पंजाबी भाषा को सम्मान दे केंद्र सरकार
पंजाबी भाषा प्रचार प्रसार भाईचारा ने रानी झांसी चौक में तख्तियां व बैनर पकड़ केंद्र सरकार से मांग की कि जम्मू-कश्मीर में पंजाबी को पहले की तरह ही सरकारी भाषा का दर्जा दिया जाए।
जागरण संवाददाता, जगराओं : पंजाबी भाषा प्रचार प्रसार भाईचारा ने रानी झांसी चौक में तख्तियां व बैनर पकड़ केंद्र सरकार से मांग की कि जम्मू-कश्मीर में पंजाबी को पहले की तरह ही सरकारी भाषा का दर्जा दिया जाए। प्रो. कर्म सिंह संधू ने कहा कि पंजाबी गुरमुखी भाषा है जिसने कोने-कोने में जाकर लोगों को जागरूक किया है और सच का उपदेश दिया। लेक्चरर अवतार सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार अपने इस घटिया फैसले को तुरंत वापस लेकर पंजाबी भाषा को सत्कार दे। राजस्थान में पंजाबी भाषा के साथ भेदभाव सहन से परे है। गुरप्रीत सिंह भजनगढ़ ने पंजाबी प्रेमियों को संदेश देते कहा कि दुनिया में लगभग 7000 भाषाएं बोली जाती हैं और पंजाबी को 10वां दर्जा प्राप्त है, फिर भी केंद्र द्वारा घटिया राजनीति की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पंजाबी भाषा को सत्कार नहीं दिया तो संघर्ष किया जाएगा। मौके पर गुरप्रीत सिंह भजनगढ़, मास्टर हरनेक सिंह, प्रिंसिपल चरणजीत सिंह भंडारी, बलविदर सिंह मक्कड़, सतपाल देहड़का, सुखदेव सिंह नसराली, नरिदर पाल सिंह फोरमैन, प्रताप सिंह कोआर्डिनेटर, आइपीएस वछेर, मनप्रीत सिंह हेड ग्रंथी, सुखमिदर सिंह आशु, प्रभजोत सोही, राजदीप तूर मौजूद थे। शिक्षकों ने अभिभावकों से शैक्षणिक चर्चा की
जिला शिक्षा अफसर राजिन्दर कौर की अध्यक्षता में सरकारी एलिमेंट्री स्कूल तलवंडी राय ने ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर दूसरी और तीसरी कक्षा के बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक की। इसकी शुरुआत मुख्य अध्यापक गुरप्रीत सिंह संधू ने की। इसके बाद लॉकडाउन के दौरान पढ़ाई, मिड डे मील व किताबों का वितरण, टीवी प्रोग्राम, टेस्ट, शैक्षिक मुकाबले और कोविड-19 के बचाव पर बातचीत हुई।