दबाव से नहीं, टीम को अपनापन और अधिकार देंगे तो कंपनी करेगी ग्रोथ
टीम पर प्रेशर करने या फिर टार्गेट को लेकर रोजाना परेशान करने से कंपनी तरक्की नहीं कर सकती।
मुनीश शर्मा, लुधियाना
टीम पर प्रेशर बनाने या फिर टारगेट को लेकर रोजाना परेशान करने से कंपनी तरक्की नहीं कर सकती। अगर कंपनी को ग्रोथ के रास्ते पर ले जाना है तो इसके लिए कर्मचारियों को अपनापन और अधिकार देने होंगे। उनकी परेशानियों को समझना होगा और इस बात का आकलन करना होगा कि किस कर्मचारी से कैसा काम लेकर ग्रोथ की जा सकती है। इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए कंपनी की ओर से व्यक्तिगत ऑडिट को तरजीह दी जा रही है और स्किल को बेहतर करने के लिए एंप्लॉय ट्रेनिग और समर्थता के मुताबिक कर्मचारियों के कामकाज में फेरबदल किया जाता है। यह कहना है सिटीजन ग्रुप के एमडी मनजिदर सिंह के बेटे कंपनी के डायरेक्टर एशनूर सिंह सचदेवा का। शिमला में स्कूलिग और थापर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिग
शिमला के बिशप स्कूल से स्कूलिग के बाद एशनूर सिंह ने थापर यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिग की महारत हासिल की। उन्होंने वर्ष 2017 में व्यापार में कदम रखा। इससे पहले भी वे स्टडी के दौरान पिता के कारखाने में आकर तौर-तरीके सीखते थे। कर्मियों के हितों को जानने के लिए नौकरी करने की थी इच्छा
फैक्ट्री में चार्ज लेने से पहले मन में इच्छा थी कि अगर कर्मचारियों के बारे में जाना जाए तभी उनसे काम लिया जा सकता है। ऐसे में कॉलेज के दौरान ही सोचा था कि पहले नौकरी करनी है। ऐसे में तीन कंपनियों में इंटरव्यू के बाद एक कंपनी में मार्केटिंग की जॉब मिली। कुछ दिन काम कर कर्मचारियों की वर्किंग और उनकी समस्याओं को समझा। इसके पश्चात पिता ने अपने बिजनेस में आने को बोला तो मन में था कि केवल एमडी का बेटा बनकर काम नहीं करना, बल्कि खुद की अलग पहचान बनाने के लिए हटकर कुछ करना है। जर्मनी की कंपनी संग अनुबंध के प्रोजेक्ट को खुद संभाला
जब काम में आया तो सिटीजन ग्रुप को जर्मनी की कंपनी बुशेल के साथ काम करने का मौका मिला। इस पर पिता ने जिम्मेदारी दी कि अपने हिसाब से इस कंपनी को चलाऊं और अच्छे नतीजे लाऊं। दो साल से इस कंपनी के लिए काम कर रहा हूं। इसके लिए विदेश दौरे कर वहां के सिस्टम को समझा और इसे लुधियाना में अपनी यूनिट में लागू किया। इसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिग देने के साथ-साथ उनके साथ फ्रैंडली माहौल बनाया। अब कंपनी की टीम ओपन हाउस में चर्चा कर समस्याओं का समाधान करती है और कंपनी की ग्रोथ के लिए सब एक समान काम करते हैं। इसके साथ ही सारे सिस्टम को ऑटोमेशन में तब्दील किया। पिता की मेहनत ने दिखाया रास्ता
पिता मनजिंदर सिंह सचदेवा को बचपन से ही मेहनत करते हुए देखा है और वे सदा अपने वादे के पक्के रहे। उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए ग्रुप का लक्ष्य विश्व की सारी कार निर्माता कंपनियों में अपने उत्पाद शामिल करना है। इसके लिए बेहतर प्रोडक्शन प्रॉसेस, बेस्ट टीम वर्क को तरजीह दी जाएगी। साथ ही विश्व भ्रमण मेरा पैशन है, इसके लिए देश विदेश के दौरे करता रहता हूं और फिटनेस के लिए रोजाना जिम जाता हूं।