गरचा को हटाने के निर्णय का सिटी सेंटर प्रोजेक्ट से लेना-देना नहीं
डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन पंजाब विजय सिंगला ने दावा किया है कि लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तत्कालीन चेयरमैन अशोक सिंह गरचा को हटाए जाने के निर्णय से सिटी सेंटर प्रोजेक्ट का कोई लेना-देना नहीं था।
जासं, लुधियाना : डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन पंजाब विजय सिंगला ने दावा किया है कि लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तत्कालीन चेयरमैन अशोक सिंह गरचा को हटाए जाने के निर्णय से सिटी सेंटर प्रोजेक्ट का कोई लेना-देना नहीं था।
यह दावा उन्होंने बहुचर्चित करोड़ों रुपये के कथित सिटी सेंटर घोटाला केस की सुनवाई के दौरान किया। वह विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट के हक में बोल रहे थे। सेशन जज गुरबीर सिंह की अदालत ने शेष सुनवाई 28 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह सहित अन्य के खिलाफ चल रहे सिटी सेंटर मामले को विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से बंद करवाने के लिए दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट पर वीरवार को अभियोजन पक्ष ने बहस शुरू करते हुए अदालत के समक्ष मामले के कई पहलू रखे। इस दौरान जिला अटार्नी रविंदर कुमार अबरौल, एसएसपी विजिलेंस ब्यूरो रूपिंदर सिंह भी अदालत में उपस्थित थे। वहीं अदालत ने ईडी विभाग को सिटी सेंटर मामले की केस फाइल देखने की दी गई इजाजत पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक के चलते इस पर अपनी सुनवाई 15 दिसंबर को तय की है। स्मरण रहे कि मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह सहित अन्य के खिलाफ आरोप वापस लेने व विजिलेंस द्वारा लुधियाना की अदालत में दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट के बाद एसएसपी विजिलेंस ब्यूरो कंवरजीत सिंह संधू, गवाह सुनील कुमार डे व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने अलग-अलग अर्जिया दाखिल कर चुनौती दी थी। वहीं, सरकारी पक्ष ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान घोटाला सामने आने पर इसकी जाच शुरू करवाई थी। पर मामला दर्ज करने के बाद पुन सिटी सेंटर की हुई जाच के दौरान चालान में लगाए गए आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। इसलिए मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को वापस लेने के लिए नियमों के अनुसार क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है।