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Corona Peak in Punjab: पंजाब में कब आएगा तीसरी लहर का पीक? जानिए सीएमसी लुधियाना के विशेषज्ञाें की राय

Corona Peak in Punjab डा. सैमिअल ने कहा कि अभी जो हमारे पास डेटा आ रहा है उसके अनुसार 30 जनवरी तक पीक आने की संभावना है। पहली व दूसरी लहर में कोरोना पीक दो से तीन सप्ताह की थी। पंजाब में पीक एक सप्ताह की ही होगी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:14 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:14 AM (IST)
Corona Peak in Punjab: पंजाब में कब आएगा तीसरी लहर का पीक? जानिए सीएमसी लुधियाना के विशेषज्ञाें की राय
काेराेना की तीसरी लहर के पीक काे लेकर विशेषज्ञाें की चेतावनी। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [आशा मेहता]। Corona Peak in Punjab: पंजाब कोरोना पीक के करीब पहुंच गया है। पंजाब में 30 जनवरी तक कोरोना पीक आ जाएगी। यह कहना है सीएमसी अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के हेड डा. क्लारेंस जे सैमिअल का। डा. सैमिअल पिछले प्रीडेक्टिव माडलिंग (लाजिस्टिक माडलिंग) के जरिए के जरिये कोरोना ट्रेंड का आकलन कर रहे हैं। पहली, दूसरी व तीसरी लहर को लेकर उनकी ओर से लगाएं गए अनुमान सही साबित हुए हैं। उन्होंने जून में ही बता दिया था कि दिसंबर के अंत में कोरोना की तीसरी लहर पंजाब में आ जाएगी और वैक्सीन की दोनों डोज कोरोना के गंभीर खतरों से बचाने में काफी हद तक कारगर होगी।

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दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए डा. सैमिअल ने कहा कि अभी जो हमारे पास डेटा आ रहा है, उसके अनुसार 30 जनवरी तक पीक आने की संभावना है। पहली व दूसरी लहर में कोरोना पीक दो से तीन सप्ताह की थी। लेकिन इस बार तीसरी लहर में पंजाब में पीक एक सप्ताह की ही होगी। पीक के दौरान कोरोना के केस तेजी से बढे़ंगे और संक्रमण दर में भी उछाल आ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि गंभीर बीमारियों जैसे हाई बीपी, शुगर, हार्ट व स्ट्रोक के मरीज सावधानी बरते। क्योंकि कोरोना के कारण शुगर व बीपी जल्दी कंट्रोल में नहीं आते हैं। कंट्रोल होने में दो सप्ताह का समय लग जाता है।

गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज कोरोना से बचाव के लिए जारी की गई सभी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें, लक्षण महसूस होने पर तुरंत जांच करवाकर अपने चिकित्सक के सलाह के अनुसार ट्रीटमेंट करवाएं। एक सप्ताह की पीक के बाद कोरोना के केस या तो कम होने लगेंगे या फिर स्थिर हो जाएंगे। चिंता की बात यह है कि अब कोरोना के केस शहरों से गांवों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं।

संक्रमितों की मौतों का बढ़ेगा आंकड़ा

रिस्क यह है कि गांवों में कोरोना संक्रमण शिफ्ट होने पर गंभीर संक्रमित अस्पतालों में समय पर नहीं पहुंच पाएंगे। जिससे संक्रमितों की मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि गांवों में टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। कोरोना संदिग्ध लोगों के टेस्ट किए जाएं। अभी बहुत सारे लोग कोरोना के लक्षण खांसी, गले में खराश, बुखार, शरीर सुस्त होने पर टेस्ट नहीं करवा रहे हैं, वहीं बहुत से लोग घर पर ही आनलाइन कोविड टेस्टिंग किट मंगाकर टेस्ट कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमितों का सही डेटा सामने नहीं आ रहा है।

ओमिक्रोन को हल्के में न लें लाेग

लोगों को चाहिए कि लक्षण महसूस होने पर सरकारी सेहत संस्थाओं में जाकर कोरोना टेस्ट करवाएं। वहां निशुल्क जांच हो रही हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन को हल्के में न लें। क्योंकि ओमिक्रोन में एक बार इंफेक्शन होने के बाद लापरवाही दिखाने के चलते दोबारा से बीस से तीस दिन में रिइंफेक्शन हो रही है। ऐसे में जिन्हें तीसरी लहर में कोरोना इंफेक्शन हो चुके हैं या जिन्हें नहीं हुई हैं, दोनों को मास्क लाजिमी तौर पर पहनना चाहिए और भीड़वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।


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