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आवारा कुत्तों को कंट्रोल करने के लिए निगम का नया प्लान, पहले फीमेल डाग्स की होगी स्टरलाइजेशन

लुधियाना शहर में आवारा कुत्तों की समस्या किसी से छुपी नहीं है। नगर निगम ने अब तक जितने भी प्रयास किए वह सभी नाकाफी साबित हुए। अब निगम ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने के लिए नया प्लान तैयार किया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 07:19 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:19 AM (IST)
आवारा कुत्तों को कंट्रोल करने के लिए निगम का नया प्लान, पहले फीमेल डाग्स की होगी स्टरलाइजेशन
आवारा कुत्तों को कंट्रोल करने के लिए निगम का नया प्लान, पहले फीमेल डाग्स की होगी स्टरलाइजेशन

जागरण संवाददाता, लुधियाना : लुधियाना शहर में आवारा कुत्तों की समस्या किसी से छुपी नहीं है। नगर निगम ने अब तक जितने भी प्रयास किए, वह सभी नाकाफी साबित हुए। अब निगम ने आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को कंट्रोल करने के लिए नया प्लान तैयार किया है। नए प्लान के हिसाब से निगम पहले फीमेल डाग्स की स्टरलाइजेशन करेगा, ताकि और कुत्ते पैदा न हों। मेयर बलकार सिंह संधू ने डाग्स स्टरलाइजेशन में जुड़ी कंपनी के प्रबंधकों को हिदायतें दी हैं कि पहले फेज में फीमेल डाग्स पर फोकस किया जाए।

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लुधियाना शहर में इस समय 30-35 हजार के करीब आवारा कुत्ते हैं, जिनकी स्टरलाइजेशन की जानी है। निगम को अंदेशा है कि दो साल तक इनकी गिनती 40 हजार के करीब हो जाएगी। निगम का लक्ष्य अब हर दिन 60 और प्रतिमाह 1800 कुत्तों की स्टरलाइजेशन का है। कंपनी को भी इस संबंध में सख्त हिदायतें दी गई हैं कि रोजाना औसतन 60 कुत्तों की स्टरलाइजेशन की जानी चाहिए। हालांकि कंपनी अभी इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर रही है और औसतन 45-50 ही कुत्तों की स्टरलाइजेशन ही हो पा रही है। सोमवार को मेयर बलकार सिंह संधू एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर पहुंचे और उन्होंने कंपनी की कार्यप्रणाली का जायजा लिया। मेयर ने अफसरों व कंपनी प्रबंधकों को साफ कह दिया कि जिन कुत्तों की स्टरलाइजेशन हो चुकी है, उन्हें सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए यहां न लाया जाए। मेयर की जांच में यह बात सामने आई कि डाग केचिग टीम की एक गाड़ी खराब है, जिसकी वजह से 60 का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा। मेयर ने मौके पर ही आदेश दिए कि गाड़ी को तुरंत ठीक किया जाए।

रोजाना 20 से 25 डाग बाइट के केस आते हैं सिविल अस्पताल

शहर में आवारा कुत्तों की गिनती ज्यादा होने के कारण वह रोजाना लोगों को काट रहे हैं। इस वजह से लोग दहशत में जी रहे हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना औसतन 20 से 25 डाग बाइट के केस आ रहे हैं। इससे ज्यादा लोग निजी अस्पतालों में भी जा रहे हैं।

निगम ने बनाया है नया एबीसी सेंटर, 300 कुत्ते रह सकते हैं

नगर निगम ने एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) प्रोग्राम को तेज करने के लिए हाल ही में करोड़ों रुपये की लागत से हैबोवाल डेयरी कांप्लेक्स में इमारत बनाई है। इस इमारत में स्टरलाइजेशन के बाद 300 कुत्तों को रखा जा सकता है। हर कुत्ते को स्टरलाइजेशन के बाद चार दिन तक आब्जर्वेशन में रखा जाता है ताकि उसे अच्छी डाइट मिले व उसका ध्यान रखा जा सके। कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल का कहना है कि अवारा कुत्तों की गिनती को रोकने लिए अब बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है।

वार्ड वाइज की जाएगी स्टरलाइजेशन, एंटी रैबीज इंजेक्शन भी लग रहे

नगर निगम के सीनियर वेटरनरी अफसर डा. हरबंस डल्ला ने बताया कि कुत्तों की स्टरलाइजेशन के कार्यक्रम को वार्ड वाइज चलाया जाएगा ताकि एक-एक वार्ड करके काम पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां से शिकायतें आती हैं, वहां से कुत्तों को पकड़कर लाया जाता है। कुत्तों की स्टरलाइजेशन के साथ ही उन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन भी लगाए जा रहे हैं।


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