लौटने लगे घरों को निकले लोग, हरियाणा बॉर्डर से आगे जाने की नहींं मिली अनुमति
वापस आ रहे लोगों का कहना है कि हरियाणा बॉर्डर से उन्हें वापस भेजा रहा है आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिस वजह से वे लौट रहे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से अपने घरों के लिए निकले लोग सोमवार को वापस आने लगे हैं। इनमें अधिकतर बाहरी राज्यों के लोग शामिल हैं, जोकि यहां उद्योगों व अन्य जगह काम कर अपने परिवार का पेट पाल रह थे। कर्फ्यू के बाद कामकाज बंद हो गया है, जिसकी वजह से ये लोग अपने घरों व गांवों की तरफ निकल पड़े थे। वापस आ रहे लोगों का कहना है कि हरियाणा बॉर्डर से उन्हें वापस भेजा रहा है, आगे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। जिस वजह से वे लौट रहे हैं।
डीसी ने सीपी ने लोगों से की थी बातचीत
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सख्त निर्देशों के बाद रविवार को जिला प्रशासन हरकत में आया था। डीसी व सीपी खुद उन इलाकों में पहुंचे, जहां से लोग अपने गृह प्रदेशों की तरफ से जा रहे थे। डीसी प्रदीप अग्रवाल व सीपी राकेश अग्रवाल रविवार को बेहड़ों में जाकर लोगों से कहा कि वह यहीं पर रहें उनको यहां पर हर तरह की सुविधा दी जाएगी। वह पैदल अपने घरों की तरफ न जाएं। डीसी व सीपी ने यहां तक कह दिया कि जल्दी ही कारखानों में काम शुरू करवा दिया जाएगा।
न पैसे न राशन, इसलिए मजबूरी में जा रहे
लुधियाना से दूसरे राज्यों के लिए पैदल निकलने वाले ज्यादातर वह हैं जो कि यहां पर अकेले रहते हैं। उनका कहना है कि जिन फैक्ट्रियों में वह काम करते थे उन्होंने जवाब दे दिया और अब उनके पास न तो पैसे हैं और न ही राशन है। जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं की तरफ से राशन व लंगर मुख्य सड़कों पर ही बांटी जा रही है, जबकि वह मोहल्लों में रहते हैं। वहां से पुलिस उन्हें बाहर निकलने नहीं दे रही है। इसलिए उन्होंने फैसला किया है कि वह यहां नहीं रहेंगे।
गांव से परिवार वालों से आ रहे फोन
लोगों का कहना है कि उनका परिवार गांव में है और वह लोग वहां से फोन करके उन पर घर आने का दबाव डाल रहे हैं, जिसकी वजह से वह यहां से पैदल ही जा रहे हैं। रविवार को भी कई स्वयं सेवी संस्थाओं ने दिल्ली रोड पर पैदल जाने वाले लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन इन्होंने किसी की नहीं सुनी और पैदल ही अपने गृह राज्यों की तरफ निकलते रहे। दिल्ली रोड पर पैदल जाने वाले सभी लोग उत्तर प्रदेश व बिहार से थे।
लोगों को रोकने के लिए प्रशासन के उपाय
- स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर लंगर पहुंचाया जा रहा है।
- 60 हजार से ज्यादा लोगों को रोजाना लंच व रात का खाना दिया जा रहा है।
- 9000 लोगों को जिला प्रशासन ने सूखा राशन बांटा है।
- कुछ फैक्ट्रियों को सशर्त खोलने की कवायद शुरू की गई।
- डीसी व सीपी खुद बेहड़ों में जाकर लोगों यहीं पर रुकने के लिए कहा गया।
जानें क्या कहते हैं डीसी
लुुधियाना के डिप्टी प्रदीप अग्रवाल का कहनाा है कि सीपी के साथ ढंडारी, फोकल प्वाइंट समेत उन इलाकों का दौरा किया जहां बाहर से आए लोग रहते हैं। सभी को भरोसा दिया गया कि उन्हें यहीं पर सभी सुविधाएं दी जाएंगी। वह अपने गृह प्रदेशों की तरफ पैदल न निकलें। जो लोग जा रहे हैं उन्हें भी समझाया जा रहा है। हर तरह की सुविधाएं देने के लिए प्रशासन काम कर रहा है।
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