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प्रिसीपल के घर से मुक्त कराए तीन बाल श्रमिक भाई-बहन

चाइल्ड लाइन वेलफेयर ने बाल सुरक्षा भलाई कमेटी की मदद से साहिबजादा अजीत सिंह नगर की गली नंबर दो स्थित एक महिला प्रिसीपल के घर में दबिश देकर तीन बाल श्रमिकों को मुक्त कराया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 08:58 PM (IST)
प्रिसीपल के घर से मुक्त कराए तीन बाल श्रमिक भाई-बहन
प्रिसीपल के घर से मुक्त कराए तीन बाल श्रमिक भाई-बहन

जागरण संवाददाता, लुधियाना : चाइल्ड लाइन वेलफेयर ने बाल सुरक्षा भलाई कमेटी की मदद से साहिबजादा अजीत सिंह नगर की गली नंबर दो स्थित एक महिला प्रिसीपल के घर में दबिश देकर तीन बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। मौके पर थाना डिवीजन नंबर छह में डीडीआर दर्ज करा बच्चों को दोराहा स्थित हेवल इन एंजल आश्रम के हवाले कर दिया गया।

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जानकारी देते हुए चाइल्ड लाइन वेलफेयर की कोआर्डिनेटर ममता चौधरी ने बताया कि बुधवार देर रात उन्हें 1098 टोल फ्री नंबर पर सूचना मिली थी कि उस मकान में तीन बच्चे रह रहे हैं। इनसे बाल मजदूरी कराई जा रही है। इस पर वीरवार को उन्होंने बाल सुरक्षा भलाई कमेटी की रितु सूद व संदीप सिंह के साथ मिल कर वहां से तीनों नाबालिग बच्चों को रेसक्यू किया गया। उनकी पहचान 13 वर्षीय सुनैना, 11 वर्षीय हरप्रीत कौर तथा 9 वर्षीय अरमान के रूप में हुई। तीनों सगे भाई-बहन हैं। प्राथमिक जांच में पता चला कि तीनों के माता-पिता का देहांत हो चुका है। करीब एक साल पहले शिमलापुरी इलाके में रहने वाली उनकी मौसी उन्हें उस प्रिसीपल के पास छोड़ गई थीं। तीनों वहां घरेलू काम करते थे। उसके बदले में उन्हें खाना और रहने के लिए छत मिली हुई थी। प्रिसीपल ने कहा कि उन्होंने इंसानियत के नाते बच्चों को अपने पास रखा हुआ था। बदले में वो उनके घरेलू काम में हाथ बंटा दिया करते थे। वीरवार उन्हें मुक्त कराने के बाद उनका कोरोना तथा जरनल टेस्ट कराया गया। इसके बाद उन्हें आश्रम में छोड़ दिया गया। ममता चौधरी ने कहा कि अब उन बच्चों को पढ़ने लिखने का अवसर मिल सकेगा ताकि वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें।


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