हलका पूर्वी के कांग्रेसियों में क्रेडिट वार, फोटो पोस्ट कर बता रहे संघर्ष की कहानी Ludhiana News
टिब्बा रोड-कैलाश नगर में नेशनल हाईवे पर अंडरपास के लिए लंबे समय से लड़ाई चल रही है। इलाके के लोग धरना-प्रदर्शन व डीसी को ज्ञापन तक दे चुके हैं।
लुधियाना [राजेश भट्ट]। हलका पूर्वी के ताजपुर चौक, टिब्बा रोड-कैलाश नगर में नेशनल हाईवे पर अंडरपास के लिए लंबे समय से लड़ाई चल रही है। इलाके के लोग धरना-प्रदर्शन व डीसी को ज्ञापन तक दे चुके हैं। अब टिब्बा रोड और कैलाश नगर क्रॉसिंग आवाजाही के लिए बंद कर दी गई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की एक टीम ने कुछ दिन पहले बंद की गई क्रॉसिंग का दौरा किया।
टीम अभी एनएचएआइ के चेयरमैन को रिपोर्ट देगी, लेकिन हलका पूर्वी के कांग्रेस नेताओं में इससे पहले ही क्रेडिट वार शुरू हो गई है। विधायक संजय तलवाड़ के पीए ने फेसबुक पर फोटो पोस्ट की है। इसमें वह एनएचआइ के चेयरमैन से मिल रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता दलजीत सिंह ग्रेवाल ने भी टीम के साथ फोटो पोस्ट किए हैं और इसके साथ लिखा है, वह इसके लिए वर्ष 2011 से संघर्ष कर रहे थे, आखिर परमात्मा ने सुन ही ली।
धारा 144 लगाना भूले डीसी
इन दिनों पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं। प्रशासन बोर्ड परीक्षाओं से पहले यह व्यवस्था करता है कि वहां बाहरी तत्व दखलअंदाजी न करें, परीक्षा केंद्र में किसी तरह की नकल न हो। इसके लिए हर साल परीक्षाओं से पहले ही जिला अधिकारी परीक्षा केंद्रों के बाहर धारा 144 लागू कर देते हैं। परीक्षा केंद्र के 100 मीटर के दायरे में चार से अधिक लोगों के एक साथ खड़े होने पर रोक लगा दी जाती है। यह आदेश जारी करने की जिम्मेदारी जिला अधिकारी की होती है लेकिन इस बार तो कमाल हो गया। जिला अधिकारी परीक्षा शुरू होने से पहले धारा 144 लगाना भूल गए। डीसी प्रदीप अग्रवाल को इसकी याद आई और फिर परीक्षाएं शुरू होने के पांच दिन बाद धारा 144 लगाई। तब तक पंजाब बोर्ड की 12वीं व आठवीं और सीबीएसई के दसवीं व 12वीं के चार-चार पेपर हो चुके थे।
कहां से लाएं स्कूल बस
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस बार आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं शुरू कर दीं। बोर्ड ने परीक्षा केंद्र तीन किलोमीटर के दायरे में बनाने की बात कही लेकिन कई स्कूलों के परीक्षा केंद्र इससे भी दूर बने हैं। इस कारण बच्चों को परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए स्कूल संचालकों ने ऑटो हायर किए, लेकिन तीन मार्च को हुई ऑटो दुर्घटना के बाद बोर्ड ने सभी स्कूल संचालकों को आदेश दिए कि बच्चों को ऑटो में परीक्षा केंद्र तक नहीं ले जाएंगे। उनको बसों की व्यवस्था करनी होगी। निजी स्कूल संचालकों ने तो व्यवस्था कर दी लेकिन सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों के लिए दिक्कतें खड़ी हो गईं। ऐसे में वे बस की व्यवस्था कैसे करें। अब वे बच्चों को पैदल ही केंद्रों तक ले जा रहे हैं। इनमें सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल थरीके भी है जिसका परीक्षा केंद्र छह किलोमीटर दूर पीएयू के सरकारी स्कूल में बना है।
और डाल दिया बोझ
नगर निगम का बजट तैयार करने वाले अफसरों का हाल देखो। जो ब्रांच इस साल रिकवरी में टारगेट के आसपास भी नहीं पहुंच सकी, अगले साल के बजट में उसके रिकवरी टारगेट में और इजाफा कर दिया। अब और बोझ बढ़ाने पर बजट बनाने वाले अफसरों पर निगम कर्मियों ने ही तंज कसने शुरू कर दिए हैं। वर्ष 2019-20 के लिए ओएंडएम सेल को पहले 100 करोड़ रुपये का रिकवरी लक्ष्य दिया गया था। बाद में इसे 25 करोड़ रुपये कम करके 75 करोड़ रुपये कर दिया। मेयर बलकार सिंह संधू की तमाम कोशिशों के बाद अभी तक ओएंडएम सेल 40 करोड़ के आसपास ही रिकवरी कर पाया है। अब निगम ने वर्ष 2020-21 के प्रस्तावित बजट में ओएंडएम ब्रांच के लिए रिकवरी टारगेट 90 करोड़ कर दिया है। जो अफसर और कर्मचारी 75 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल नहीं कर सके, वे 90 करोड़ कैसे हासिल कर पाएंगे।