Move to Jagran APP

एक मशीन से हो रहे कई काम, बढ़ेगा उत्पादन और कम आएगी लागत Ludhiana News

ग्लोबल मार्केट के इस दौर में विभिन्न देशों में इस्तेमाल हो रही तकनीक से भारतीय गारमेंट्स उत्पादकों के लिए भी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

By Edited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 06:20 AM (IST)
एक मशीन से हो रहे कई काम, बढ़ेगा उत्पादन और कम आएगी लागत Ludhiana News
एक मशीन से हो रहे कई काम, बढ़ेगा उत्पादन और कम आएगी लागत Ludhiana News

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]।  ग्लोबल मार्केट के इस दौर में विभिन्न देशों में इस्तेमाल हो रही तकनीक से भारतीय गारमेंट्स उत्पादकों के लिए भी चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में कंपनियों का फोकस कम मार्जिन में भी इंडस्ट्री को मुनाफे में लाने पर है। इसके लिए कंपनियां बदलाव कर ऑटोमेशन पर फोकस कर रही हैं। इसके माध्यम से कंपनिया मास प्रोडक्शन की ओर जा रही हैं, ताकि कम मार्जिन के बावजूद कंपनियां अग्रसर हो सकें। इसे भांपते हुए मशीन निर्माता कंपनियां भी ऐसी मशीनरी तैयार कर रहीं हैं, जो ज्यादा तेज प्रोडक्शन करने में अग्रसर हों।

loksabha election banner

वहीं कंपनियां कॉस्ट इफेक्टिव करने और कई तरह की प्रोडक्ट रेंज को शामिल करने के लिए मल्टीपर्पज मशीनों पर भी ध्यान दे रहीं हैं ताकि डिमांड के मुताबिक वे एक ही मशीन पर कई तरह के उत्पाद बना सकें। इससे किसी एक सेगमेंट में कमी आने पर दूसरे उत्पाद बनाकर इनपुट कॉस्ट को बेहतर किया जा सकता है। हर साल लुधियाना में एक से दो हजार नई मशीनें लग रही है जो लागत को एक से डेढ़ साल में पूरा कर देती हैं। ऑटोमेशन के कारण हर तरह के डिजाइन और आज की डिमांड के मुताबिक प्रोडक्ट तैयार करने में सहायक हैं।

लुधियाना में 200 से अधिक फ्लैट निटिंग मशीनें लगाई

शरमन निटर्स निट्स के समीर जैन ने बताया कि उनकी कंपनी की ओर से नई नई तरह की मशीनरी मुहैया करवाई जाती है। कंपनी की ओर से प्रस्तुत फ्लैट निटिंग मशीन में मल्टीपर्पज वर्किंग 16 गेज में दी गई है। इसमें टीशर्ट, कॉलर, स्वेटर, शूज के अपर, जुराबें, कैप्स बनाई जा सकती हैं। यह पूर्ण रूप से कंप्यूटराइजड, विभिन्न डिजाइन से लैस हैं। लुधियाना में 200 से अधिक मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इसकी लागत छह महीने में पूरी की जा सकती है।

अब गहरे रंग के रेडी गारमेंट्स पर भी प्रिंटिग

शोरी केमिकल की ओर से मल्टीपर्पज प्रिंटिंग मशीन प्रस्तुत की गई है। टेक्निकल हेड रवि कुमार के मुताबिक यह मशीनरी गहरे रंगो के रेडी गारमेंट्स पर भी प्रिंटिंग कर सकती है। इस समय 70 प्रतिशत गारमेंट्स में प्रिंटिंग की आवश्यकता रहती है। ऐसे में इस मशीन में ईको फ्रेंडली रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपोर्ट गारमेंट्स के लिए यह मशीनरी अहम साबित हो सकती है। 10 लाख की इस मशीन में रोजाना 600 पीस पर प्रिंटिंग की जा सकती है।

एक दिन में बना देती है 500 किलो कपड़ा

नाज इंटरनेशनल ने पांच सौ किलो कपड़ा एक दिन में बनाने वाली मशीन लांच की है। एमडी बबलू नलवा के मुताबिक यह कपड़े बनाने वाली निटिंग मशीन 110 फीडर में है। यह सबसे तेज गति से चलती है। इसमें 216 धागे एक साथ काम करते हैं। इसमें प्लेटिंग आउट नहीं होती, जिससे न तो कपड़ा खराब होता है और न ही समय। इससे पूर्व मशीनरी केवल दो से ढाई सौ किलो कपड़ा ही बना पाती थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.