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सीवरेज सिस्टम नहीं चलने से छप्पड़ बने लोगों के लिए अभिशाप

सीवरेज न चलने के कारण समराला के चार तालाब नगर निवासियों के लिए श्राप बन चुके हैं। इनके आसपास रहने वाले निवासियों व घरों में लगे नलों से दूषित पानी आने लगा है। इस पानी में झाग आ रही है जिससे कई लोग बीमार भी हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 09:07 PM (IST)
सीवरेज सिस्टम नहीं चलने से छप्पड़ बने लोगों के लिए अभिशाप
सीवरेज सिस्टम नहीं चलने से छप्पड़ बने लोगों के लिए अभिशाप

संसू, समराला : सीवरेज न चलने के कारण समराला के चार तालाब नगर निवासियों के लिए श्राप बन चुके हैं। इनके आसपास रहने वाले निवासियों व घरों में लगे नलों से दूषित पानी आने लगा है। इस पानी में झाग आ रही है, जिससे कई लोग बीमार भी हो रहे हैं।

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समराला के दुर्गा मंदिर के पास इलाके में इन दिनों दूषित पानी आ रहा है। नगर निवासी बहुत बार नगर कौंसिल के पास सीवरेज चलाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन वहां से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। 30 साल से इलाके के लोग आश्वासन सुन सुन कर तंग आ गए हैं, जबकि समस्या ज्यों की त्यों है।

मोहल्ला निवासी जगजीत सिंह का कहना था कि उन्होंने पहले पानी का बोर 160 फुट पर करवाया हुआ था। पानी इतना दूषित आता है कि पानी में पूरी झाग आ जाती है। उनके चार पशु इस पानी को पीकर मर चुके हैं और कई पशु बीमार हो चुके हैं। मैंने कई बार नगर कौंसिल से इस बारे में बताया भी, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद उन्होंने 260 फुट का नया बोर करवाया।

प्रिस कुमार का कहना था कि हमारे घर जो नल में पानी आता है वो पीने के लिए तो बहुत दूर की बात है, इससे बर्तन और कपड़े धोने का भी मन नहीं करता। हर बार चुनाव आते हैं नेता नए चुने जाते हैं और वे आराम से वादा करके जाते हैं कि इसका हल करवाएंगे।

मोहल्ला निवासी सर्वजीत सिंह का कहना था कि मेरे घर के सामने ही दो छप्पड़ हैं, जिनमें पानी गंदा भरा रहता है। एक बार नगर कौंसिल ने सफाई करवाने की कोशिश की, लेकिन वो उल्टा भारी पड़ गई। सफाई करने के चक्कर में छप्पड़ की अधिक खोदाई कर दी गई, जिससे समस्या और बढ†ा गई।

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कौंसिल को समस्या का हल निकालना चाहिए

समराला के हविधायक जगतार सिंह दयालपुरा का कहना है कि इस छप्पड़ के लिए कई बार टेंडर डालने की बात हुई, लेकिन नगर कौंसिल ने टेंडर भी अपने करीबी को देकर छह महीने में सफाई करने को कहा। कौंसिल को पता है जुलाई महीने में बारिश आती है, फिर भी उन्होंने इस बात की कोई परवाह नहीं की। यदि कौंसिल इसे साफ नहीं करवा पा रही तो कम से कम सीवरेज का हल होना चाहिए।


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