सांझे अध्यापक मोर्चे ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
सांझे अध्यापक मोर्चे ने अध्यापकों की मांगों को लटकाने और आए दिन तुगलकी फरमान के विरोध में बुधवार को डीसी कार्यालय में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : सांझे अध्यापक मोर्चे ने अध्यापकों की मांगों को लटकाने और आए दिन तुगलकी फरमान के विरोध में बुधवार को डीसी कार्यालय में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद सरकारी पत्रों को भी जलाया। राज्य कन्वीनर हरविदर सिंह बिलगा ने कहा कि सरकार हर रोज नए तुगलकी फरमान जारी कर अध्यापक वर्ग का मानसिक शोषण कर रही है। हाल ही में सरकार ने साल 2018 के बाद पदोन्नत हुए अध्यापकों को कंप्यूटर और विभागीय जरूरी परीक्षा देने का पत्र जारी किया है। जिला कन्वीनर गुरदीप सिंह चीमा, जगजीत सिंह व प्रवीण कुमार ने कहा कि सरकार लंबे समय से अध्यापकों की लंबित मांगों को लेकर टालमटोल कर रही है। उनकी मांगें हैं अध्यापकों से गैर विद्ययक काम न कराया जाए, रूकी पदोन्नति की जाए, संशोधन उपरांत बदली लिस्ट जारी की जाए, कंप्यूटर अध्यापकों का शिक्षा विभाग में विलय हो इत्यादि है। अध्यापकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र न मानी गई तो संघर्ष तेज किया जाएगा।