लुधियाना सीट पर लगातार दो बार कांग्रेस का रहा है कब्जा, 2014 में रवनीत सिंह बिट्टू ने जीता था चुनाव
औद्योगिक शहर लुधियाना मानचेस्टर ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर है। इस सीट पर दो बार 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का कब्जा रहा है।
जेएनएन, लुधियाना। औद्योगिक शहर लुधियाना मानचेस्टर ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर है। इस लाेकसभा सीट पर दो बार 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का कब्जा रहा है। लुधियाना में 1309308 वोटर हैं। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 693114 और महिला वोटर की संख्या 616194 है। 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने यहां से चुनाव जीता था। उन्होंने आम आदमी पार्टी के एचएस फुल्का को हराया था। अकाली दल के मनप्रीत सिंह अयाली और निर्दलीय सिमरजीत सिंह बैन्स क्रमशः तीसरे और चौथे नंबर पर रहे थे। फुल्का ने उसके बाद सक्रिय राजीति से संन्यास ले लिया था। 2014 में लोकसभा चुनावों में सिमरजीत सिंह बैंस को दो लाख से अधिक वोट मिले थे। उन्होंने अपनी लोक इंसाफ पार्टी बना ली है और वह आत्मा नगर से विधायक हैं।
यह है लुधियाना का इतिहास
लोधी वंश के कारण इसे लुधियाना नाम मिला। 1951 में कांग्रेस के बहादुर सिंह यहां के पहले व लगातार दो बार सांसद रहे। कांग्रेस के दविंदर सिंह गरचा को तीन बार सांसद बने। इसके बाद यहां कभी कांग्रेस तो कभी शिअद का बनता रहा। अभी पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू यहां से सांसद हैं। देश की सबसे बड़ी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी भी इसी शहर में है, जिसने देश में हरित क्रांति लाने में अहम भूमिका अदा की थी। बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के लाखों प्रवासी कामगार यहां वर्षों से रह रहे हैं। वर्ल्ड बैंक के अनुसार यह शहद देश में बिजनेस के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
विधानसभा हलकों में इनका है दबदबा
लुधियाना ईस्ट: कांग्रेस
लुधियाना वेस्ट: कांग्रेस
लुधियाना साउथ: लोक इंसाफ पार्टी
लुधियाना नॉर्थ: कांग्रेस
लुधियाना सेंट्रल: कांग्रेस
आत्मनगर: लोक इंसाफ पार्टी
गिल: कांग्रेस
दाखा: आम आदमी पार्टी
जगराओं: आम आदमी पार्टी
पांच साल में बड़ी घटना
इंडस्ट्रियल एरिया में पांच मंजिला इमारत ध्वस्त होने से 16 लोगों की मौत। इसके अलावा ग्यासपुरा इलाके में सिलेंडर फटने से 14 लोगों की मौत हो गई थी।
स्मार्ट सिटी के लिए नहीं हुआ खास काम
औद्योगिक शहर होने के कारण विकास के लिहाज से स्थिति ठीक है, लेकिन ज्यादा आबादी होने के कारण शहर के बाहरी क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव है। शहर में कई एलिवेटेड पुल बने हैं। कुछ निर्माणाधीन हैं। शहर को स्मार्ट सिटी की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन अभी खास काम नहीं हुआ है।
इन मु्द्दों पर लड़ा जाएगा चुनाव
इस बार लोकसभा चुनाव में बुड्ढा दरिया में प्रदूषण, आधारभूत सुविधाओं की कमी और लाडोवाल टोल प्लाजा मामले को उठाया जा सकता है।