इस कीड़े के काटने से हाेती है खतरनाक एलर्जी, 10 मिनट में इंजेक्शन न लगवाया तो जा सकती है जान
किसी कीड़े के काटने से जान भी जा सकती है। मधुमक्खी की तरह का एक पीले रंग का कीट भ्रिंड के काटने से खतरनाक एलर्जी होती है और 10 मिनट के अंदर इंजेक्शन नहीं लगवाया तो जान जा सकती है।
पटियाला/लुधियाना, जेएनएन। यदि कोई कीट या कीड़ा काट ले, खासकर मधुमक्खी जैसा तो उसे हल्के में न लें। यह लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है। मधुमक्खी की तरह दिखने वाले कीट भ्रिंड के काटने से बेहद खतरनाक एलर्जी हो सकती है और इससे व्यक्ति की मौत हो सकती है। यदि इस स्थिति में पांच से 10 मिनट के अंदर इंजेक्शन नहीं लगवाया तो व्यक्ति की मौत होने का खतरा होता है। पटियाला में एक युवक की भ्रिंड के काटने से मौत हो गई। वह बाइक पर ड्यूटी से घर जा रहा था। इसी दौरान भ्रिंड ने उसके गले पर काट लिया।
भ्रिंड के काटने से युवक की मौत, मधुमक्खियों के काटने से महिला की जान गई
जानकारी के अनुसार, नाभा शहर का 33 साल का अमृतपाल शर्मा लुधियाना में इंडस टावर कंपनी में सपोर्ट इंजीनियर था। वह ड्यूटी समाप्त कर बाइक से वापस नाभा अपने घर आ रहा था। रास्ते में उसके गले पर भ्रिंड ने काट लिया। पहले भी एक बार अमृतपाल को भ्रिंड ने काट लिया था, जिस पर उसे एलर्जी हो गई थी। इंजेक्शन लगाने पर वह ठीक हो गया था।
भ्रिंड के काटने पर उसे फिर खतरनाक एलर्जी हो गई, लेकिन वह समय पर इंजेक्शन नहीं लगवा पाया। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन तक तक देर हो चुकी थी और उसकी मौत हो गई। अमृतपाल के पारिवारिक सदस्यों व रिश्तेदारों ने बताया कि हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि भ्रिंड के काटने से उसकी मौत हो जाएगी।
डॉक्टरों के अनुसार, जिस भी व्यक्ति को यह एलर्जी होती है, वह भ्रिंड के काटने से बेहोश हो जाता है। ऐसे में उसे पांच से दस मिनट के अंदर विशेष इंजेक्शन देना होता है। अगर वह इंजेक्शन न मिले तो यह बेहोशी घातक साबित हो सकती है। इस एलर्जी से पीडि़त व्यक्ति को अपने साथ यह इंजेक्शन रखना पड़ता है। एक बार काटने से ही यह एलर्जी हो जाती है, जिसे उसी समय इंजेक्शन देकर फैलने से रोका जा सकता है।
वहीं, एक अन्य मामले में लुधियाना के माछीवाड़ा साहिब में मधुमक्खियों के डंक से बुजुर्ग महिला गुरमीत कौर (60) की मौत हो गई। गुरमीत कौर सुबह गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गई। वापसी पर मधुमक्खियों ने उस पर हमला कर दिया। मधुमक्खियों में घिरा हुआ देख बुजुर्ग और उसके पुत्र ने भी बचने की काफी कोशिश की। गुरमीत कौर को लुधियाना अस्पताल लाया जा रहा था, लेकिन उन्हाेंने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप