, पोटस, फ्रिज ट्रे में जमा पानी को हर छह दिन बाद बदलें।
-घर के आसपास कहीं पानी जमा होने पर एक चम्मच डीजल या पेट्रोल डाल दें।
-सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-घरों के दरवाजों एवं खिड़कियों पर मच्छररोधी जाली लगाएं।
-पूरी बाजू के कपड़े पहनें और छतों पर खाली बर्तन, टूटा फूटा सामान इकट्ठा न होने दें।