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केंद्र सरकार ने होल्ड की कई स्कीमें, इंडस्ट्री को झेलनी पड़ रही मार

केंद्र सरकार की कई प्रमुख स्कीमें होल्ड होने से इंडस्ट्री को अपलिफ्ट होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कई अहम स्कीमें जो स्माल एंव माइक्रो यूनिट लिए बेहद जरूरी हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 09:51 AM (IST)
केंद्र सरकार ने होल्ड की कई स्कीमें, इंडस्ट्री को झेलनी पड़ रही मार
केंद्र सरकार ने होल्ड की कई स्कीमें, इंडस्ट्री को झेलनी पड़ रही मार

मुनीश शर्मा, लुधियाना: केंद्र सरकार की कई प्रमुख स्कीमें होल्ड होने से इंडस्ट्री को अपलिफ्ट होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कई अहम स्कीमें जो स्माल एंव माइक्रो यूनिट लिए बेहद जरूरी हैं। इन्हें सरकार की ओर से होल्ड किया गया है। जोकि तेजी से बदल रहे दौर में माइक्रो एंव मीडियम इंडस्ट्री को बदलावों से वाकिफ होने में अहम योगदान प्रदान कर रही थी। इनमें टफ स्कीम, क्रेडिट लिंक कैपिटल सबसिडी स्कीम और क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट स्कीमों को अपग्रेड किए जाना बेहद जरूरी है। कई ऐसी स्कीमें हैं, जिनकी सबसिडी के पैसे आने बंद हो गए हैं और साथ ही कई तो बंद ही हो गई हैं। इसका मुख्य कारण इंडस्ट्री को दो-दो साल तक रिफंड मिलना है। ऐसे में उद्योगपतियों इन स्कीमों का लाभ लेना बंद कर दिया है। इसमें क्रेडिट लिंक कैपिटल सबसिडी स्कीम का हाल सबसे बेहाल है। इस स्कीम के तहत नई मशीनरी लगाने पर पंद्रह प्रतिशत तक की सबसिडी मिलती है, लेकिन तीन साल से लुधियाना के उद्योग के पैसे पेंडिंग होने की वजह से इसपर ब्रेक लगी है। इसी प्रकार इंटरनेशनल कॉरपोरेशन स्कीम के तहत उद्यमी विदेश दौरे कर अपग्रेडेशन के लिए सबसिडी लेते थे। इसमें भी कई इस तरह के कानून बना दिए गए हैं, जोकि इंडस्ट्री के लिए पूरा कर पाना संभव नहीं है। प्रक्रिया सरल न होने की वजह से इंडस्ट्री को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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फोपसिया के अध्यक्ष बदीश जिंदल के मुताबिक सरकार देश की बदतर हो रही एमएसएमई इंडस्ट्री को बचाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दे रही है। नियमों को सख्त करने के बावजूद भी सरकार के पास सबसिडी देने के लिए पैसा नहीं है। जिस कारण उद्योगों को महंगे कर्जो पर अपग्रेडशन करनी पड़ रही है। सरकार को चाहिए कि स्कीमों को गाइडलाइन के हिसाब से चलाया जाए, जिससे कि उद्योगों को समय पर सबसिडी मिल सके। इसके साथ ही इसकी प्रक्रिया इतनी सरल होनी चाहिए कि इसका लाभ हर उद्यमी ले सके। ्र

जी-13 फोरम के उमेश कुमार नारंग के मुताबिक सरकार को इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए योजनाओं को बंद या होल्ड करने की बजाय, तत्काल रिस्पास का कन्सेप्ट रखना चाहिए। डिजिटलाइजेशन के दौर में इंडस्ट्री को फास्ट ट्रैक प्रक्रिया अपनानी चाहिए। सुरिंदरा साइकिल के हरजीत सिंह सौंद के मुताबिक सरकार को स्कीमों को समय-समय पर अपग्रेड करना चाहिए न कि इसे बंद या स्थगित करना चाहिए। केंद्र की कई स्कीमों से इंडस्ट्री ने लाभ लेकर अपग्रेडेशन की है, लेकिन इनकी प्रक्रिया फास्ट होनी चाहिए।


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