कैप्टन सरकार ने अॉड-ईवन सिस्टम लागू कर व्यापारियों को मौत के मुंह में धकेलाः सुनील मेहरा
सुनील मेहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सितंबर में कोरोना के पीक पर होने की जो भविष्यवाणी की है उससे बाहर से आने वाले व्यापारी अब पंजाब में आने से कतराने लगे है।
लुधियाना, जेएनएन। कोरोना महामारी के दौरान पंजाब में केवल अफसरशाही ही राज कर रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व्यापारियों से सलाह किए बिना केवल अफसरशाही के कहने पर ही नए फरमान जारी कर रहे है। इन फरमानों का सबसे बुरा प्रभाव पंजाब के व्यापारियों पर पड़ रहा है। उक्त शब्द पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के राज्य महासचिव सुनील मेहरा, राज्य सचिव महिंद्र अग्रवाल, चेयरमैन पवन लहर, जिला अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मक्कड ने कहे।
सुनील मेहरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह फेसबुक पर लाइव होकर रोजाना नए फरमान जारी करते है। उन्होंने सितंबर में कोरोना के पीक पर होने की जो भविष्यवाणी की है, उससे बाहर से आने वाले व्यापारी अब पंजाब में आने से कतराने लगे है। पंजाब का पूरे देश से लिंक टूट चुका है। आम जनता को मेडिकल सुविधा देने की बजाये अब कैप्टन सरकार ने अॉड-ईवन का फार्मूला लागू कर 50 फीसद दुकानें खोलने का जो नया फरमान जारी किया है, उसने व्यापारियों को मौत के मुंह में धकेल दिया है। सचिव महिंदर अग्रवाल ने कहा कि अगर शराब के ठेके, रेस्टोरेंट, होटल सात दिन खुल सकते है तो फिर व्यापारियों की दुकानें क्यों नहीं खुल सकती। इससे साफ जाहिर होता है कि शराब की दुकानें खुलने से कोरोना नहीं आता, व्यापारियों की दुकानें खेलने से कोरोना आता है।
सरकार ने अपनी कमाई के सारे साधन खोल लिए है, परंतु व्यापारियों की अनदेखी की जा रही है। चेयरमैन पवन लहर व जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड ने कहा कि कैप्टन साहिब ने अॉड-ईवन फार्मूला तो लागू कर दिया परंतु अफसरशाही व पुलिस विभाग की नाकामी की वजह से व्यापारी अभी तक कंफ्यूज है कि किस मार्किट में कौन सी दुकान खुलनी है। शहर के अंदरूनी बाजारों में बहुत बुरा हाल है।अगर यही हाल रहा तो व्यापारी कहां से दुकानों के खर्चे, बिजली के बिल, किराया, दुकान पर काम करने वाले लड़कों की सैलरी, आपने खर्चे निकलेगा।