पीड़ा ही नहीं कई लोगों की बलि भी ले चुकी है ड्रैगन डोर
बरसों से ड्रैगन डोर पीड़ा दे रही है, मगर इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। पिछले तीन साल में करीबन सौ लोग इस डोर से घायल हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : बरसों से ड्रैगन डोर पीड़ा दे रही है, मगर इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। पिछले तीन साल में करीबन सौ लोग इस डोर से घायल हो चुके हैं। पुलिस की ओर से इस पर अंकुश लगाने के बड़े-बड़े दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। इस बार भी लोहड़ी पर जमकर ड्रैगन डोर का इस्तेमाल हुआ है। इसी दिन चालीस के करीब लोग घायल हुए हैं। फोटो 24 दो साल पहले कटी गर्दन की नस चीमा चौक स्थित पावरकॉम के सुविधा केंद्र में काम करने वाली हरजीत कौर के गले में ड्रैगन डोर लग गई थी, जिससे उनके गले के मास के साथ-साथ अंदर की नस भी कट गई थी। उन्हें आज भी इससे गर्दन में दर्द रहता है। फोटो 25 शादी से तीन माह पहले ले ली थी जान शहर की बस्ती जोधेवाल निवासी गीता नामक युवती की छत पर कपड़े सुखाते समय तब मौत हो गई थी, जब उसने पीछे से कटकर आ रही पतंग की डोर को पकड़ लिया। यह डोर हाईटेंशन तारों से जा लगी थी और इससे उसे करंट लग गया। उसकी फरवरी 2015 में शादी थी और इससे पहले दिसंबर 2014 में उसकी मौत हो गई। फोटो 26 खन्ना में तीन बहनों के भाई की कटी गर्दन खन्ना में 2016 में ललहेड़ी पुल पर स्कूटर सवार रजनीश नामक युवक की मौत हो गई थी। उसके दो बच्चे थे, वह तीन बहनों का एकलौता भाई था। उसका परिवार आज भी इस हादसे को भुला नहीं पा रहा है। फोटो 27 चाइना डोर से बुजुर्ग महिला का पैर कटा बाजार सामान लेने जा रही एक बुजुर्ग महिला का पैर चाइना डोर से कट गया, जिसे इलाज के लिए तुरंत सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। घायल महिला का नाम कमलजीत कौर (60) है। कमलजीत कौर ने बताया कि वह सिविल अस्पताल के नजदीक की है।
सोमवार की शाम वह घर से सामान लेने के लिए निकली। जब अस्पताल के नजदीक मंदिर के समीप पहुंची तो सामने से एक ऑटो आया, जिसके टायरों में चाइना डोर लिपटी हुई थी। सड़क पर चलते समय चाइना डोर उसके पैरों से लिपट गई। चलते ऑटो से चाइना डोर इतनी तेज खींची की उसका पैर काफी गहरा कट गया, जिसके बाद लोगों ने उसे सिविल अस्पताल पहुंचाया। फोटो 28 हवा हवाई आदेशों से कुछ नहीं होगा: एक्शन जरूरी ड्रैगन डोर के खिलाफ मुहिम चला रहे चंद्र कांत चड्ढा का कहना है कि पुलिस के हवा-हवाई आदेशों से कुछ भी नहीं होने वाला है। एक्शन करना होगा। सिर्फ 188 के तहत कार्रवाई कर आरोपित को छोड़ दिया जाता है। इससे कुछ भी नहीं होने वाला है। पुलिस को इसके लिए सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। लोगों को खुद भी इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा।