कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, पानी बचाने पर फोकस करें वैज्ञानिक
मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि रिसर्च आज को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रख कर रिसर्च की जाए।
जेएनएन, लुधियाना। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार को पीएयू में रिव्यू मीटिंग करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। सीएम ने थापर हाल में पीएयू और गडवासू के कामकाज की प्रगति का जायजा लिया। साथ ही कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लगातार गिर रहे भू-जलस्तर पर चिंताई जताई। उन्होंने पीएयू व गड़वासू के वैज्ञानिकों से पानी बचाने के लिए काम करने पर फोकस करने और किसानों से जल्दी पकने वाली धान की फसल लगाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि रिसर्च आज को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रख कर रिसर्च की जाए। साथ ही वैज्ञानिकों को हिदायतें दी कि वे रिसर्च को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं, ताकि इसका लाभ हर किसान को मिल सके। सीएम ने प्रदेश में दुधारू पशुओं खास कर भैंस, गाय की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सेक्स्ड सीमन की तकनीक और भ्रूण तबादले के लिए विश्व स्तरीय कंपनियों के साथ समझौते करने पर जोर दिया है।
उन्होंने साफ किया कि सेक्स्ड सीमन तकनीक डेयरी किसानों के लिए मददगार साबित होगी। इससे सिर्फ मादा बछड़ियों के उत्पादन को यकीनी बनाया जा सकेगा। इससे नर बछड़े एवं कटड़ों को छोड़े जाने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी। कैप्टन ने भ्रूण तबादला तकनीक में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी खोज संस्था एवं पशु पालन विभाग को भी विश्व की कंपनियों एवं वेटरनरी संस्थाओं के साथ इस दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से पशुधन की नस्लों में सुधार लाया जा सकता है और दूध का बेहतर मूल्य पाया जा सकता है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने पशुधन इंकलाब-2030 की रूपरेखा बनाने का आह्वान किया।
मछली पालन को प्रोत्साहित करने पर जोर
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मछली पालन को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहायक धंधों को बढ़ावा देकर किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। कृषि क्षेत्र के बराबर बिजली दरें पशुधन सेक्टर को दिए जाने को लेकर कृषि आयुक्त द्वारा दिए प्रस्ताव पर सीएम ने इसका जायजा लेने के लिए पीएसपीसीएल को आ रही उलझनों की जानकारी देने को कहा।
किसान अपने उत्पादों की मार्केटिंग में हाथ आजमाएं
सीएम ने पशु पालन विभाग को डेयरी, शहद उत्पादन, बकरी पालन, मछली पालन जैसे धंधों को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्ययोजना बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि अब किसान गु्रप अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग में हाथ आजमाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि 11-12 गांवों का एक कलस्टर बनाया जा सकता है। इसमें 7500 पशुधन हों एवं इनको पीएयू एवं गडवासू द्वारा अपनाया जाए।
पीएयू के वीसी ने विश्वविद्यालय की समस्याओं को उठाया
पीएयू के वीसी डॉ. बीएस ढिल्लों ने विश्वविद्यालय की समस्याओं को सीएम के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सिंचाई पानी का प्रबंधन मुख्य चुनौती है। जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। सीएम ने इस पर चिंता जताई और कहा कि कम वक्त में पकने वाली धान की फसल के अलावा पानी बचाने की तकनीक को अपनाना होगा। विकास कार्यो के लिए फंड की कमी नहीं आने देंगे सीएम ने कहा कि आलु एवं अन्य सब्जियों के प्रमाणित बीज के स्तर को नियमित करने के लिए आवश्यक कानून लाना होगा। उन्होंने पीएयू से जैविक तकनीक, नेनो तकनीक, जलवायु परिवर्तन पर काम करने के लिए कहा ताकि कृषि स्थिरता को और मजबूत किया जा सके। सीएम ने भरोसा दिलाया कि खोज एवं विकास कार्यो के लिए फंड की कमी नहीं आने दी जाएगी।
14 करोड़ रुपये से बने मल्टीस्पेशलिटी वेटरनरी रेफरल अस्पताल का उद्घाटन
गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) में बनाए गए मल्टीस्पेशलिटी वेटरनरी रेफरल अस्पताल का सोमवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने औपचारिक उद्घाटन किया। हालांकि, अस्पताल बहुत पहले से ही चल रहा है। कैप्टन सुबह 11 बजे वेटरनरी अस्पताल में पहुंचे। यहां उन्होंने करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से बनाए इस अत्याधुनिक अस्पताल का निरीक्षण भी किया। अस्पताल को देखकर वह काफी प्रभावित हुए। वीसी डॉ. अमरजीत सिंह ने अस्पताल की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में कुत्ते, बिल्लियां और दूसरे छोटे जानवरों के इलाज के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं हैं। इसमें क्रिटिकल केयर, इंडोर वार्ड, एक्स-रे यूनिट, डेंटल एक्सरे, अल्ट्रा साउंड यूनिट, सी आर्म यूनिट फॉर स्मॉल, ओप्थेमोलॉजी यूनिट फॉर कांट्रेक्ट सर्जरी, ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी यूनिट, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सुविधा, अल्ट्रासोनोग्राफी सहित स्टेट आर्ट सुविधाएं हैं।