फसलों और सड़कों पर टूटा बारिश का कहर
ंतीन दिन की तेज बारिश बेशक मंगलवार को थम गई, लेकिन अपने पीछे बर्बादी अध्याय छोड़ गई। बारिश ने खेतों से लेकर सड़कों तक ऐसा तांडव मचाया जिसके निशान अब देखने को मिल रहे हैं। खेतों में किसानों की तैयार फसल बिछ गई है और पहले से खस्ताहाल सड़कों की हालत और भी बदतर हो गई है। इस मार से संभलने में अभी काफी समय लगेगा।
जासं, लुधियाना:तीन दिन की तेज बारिश बेशक मंगलवार को थम गई, लेकिन अपने पीछे बर्बादी अध्याय छोड़ गई। खन्ना में बारिश ने खेतों से लेकर सड़कों तक ऐसा तांडव मचाया जिसके निशान अब देखने को मिल रहे हैं। खेतों में किसानों की तैयार फसल बिछ गई है और पहले से खस्ताहाल सड़कों की हालत और भी बदतर हो गई है। इस मार से संभलने में अभी काफी समय लगेगा।
जानकारी के अनुसार फसली विभिन्नता को अपनाने वाले किसानों की उम्मीदों पर बारिश ने पानी फेर दिया है। बारिश ने धान की अग्रिम फसलों को तो पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। जिसके साथ आलू और सब्जियों की खेती करने वाले किसानों का बहुत नुक्सान हुआ है। नंबरदार अमरजीत ¨सह कलालमाजरा, सुखवीर ¨सह सुखा हरबंसपुरा, गुरमुक्ख ¨सह मेहंदीपुर, मोहन ¨सह ढिल्लों हरेओं, जसमेल ¨सह महौण, गुरदीप ¨सह भंगू पूर्व सरपंच ललहेड़ी ने बताया कि धान की अग्रिम किस्म 1509 पक कर कटाई के लिए तैयार थी। इसकी कटाई करने के बाद किसानों ने आलू, सर्दियों की सब्जियां आदि की बुआई करनी थी, लेकिन बारिश के साथ यह फसल 70 फीसद बर्बाद हो गई है। इसके साथ ही सब्जियों और गन्ने की फसल को भी भारी नुक्सान पहुंचा है।
दूसरी तरफ बारिश ने शहर और ¨लक सड़कों को भी नुक्सान पहुंचाया है। कुछ दिन पहले लोगों के संघर्ष के बाद मरम्मत की गई अमलोह रोड फिर से पहले वाली हालत में आ गई। कई जगह तो गड्ढे पहले से भी बड़े हो गए है। नेशनल हाइवे, समराला रोड इलाकों में भी सड़कों की हालत खस्ता हो गई है। इसके साथ ही इन गड्ढों में भरे पानी से हादसों का अंदेशा बना हुआ है।
गिरदावरी करके दिया जाए मुआवजा
किसानों ने कहा कि बारिश के साथ किसानों को दोहरी मार लगी है। फसलों की बिजाई से होने वाला लाभ बारिश की भेंट चढ़ गया है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए।
बीमारियां फैलने का भी खतरा
शहर के विभिन्न इलाकों में जलभराव से अब बीमारियां फैलने का खतरा भी लोगों को सताने लगा है। दो साल पहले इसी मौसम में शहर को डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया था। जानकारों के अनुसार बरसात के पानी के कुछ दिनों तक एक जगह पर जमा होने से डेंगू का लारवा पैदा होता है। हालांकि, एसएमओ डॉ. रा¨जदर गुलाटी ने सतर्कता बरतने की बात कही है। उन्होंने कहा कि लोग अपने घरों और आसपास बारिश का पानी जमा नहीं होने दें। तेज बुखार होने पर डाक्टरों की सलाह लें, ताकि बीमारी के प्रकोप से बचा जा सके।