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अग्नि परीक्षा से कम नहीं लोकसभा चुनाव, वोट टारगेट पूरा करने वाला बनेगा जिला परिषद में बाहुबली

लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तौर पर गणित लगाने में जुटी हुई है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 10:47 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 10:47 AM (IST)
अग्नि परीक्षा से कम नहीं लोकसभा चुनाव, वोट टारगेट पूरा करने वाला बनेगा जिला परिषद में बाहुबली
अग्नि परीक्षा से कम नहीं लोकसभा चुनाव, वोट टारगेट पूरा करने वाला बनेगा जिला परिषद में बाहुबली

लुधियाना, [अर्शदीप समर]। लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तौर पर गणित लगाने में जुटी हुई है। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस ने पिछले कुछ महीने पहले जिला परिषद के चुनाव में 25 में से 25 सीटों पर कब्जा जमाया था। इसके बाद से चेयरमैन बनने को लेकर कई नामों पर लगातार चर्चा चल रही थी पर कांग्रेस सरकार ने जिला परिषद के चेयरमैन बनाने के फैसले को पेंङिंग कर दिया ताकि लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जिला परिषद् के सदस्य खुदा का वर्चस्व साबित करें। 

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पार्टी हाईकमान का भी कहना है कि अगर जिला परिषद सदस्य खुद के इलाकों में से ज्यादा से ज्यादा वोट कांग्रेस उम्मीदवार रवनीत बिट्टू के हक में डलवाते हैं तो चेयरमैन को लेकर उनका दावा और अधिक मजबूत हो जाएगा। इसको लेकर सभी जिला परिषद सदस्यों ने जमीनी स्तर पर लगातार काम करना शुरू कर दिया है। जिला परिषद सदस्य गांव-गांव जाकर बिट्टू का प्रचार करने में जुटे हुए हैं।

पार्टी की तरफ से मिला वोट टारगेट

कांग्रेस हाईकमान की तरफ से लगातार सभी क्षेत्रों में सर्वे करवाया जा रहा है। शहरी व देहाती सीटों पर लगातार अलग-अलग सर्वे आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने जहां शहरी सीटों पर कांग्रेस विधायकों को अलग-अलग टारगेट दे दिए हैं। वहीं, देहाती की तीन सीटें विधानसभा गिल, जगराओं और मुल्लांपुर दाखा में भी हाईकमान की तरफ से जिला परिषद सदस्यों, पंचायत के सरपंच और ब्लॉक समिति सदस्यों को अलग-अलग वोट टारगेट दिए हैं ताकि हर ब्लॉक और इलाके से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस को वोट आ सकें। इसके लिए जिला परिषद के सदस्य को अलग से टारगेट दिया जा रहा है, क्योंकि कुछ महीनों में जिला परिषद के चेयरमैन की भी नियुक्ति होनी है, जिसके लिए दावेदार नेता को ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से चेयरमैन लगाया जा सकता है।

नाराज नेताओं को मनाने में जुटे जिला परिषद सदस्य

जिला परिषद चुनाव के दौरान कई नेता जिला परिषद सदस्यों से नाराज हो गए थे। लोकसभा चुनाव से पहले अब जिला परिषद के नेता उन नाराज नेताओं के घर जाकर उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए बागी कार्यकर्ताओं के साथ भी जिला परिषद् सदस्य बैठकें करने में जुटे हुए हैं और उन्हें सरकार में बनते सम्मान देने का आश्वासन भी दिया जा रहा है।

विरोधी दल के लिए देहात में बड़ी चुनौती

कुछ महीने पहले ही जिला परिषद, ब्लॉक समिति और पंचायतों के चुनाव हुए हैं। इसमें कांग्रेस ने वर्चस्व लहराया था। इस चुनाव में विरोधी दल के बहुत कम नेता जीते थे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए जीते हुए सदस्य एक बड़े हथियार के तौर पर काम कर रहे हैं। उधर, विरोधी दल के उम्मीदवारों को गांव में जाकर अधिक से अधिक बैठकें कर जमीनी स्तर पर मजबूत करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विरोधी दल के उम्मीदवारों को जहां एक तरफ सत्ताधारी नेताओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, खुद का आधार बढ़ाने के लिए अलग से रणनीति तैयार करनी पड़ रही है।

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