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युवा वैज्ञानिकों के हौसलों के साथ उड़ान भरेगा चंद्रयान-3, छात्रों ने यहां लगाई सपनों की प्रदर्शनी Ludhiana News

भारत के मिशन चंद्रयान टू से उत्साहित सिविल लाइन स्थित कुंदन विद्या मंदिर के युवा वैज्ञानिकों ने प्रदर्शनी लगाई जिसमें उन्होंने दो कदम आगे बढ़ते हुए चंद्रयान तीन के सपने दिखाए।

By Edited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 06:45 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 02:40 PM (IST)
युवा वैज्ञानिकों के हौसलों के साथ उड़ान भरेगा चंद्रयान-3, छात्रों ने यहां लगाई सपनों की प्रदर्शनी Ludhiana News
युवा वैज्ञानिकों के हौसलों के साथ उड़ान भरेगा चंद्रयान-3, छात्रों ने यहां लगाई सपनों की प्रदर्शनी Ludhiana News

जेएनएन, लुधियाना। ये होनहारों का अंतरिक्ष स्टेशन है, जहां हौसलों के ईधन से तकनीक उड़ान भरती है। इन किशोरों की आंखों में चंद्रयान के ख्वाब नहीं पलते, बल्कि हकीकत में ढलते भी हैं। इसरो के मिशन चंद्रयान टू ने युवा हौसलों को पंख दिए हैं। स्कूली वैज्ञानिकों की तैयारी इतनी सटीक है कि मानो चंद्रयान-3 कभी भी उड़ान भर देगा। केंद्र सरकार ने हाल में जय जवान, जय विज्ञान, जय किसान का नारा दिया। इसका असर युवा पीढ़ी पर भी है। भारत के मिशन चंद्रयान टू से उत्साहित सिविल लाइन स्थित कुंदन विद्या मंदिर के युवा वैज्ञानिकों ने प्रदर्शनी लगाई, जिसमें उन्होंने दो कदम आगे बढ़ते हुए चंद्रयान तीन के सपने दिखाए।

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ग्यारहवीं की छात्रा अदिति कपूर, आदित्य, ऋषि गांधी और ग्यारहवीं ए की सलीना ने स्कूल परिसर में आयोजित विज्ञान व कला प्रदर्शनी में चंद्रयान टू का मॉडल प्रदर्शित किया। लाइन फोलोअर रोबोट के प्रयोग से बनाए गए मॉडल के जरिए स्कूल के युवा वैज्ञानिकों ने चंद्रयान टू के धरती से चंद्रमा तक के संपूर्ण प्रक्षेपण को दर्शाया। युवा वैज्ञानिकों का मॉडल की व्याख्या करने का तरीका इतना अद्भुत था कि प्रदर्शनी में आए हर शख्स ने उन्हें सराहा। यहीं नहीं, विद्याथियों ने उन लोगों को भी आइना दिखाया जो चंद्रयान टू मिशन को फेल बता रहे हैं।

चंद्रयान तीन के लिए सभी अपने-अपने स्तर पर कंट्रीब्यूट करने को तैयार

छात्रा अदिति कपूर, आदित्य, ऋषि गांधी ने कहा कि चंद्रयान टू ने अपने मिशन के 95 फीसद लक्ष्यों को हासिल किया है। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी सही तरीके से काम कर रहा है। लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर के रूप में मिशन का सिर्फ पांच फीसद ही नुकसान हुआ है। बाकी 95 फीसद के रूप में ऑर्बिटर अपना काम कर रहा है। चंद्रयान टू का जो उद्देश्य था, उसे अब हम चंद्रयान तीन से पूरा करेंगे। इसके लिए पूरा देश इसरो के वैज्ञानिकों के साथ है। हम साथ हैं। चंद्रयान तीन के मिशन के लिए फंड की कमी नहीं आने दी जाएगी। देश का हर नागरिक अपने-अपने स्तर पर कंट्रीब्यूट करने को तैयार है।

बच्चों ने आर्टिकल 370 पर भी मॉडल प्रदर्शित किया

प्रदर्शनी में ग्यारहवीं की छात्रा द़ृष्टि ने आर्टिकल 370 पर मॉडल प्रदर्शित किया। इसके जरिए आर्टिकल 370 लगने के नुकसान व हटाने के फायदों को बताया। छात्रा ने बताया कि आर्टिकल 370 हटने से जम्मू कश्मीर और लद्दाख में व्यापक बदलाव होगा और यह बदलाव लोगों के हित में होगा।

नौवीं कक्षा के छात्र ने बनाया वुड वाटर डिस्पेंसर

नौवीं बी के छात्र गुरांश ने वुड वाटर डिस्पेंसर बनाया। गुरांश ने बताया कि मार्केट में इस वक्त जो वाटर डिस्पेंसर बिक रहे हैं, उनमें से ज्यादातर प्लास्टिक के होते हैं। ऐसे में उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा और यू ट्यूब की मदद से लकड़ी के बॉक्स, छह स्माल बैटरी, वेस्ट बॉटल, मोटर, वायर्स की मदद से वाटर डिस्पेंसर बनाया। इसमें जूस व पानी दोनों निकाले जा सकते हैं। इसे बनाने में महज दो हजार रुपये खर्च आया। लकड़ी से वाटर डिस्पेंसर बनाने के पीछे का मकसद प्लास्टिक से परहेज करने का संदेश देना था।

संगीत के जादू को मॉडल के जरिए बताया

म्यूजिक विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी में बारहवीं की छात्रा वाणी व ग्यारहवीं की मेघा ने म्यूजिक एंड साइकोलॉजी मॉडल को प्रदर्शित किया, जिसके जरिए अलग- अलग तरह के म्यूजिक के प्रभावों के बारे में बताया गया। छात्राओं ने कहा कि क्लासिकल म्यूजिक से नींद बेहतर होती है। इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक हमारे मूड को बेहतर बनाता है, जबकि रॉक म्यूजिक हमारी मोटिवेशन को इंप्रूव करता है। वहीं जैज म्यूजिक पेन रिलीफ में मदद करता है। दूसरी तरफ ग्यारहवीं के वैभव व हिमांशु ने रिदम देने वाले इंस्टूमेंट विंड चाइम्स, मंजीरा, लेदर घुंघरू, चुटकी, शेकर के इस्तेमाल से गाने और गजलों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया। इस दौरान म्यूजिक टीचर मंजू दत्ता व कर्णिका शर्मा मौजूद रही।

केमिस्ट्री की केमिस्ट्री से स्टूडेंट्स ने बताया भविष्य

प्रदर्शनी के दौरान साइंस डिपार्टमेंट के विद्यार्थियों ने नो युअर फ्यूचर मॉडल प्रदर्शित किया, जिसमें उन्होंने केमिस्ट्री व केमिकल सब्जेक्ट की इंपारटेंट्स को अलग तरीके से बताया। धोती-कुर्ते व पीले रंग के गमछे में सजे विद्यार्थी ने लोगों को उनका भविष्य बताया।


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