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सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुनाम में किया शहीद ऊधम सिंह के कांस्य से बने बुत का उद्घाटन

शहीद ऊधम सिंह के शहीदी समागम में हिस्सा लेने के लिए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह सुनाम पहुंच गए हैं। वहीं सीएम के आने से पहले यहां स्वतंत्रता सेनानियों के पारिवारिक सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और बिजली बिल माफ करने की मांग की।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 03:28 PM (IST)
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुनाम में किया शहीद ऊधम सिंह के कांस्य से बने बुत का उद्घाटन
शहीद ऊधम सिंह के शहीदी समागम को संबोधित करते सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह। जागरण

जागरण संवाददाता, संगरूर। शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस पर सुनाम में राज्यस्तरीय समागम आयोजित किया गया। इस दौरान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद ऊधम सिंह के कांस्य से बने बुत का उद्घाटन किया। सीएम ने कहा कि पंजाब ने आजादी का लड़ाई ने अहम योगदान दिया है।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंडमान की सेलुलर जेल में जान न्योछावर करने वाले अनगिनत गुमनाम नायकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान के तौर पर एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। यह स्मारक वतन के परवानों को समर्पित होगा, जिनको कालेपानी के तौर पर जानी जाती बेरहम सजा भुगतनी पड़ी थी।

मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सुनामी से तबाह हुए इलाके का दौरा करने के मौके पर अंडमान टापू में सेलुलर जेल के दौरे को याद करते हुए कहा कि उनको यह जानकर बहुत हैरानी हुई थी कि वहां दीवारों पर शहीदों के खुदे हुए नामों में से वह किसी को भी नहीं जानते थे। उन्होंने कहा कि यह शहीद कालेपानी की सज़ा भुगतते हुए गुमनामी में ही इस जहान से चल गए। उनकी यादें भी जेल तक ही सीमित होकर रह गई। उन्होंने कहा, ‘‘मातृभूमि के लिए बलिदान देने वालों को अपेक्षित सम्मान देना हमारा फर्ज है।’’

बता दें, सुनाम में शहीद ऊधम सिंह के तांबे की आदमकद प्रतिमा व स्मारक बनाया गया है। इस स्मारक पर 6.40 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसमें से ज़मीन की कीमत पर 3.40 करोड़, जबकि बाकी 3 करोड़ रुपये इसके निर्माण पर खर्च किए गए। महान क्रांतिकारी के 82वें शहीदी दिवस के मौके पर श्रद्धा-सुमन भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान शहीद का मिसाली बलिदान हमारी नौजवान पीढ़ी में राष्ट्रीयता और देशभक्ति का जज़्बा पैदा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने स्थानीय लीडरशिप को इस स्मारक का सही ढंग से रख-रखाव करने की अपील की।

इस दौरान मुख्यमंत्री शहीद ऊधम सिंह के वारिसों को भी मिले और सम्मान के तौर पर उनको शॉल से सम्मानित किया, जिनमें जीत सिंह, ग्यान सिंह, रणजीत कौर, जीत सिंह पुत्र बचन सिंह, मोहन सिंह, श्याम सिंह, गुरमीत सिंह और मलकीत सिंह (सभी सुनाम निवासी) शामिल थे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, डायरेक्टर पर्यटन कंवलप्रीत बराड़, डिप्टी कमिश्नर रामवीर, डीआइजी विक्रमजीत दुग्गल और एसएसपी विवेक शील सोनी, कांग्रेस नेता दमन थिंद बाजवा आदि उपस्थित थे।

कांग्रेस सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह अंतिम वर्ष में शहीद ऊधम सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सुनाम पहुंचे। इससे पहले राज्यस्तरीय समागम के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह का दौरा रद होता रहा है। बेशक वर्ष 2019 दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद शहीद की यादगार की नींव रखने के लिए पहुंचने वाले थे, लेकिन ऐन वक्त पर बारिश के कारण मौसम खराब होने के चलते उनका दौरा रद कर दिया गया और कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने शिरकत की थी।

300 यूनिट फ्री बिजली केे लिए प्रदर्शन   

सीएम के पहुंचने से पहले फ्रीडम फाइटर्स उत्तराधिकारी संगठन पंजाब के प्रधान हरिंदरपाल सिंह खालसा की अगुवाई में स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों ने प्रदर्शन किया। शहीदी समागम की तरफ बढ़ते प्रदर्शनकारियों की पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई। स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों ने शहीदी समागम दौरान किसी भी सियासतदान को श्रद्धांजलि भेंट न करने देने का एलान किया। पुलिस से धक्कामुक्की के बाद प्रदर्शनकारियों ने शहीदी समागम स्थल की तरफ जाते मुख्य मार्ग पर धरना लगाकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

सीएम के पहुंचने से पहले प्रदर्शन करते स्वतंत्रता सेनानियों के वारिस। जागरण

यूनियन के प्रांतीय प्रधान हरिंदरपाल सिंह खालसा व प्रांतीय सचिव मेजर सिंह बरनाला ने बताया कि पंजाब सरकार ने एक वर्ष पहले स्वतंत्रता सेनानियों के वारिसों व परिवारों को 300 यूनिट बिजली माफ करने का एलान किया था। साथ ही एक किलोवाट की शर्त हटाने का वादा किया था, लेकिन इसकी अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है।

इससे पहले संगठन द्वारा चेयरमैन बिजली बोर्ड पटियाला के कार्यालय व मोती महल के समक्ष भी धरना दिया गया गया था। तब एसडीएम द्वारा लिखित रूप से आश्वासन दिया गया था कि 30 जुलाई को सचिव पावरकाम पंजाब व सिविल सचिव वन चंडीगढ़ के साथ उनकी बैठक कराई जाएगी, लेकिन, एक दिन पहले ही बैठक यह कहते हुए रद कर दी गई कि सचिव का तबादला हो गया है। इस मौके जिला प्रधान सियासत सिंह संगरूर, मनजीत सिंह जिला सचिव, जगदीप सिंह जिला प्रधान पटियाला, निर्भय सिंह आदि उपस्थित थे। 


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