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25 लाख की रिश्वत लेने के मामले में CBI की दबिश, DRI के ADG को किया गिरफ्तार

लुधियाना में तैनात DRI के अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) को केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 04:35 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 10:07 AM (IST)
25 लाख की रिश्वत लेने के मामले में CBI की दबिश, DRI के ADG को किया गिरफ्तार
25 लाख की रिश्वत लेने के मामले में CBI की दबिश, DRI के ADG को किया गिरफ्तार

जेएनएन, लुधियाना। CBI ने बुधवार को घूसखोरी में राजस्व गुप्तचर निदेशालय (DRI) के अतिरिक्त महानिदेशक चंद्रशेखर और दो बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया। चंद्रशेखर लुधियाना में तैनात हैं। CBI का दावा है कि दिल्ली के एक निर्यातक से इन लोगों ने तीन करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 25 लाख रुपये लेते समय CBI ने बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया। DRI अधिकारी को जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया।

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अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए बिचौलियों में राजेश ढांडा और क्लीयरिंग हाउस का एजेंट अनूप जोशी शामिल हैं। लुधियाना का होजरी निर्यातक राजेश ढांडा DRI अधिकारी का करीबी बताया जाता है। DRI ने जून 2019 में दिल्ली की एक निर्यातक कंपनी पर छापेमारी की थी और उसके दस्तावेज जब्त कर लिए थे। जब्त दस्तावेज से करोड़ों रुपये के शुल्क की चोरी का पता चला था। कार्रवाई नहीं हो इसके लिए बिचौलियों ने ADG और एक्सपोर्टर के बीच डील करवाई थी।

अनूप जोशी ने निर्यातक को बताया था कि लुधियाना का एक होजरी निर्यातक ADG का अच्छा दोस्त है और वह उसके लिंक में है। वह तीन करोड़ रुपये मांग रहे हैं। उसे धमकी दी गई कि उसने बात नहीं मानी तो कार्रवाई होगी ही। दिल्ली का निर्यातक CBI के पास पहुंचा और CBI ने दिल्ली के एक होटल में जाल बिछाया रिश्वत की पहली किस्त लेते समय बिचौलियों को दबोच लिया।

ढांडा की कंपनी पर 2012 में पड़ा था छापा: 2012 में ढांडा की कंपनी सेंचुरी निटर्स इंडिया लिमिटेड के परिसर व उनके तमाम ठिकानों पर DRI ने छापा मारा था। बताया जाता है कि ढांडा पर बोगस बिलिंग और ओवर इनवाइसिंग से करोड़ों रुपये की कर चोरी किए जाने का पता चला था। इसके बाद ढांडा की DRI अफसरों से नजदीकियां बढ़ी और वह निर्यातकों और DRI अधिकारियों के बीच लेन-देन तय करने लगा था।

CBI ने चार घंटे तक शहर में की जांच

CBI की टीम ADG चंद्रशेखर और दलाल को लेकर बुधवार दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे लुधियाना पहुंची। उनके साथ राजेश ढांडा भी था। CBI ने घुमार मंडी स्थित DRI ADG के कार्यालय में दस्तावेजों की छानबीन की और कई दस्तावेज कब्जे में ले लिए। इसके बाद वह ADG के ग्रैंड वॉक मॉल के सामने स्थित मारवल होम्स में भी छानबीन की। टीम ने ढांडा के कुछ ठिकानों पर भी जांच की।

लुधियाना के एक्सपोर्टर से कागजात की जांच न करने लिए मांगे थे तीन करोड़

CBI ने ADG चंद्रशेखर के साथ दिल्ली के अनूप जोशी व लुधियाना के होजरी निर्यातक राजेश ढांडा को भी गिरफ्तार किया गया है। DRI ने जून 2019 में दिल्ली की एक एक्सपोर्ट कंपनी पर रेड की थी और उसके कागजात हासिल कर लिए थे। कार्रवाई नहीं हो इसके लिए दलालों ने DRI के ADG और एक्सपोर्टर के बीच तीन करोड़ रुपये रिश्वत की डील करवाई थी। बुधवार को CBI की टीम DRI के ADG और दलाल को लेकर लुधियाना पहुंची।

DRI ने जून 2019 में जो दस्तावेज जब्त किए थे, उनमें करोड़ों रुपये की ड्यूटी चोरी सामने आई थी। दिल्ली के एजेंट अनूप जोशी ने निर्यातक से ADG की डील करवाने की बात की थी। उसने निर्यातक को बताया कि लुधियाना का एक होजरी निर्यातक ADG का अच्छा दोस्त है और वह उसके ङ्क्षलक में है। वह उससे तीन करोड़ रुपये मांग रहे थे। उसे धमकी दी जा रही थी कि अगर उसने बात नहीं मानी तो कार्रवाई होनी तय है। इस पर दिल्ली का निर्यातक CBI के पास पहुंचा और CBI दिल्ली ने एक होटल में ट्रैप लगाया, जिससे मामले का पर्दाफाश हुआ। CBI के अनुसार तीन करोड़ में से पहली किश्त के तौर पर 25 लाख रुपये लिए जा रहे थे।

CBI ने चार घंटे शहर में की जांच

CBI की एक टीम दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे लुधियाना पहुंची। बताया जा रहा है कि उनके साथ गिरफ्तार ADG चंद्रशेखर एवं लुधियाना के होजरी निर्यातक राजेश ढांडा भी थे। CBI ने घुमार मंडी स्थित DRI ADG कार्यालय में दस्तावेजों की छानबीन की और कई दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। इसके बाद वह ADG के ग्रैंड वॉक मॉल के सामने स्थित मारवल होम्स में भी छानबीन की। बताया जा रहा है कि CBI ने एडीसी का लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है। टीम ने राजेश ढांडा के कुछ ठिकानों पर भी जांच की। सूत्रों के अनुसार टीम दोनों को वापस दिल्ली ले गई है।

ढांडा की कंपनी पर पर पड़ा था DRI का छापा

वर्ष 2012 में राजेश ढांडा की कंपनी सेंचुरी निटर्स इंडिया लिमिटेड के परिसर व उनके तमाम ठिकानों पर DRI ने छापा मारा था। बताया जाता है कि राजेश ढांडा पर बोगस बिल्डिंग और ओवर इनवाइसिंग से करोड़ों रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया था। इसके बाद ही ढांडा की DRI अफसरों से नजदीकियां बढ़ गई थीं और वह निर्यातकों और DRI अधिकारियों के बीच लेन-देन की डीलिंग करने लगा था।

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