निजी स्कूल नहीं करवा रहे कोरोना की जांच, अब डीसी जारी करेंगे निर्देश
शहर के निजी स्कूल कोरोना के खतरे को हल्के में लेने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : शहर के निजी स्कूल कोरोना के खतरे को हल्के में लेने लगे हैं। सेहत विभाग के बार-बार कहने के बाद भी निजी स्कूलों के प्रबंधक स्टाफ और छात्रो की सैंपलिंग नहीं करवा रहे हैं। अब जब कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन सामने आया है तो सेहत विभाग की चिंता और बढ़ गई है। सेहत विभाग लगातार अपनी टीमें निजी स्कूलों में भेज रहा है लेकिन प्रबंधक सैंपलिंग नहीं करवा रहे हैं। निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत विभाग ने अब डीसी वरिदर शर्मा से की है। सेहत विभाग के अधिकारियों ने डीसी को बताया कि अगस्त से लेकर अब तक सरकारी स्कूलों से 81 हजार से अधिक छात्रों के सैंपल लिए गए हैं। 3300 कर्मचारियों की सैंपलिंग भी की गई है। वहीं निजी स्कूलों में सैंपलिंग न के बराबर है।
गांवों के निजी स्कूल कर रहे सहयोग, शहर के कर रहे बहानेबाजी :
अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित छोटे निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सात हजार 875 छात्रों और 563 स्टाफ सदस्यों के सैंपल लिए गए हैं। गांवों के निजी स्कूल ही विभाग को सहयोग कर रहे हैं। शहर के बड़े निजी स्कूल बहानेबाजी कर मना कर रहे हैं। शहर के निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है। कोरोना का नया वैरिएंट आने के बाद निजी स्कूलों में छात्रों की सैंपलिंग बहुत जरूरी हो गई है।
डीसी ने दिया आश्वासन :
जिला एपिडेमोलाजिस्ट डा. प्रभलीन कौर का कहना है कि डीसी के सामने निजी स्कूलों की मनमानी का मामला उठाया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह निजी स्कूलों को सैंपलिंग करवाने के लिए जल्द निर्देश जारी करेंगे।
कोरोना की जांच करवाएं निजी स्कूल : डीसी
डीसी वरिदर शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण का पता लगाने और उसे बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने स्कूलों के छात्रों और स्टाफ की सैंपलिंग करने के आदेश दिए हैं। निजी स्कूल संचालक कोरोना की जांच करवाएं। इससे कोई नुकसान नहीं है।