भविष्य के संकट को देख पानी और बिजली बचाने पर कंपनियों को फोकस
पर्यावरण में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण आज दुनिया में कई चुनौतियां पैदा हो गई हैं।
मुनीश शर्मा, लुधियाना
पर्यावरण में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण आज दुनिया में कई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। यह आने वाली पीढ़ी के लिए भी बेहद चिंताजनक है। प्रदेश में कई जिलों में भूजलस्तर गिरता जा रहा है। कई जिले डार्क जोन में आ चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में बिजली भी काफी महंगी हो गई है। हर साल इसकी दरें बढ़ रही हैं। भविष्य के संकट की चुनौतियों को देखकर अब कंपनियां भी उस तरह की टेक्नोलॉजी ला रही हैं जिससे कुछ हद तक इन चुनौतियों से निपटने में सहयोग दिया जा सके। जैसे कि बिजली की बचत हो और पानी बर्बाद न हो।
इसकी झलक पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) की ग्राउंड में आयोजित इंटेक्स एक्सपो-2019 में देखने को मिल रही है। कंपनियों का फोकस टेक्नोलॉजी और पर्यावरण संरक्षण पर हैं, ताकि प्राकृतिक स्त्रोतों को बचाने के प्रयास किए जा सकें। इस प्रदर्शनी के दूसरे दिन भारी संख्या में लुधियानवी पहुंचे और उत्पादों के बारे में विस्तार से जाना। रविवार को देश के जाने-माने आर्किटेक्ट भवन निर्माण को लेकर बदलावों और लुधियाना की ग्रोथ पर मंथन करेंगे। रिमोट से कमांड दे बल्ब का बदलें रंग, कम व ज्यादा करें रोशनी
इस एक्सपो में बिजली की बचत व आधुनिक तकनीक के साथ कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद पेश किए गए हैं। इसमें स्विचलाइट ने भी ऐसे उत्पाद प्रदर्शित किए हैं। लाइटिग के नए कांसेप्ट पर फोकस किया गया है। कंपनी ने एक ऐसा आधुनिक तकनीक से लैस बल्ब पेश किया है जो पूरी तरह रिमोट से नियंत्रित होगा। इसकी रोशनी आप एक से 12 वॉट तक कर सकते हैं। जैसे कि सोने के समय आप इसे रिमोट से घटा लें और पढ़ाई के समय या अन्य काम करने के दौरान आप इसे 10 या 12 वॉट कर लें। यानि कि जरूरत के मुताबिक रोशनी कर सकते हैं। यही नहीं इसमें आठ तरह के रंग बदले जा सकते हैं। इस बलब को रिमोट के साथ-साथ मोबाइल से एप के जरिए भी ऑपरेट कर सकते हैं। इसकी कीमत करीब दो हजार रुपये है। ईको फ्रेंडली बल्ब : आंखों को नहीं पहुंचाते नुकसान
इसके साथ ही एक्सपो में एंटी ग्लेयर और ईको फ्रेंडली बल्ब भी पेश किए गए हैं। यह आंखों के लिए नुकसानदायक नहीं हैं। इनकी कीमत 290 रुपये से शुरू होती है। यह भी पावर सेविग पर फोकस करते हुए पेश किए गए हैं। सेंसर लाइटिंग: जहां रखेंगे कदम, वहां जगमगाएंगे बल्ब
इसके अलावा गार्डन के लिए सेंसर बेस लाइटिग भी प्रदर्शिक की गई है। जैसे आपके घर में लॉन बना हुआ है। उसमें आप जब कदम रखेंगे तो जहां-जहां लाइट लगी होगी, वहां कदम रखते ही सेंसर सिस्टम उसे भांप लेगा और लाइटें खुद जल जाएंगी। फिर जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे तो वह कुछ सेकेंड के बाद बंद हो जाएंगी। सेंसर वॉटर टैप: जरूरत के मुताबिक ही निकलेगा पानी
पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। कई लोग नल पर हाथ धोते समय पानी बर्बाद करते रहते हैं। सेनेटरी कंपनियों की ओर से पानी बचाने पर फोकस किया जा रहा है। वरमोरा की ओर से टैप (नल) लांच की गई है, जो सेंसर वाली हैं और जरूर के मुताबिक ही पानी देती हैं। पहले ये नल केवल होटलों के वाश रूम में लगने तक सीमित थे। पर अब घरों के लिए भी ये सेंसर वाले नल पेश किए गए हैं। इसकी कीमत करीब दो हजार रुपये से शुरू होती है। एक बार फ्लश करने में सिर्फ तीन लीटर लगेगा पानी
पानी बचाना समय की जरूरत है। इसी के तहत अब सेनेटरी कंपनियों की ओर से फ्लश में भी नए बदलाव किए गए हैं। आम रूप से फ्लश सीट में फ्लश करने पर एक बार में छह से आठ लीटर पानी लगता है। पर एक्सपो में ऐसी फ्लश भी पेश की गई हैं जिसमें एक बार फ्लश करने पर सिर्फ दो से तीन लीटर तक पानी लगेगा। यानि कि आम फ्लश के मुकाबले करीब पांच लीटर पानी बचेगा। एक्सपो में आने वाले लोग जो पानी बचाने के लिए गंभीर हैं, वे इसे काफी पसंद कर रहे हैं।