सिविल अस्पताल में भी खतरे में डेंगू मरीज, बचाव के लिए नहीं दी जा रही ये सुविधा Ludhiana news
बड़े वार्ड में भर्ती किए सभी मरीजों के बेड के साथ मच्छरदानी थी जबकि दूसरे दो वार्डो में बेड के साथ मच्छरदानी नहीं थी।
लुधियाना, जेेएनएन। मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को लेकर सेहत विभाग लोगों को मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह तो दे रहा है, लेकिन खुद ही अपनी सलाह पर अमल नहीं कर रहा। जिले के सिविल अस्पताल में भर्ती डेंगू पीडि़तों को बिना मच्छरदानी के रखा जा रहा है। डेंगू वार्ड में करीब सात मरीजों को बिना मच्छरदानी वाले बैड पर रखा गया है। सभी मरीज डेंगू पॉजीटिव हैं। अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही से दूसरे मरीजों में डेंगू संक्रमण फैलने का अंदेशा है। जबकि, सेहत विभाग की गाइडलाइन के अनुसार डेंगू के मरीजों को मच्छरदानी में रखा जाना चाहिए, जिससे दूसरे मरीजों को डेंगू के संक्रमण से बचाया जा सके।
सिविल अस्पताल में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए तीन वार्ड हैं। एक बड़ा वार्ड है, जिसमें दस बेड हैं जबकि एक-एक कमरे के दो वार्ड हैं। दोनों वार्ड में छह मरीज भर्ती हैं। बड़े वार्ड में भर्ती किए सभी मरीजों के बेड के साथ मच्छरदानी थी जबकि दूसरे दो वार्डो में बेड के साथ मच्छरदानी नहीं थी। इन वार्डो में भर्ती राम नगर मुंडिया निवासी श्री प्रकाश, शिमलापुरी निवासी कुलदीप सिंह, शिमलापुरी निवासी 16 वर्षीय मौनी, दशमेश नगर गली नंबर आठ निवासी 40 वर्षीय हजारी लाल व फतेहगढ़ गुर्जरा निवासी 37 वर्षीय रेशम लाल ने बताया कि वह जब से आए हैं, तब से उन्हें बिना मच्छरदानी वाले बेड पर ही रखा गया है। अस्पताल में मच्छर काफी हैं। वार्ड के साथ अस्पताल परिसर की खाली पड़ी जगह पर भारी गंदगी और पानी भरा हुआ है। वहीं से मच्छर आ रहे हैं। इन मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन की इस व्यवस्था पर रोष जताते कहा कि सिविल सर्जन साहब हम तो अस्पताल में डेंगू का इलाज करवाने आए हैं, लेकिन जिस तरह से यहां की व्यवस्था है, उससे इलाज तो दूर और बीमार हो जाएंगे।
अस्पताल में ही बीमारियां बांटी जा रही हैं। पॉजीटिव मरीज को मच्छरदानी में रखना जरूरी, नहीं तो संक्रमण का खतरा मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह के अनुसार डेंगू पॉजीटिव मरीजों को मच्छरदानी में रखना जरूरी है, बेशक वह अस्पताल में भर्ती हों या घर पर रहें। गलती से अस्पताल या घर के आसपास यदि एडीज एजिप्टी मच्छर घूम रहा हो और वह मच्छर डेंगू पॉजीटिव मरीज को डंक मार ले तो वह भी संक्रमित हो जाएगा। इसके बाद वह मच्छर जिसे भी काटेगा, उसमें डेंगू का वायरस ट्रांसफर हो जाएगा। ऐसे में डेंगू पॉजीटिव मरीज को मच्छरदानी में रखना बेहद जरूरी है।
एसएमओ से जवाब तलब करेंगे: डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट
डिस्ट्रिक एपिडिमोलाजिस्ट डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि अगर सिविल अस्पताल में डेंगू पॉजीटिव मरीजों को मच्छरदानी के बीच में नहीं रखा गया, तो यह लापरवाही है। अस्पताल के एसएमओ से जवाबतलबी की जाएगी, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है। एसएमओ को कहा गया है कि जो भी डेंगू पॉजीटिव मरीज भर्ती हो, उसे एलएलआइएम मच्छरदानी में रखा जाए।
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