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    केंद्रीय सचिव की आंखों में भी झोंक दी धूल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:44 AM (IST)

    केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का जायजा लेने लुधियाना आए थे। नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें वही प्रोजेक्ट दिखाए जो या तो पूरे हो चुके हैं या फिर अच्छी स्थिति में हैं।

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    केंद्रीय सचिव की आंखों में भी झोंक दी धूल

    जागरण संवाददाता, लुधियाना : केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा शुक्रवार को स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का जायजा लेने लुधियाना आए थे। नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें वही प्रोजेक्ट दिखाए जो या तो पूरे हो चुके हैं या फिर अच्छी स्थिति में हैं। उन प्रोजेक्टों को देखकर सचिव को जरूर फील गुड हुआ होगा। अधिकारियों ने सचिव को ऐसे घुमाया कि शहर की जो डर्टी पिक्चर थी वह उन्हें नजर ही नहीं आई। बड़ी होशियारी से उनकी आंखों में धूल झोंककर बच निकले। केंद्रीय सचिव को सभी प्रोजेक्टों की वास्तविक रिपोर्ट दिखाई होती तो उन्हें सही स्थिति का पता चलता। डेडलाइन पार कर चुके प्रोजेक्ट दिखाए ही नहीं :

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    1. पक्खोवाल रोड आरओबी व आरयूबी :

    स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाला शहर में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट पक्खोवाल रोड आरओबी और आरयूबी है। यह प्रोजेक्ट 124 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है जो अपनी डेडलाइन पार कर चुका है।

    2. मल्हार रोड :

    1.2 किलोमीटर लंबे मल्हार स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट को लेकर शहर के आम लोगों से लेकर विशेषज्ञ तक सवाल खड़े कर चुके हैं। यह प्रोजेक्ट भी अपनी डेडलाइन से एक साल देरी से चल रहा है।

    3. बुड्ढा दरिया :

    बुड्ढा दरिया के किनारे जाली लगाने का प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है। वह नहीं दिखाया गया।

    4. माडर्न स्लाटर हाउस :

    स्मार्ट सिटी के तहत फंड से माडर्न स्लाटर हाउस तो बनाया लेकिन वह अब सफेद हाथी साबित हो रहा है। उससे अवगत नहीं करवाया।

    5. निर्माण पूरा होने के बावजूद दो माह से कारकस प्लांट बंद पड़ा हुआ है।

    6. शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए एबीडी एरिया में नहरी पानी की सप्लाई का प्रोजेक्ट जो कि नींव पत्थर से आगे बढ़ ही नहीं पाया।

    7. केंद्रीय योजना के तहत खरीदी गई सिटी बसें जो की कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। इन प्रोजेक्टों को दिखाकर ली शाबाशी : मजे की बात यह है कि नगर निगम के अधिकारियों ने केंद्रीय सचिव को आरओबी व आरयूबी प्रोजेक्ट के पास वाटर फ्रंट जरूर दिखाया चूंकि इसका काम पूरा हो चुका है। वहीं मल्हार रोड के पास सराभा नगर मार्केट दिखा दी। पूरा होने के कगार पर पहुंच चुका सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट दिखाया लेकिन बुड्ढा दरिया की स्थिति नहीं बताई। हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की इमारत व सिस्टम को दिखाया।

    कूड़ा प्रबंधन : सराभा नगर मार्केट दिखाई पर शहर की सबसे बड़ी समस्या नहीं बताई

    शहर में सफाई व्यवस्था के नाम पर निगम अधिकारियों ने हलका वेस्ट के कुछ प्वाइंट दिखाए। सराभा नगर मार्केट में केंद्रीय सचिव के आने से पहले सफाई करवाई दी गई थी। शहर में जहां सफाई व्यवस्था चरमराई है उन एरिया से उन्हें दूर ही रखा गया। महानगर की आज की सबसे बड़ी समस्या ही सफाई प्रबंधन को लेकर है और वही सचिव से छिपाई दी गई।