पालिसी में फेरबदल कर पहुंचाया था ठेकेदार को फायदा, फूड सप्लाई विभाग के अफसरों से भी होगी पूछताछ
फूड सप्लाई विभाग में अनाज मंडी से फसल उठाने के लिए के लिए चहेते ठेकेदार को टेंडर देने लिए पालिसी में बदलाव किया गया था। ये बात विजिलेंस टीम की प्राथमिक जांच में सामने आई और ठेकेदार तेलू राम के जरिए अब विजिलेंस टीम फूड सप्लाई विभाग के बड़े अफसरों और पूर्व मंत्री तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
दिलबाग दानिश, लुधियाना : फूड सप्लाई विभाग में अनाज मंडी से फसल उठाने के लिए के लिए चहेते ठेकेदार को टेंडर देने लिए पालिसी में बदलाव किया गया था। ये बात विजिलेंस टीम की प्राथमिक जांच में सामने आई और ठेकेदार तेलू राम के जरिए अब विजिलेंस टीम फूड सप्लाई विभाग के बड़े अफसरों और पूर्व मंत्री तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। बुधवार को विजिलेंस ने गिरफ्तार किए गए ठेकेदार तेलू राम को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश कर दस दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन अदालत ने उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा और उसे शनिवार को फिर से अदालत में पेश करना होगा। उधर, पुलिस रिमांड मिलते ही विजीलेंस रेंज कार्यालय में तेलू राम से अफसरों ने लंबी चौड़ी पूछताछ की गई है। उससे उन अफसरों के नाम पूछे जा रहे हैं, जिन्होंने उसे फायदा पहुंचाने के लिए पालिसी में ही बदलाव कर दिया। अब विजिलेंस की टीम विभाग के अफसरों से भी पूछताछ कर सकती है।
मिली जानकारी के मुताबिक जांच में सामने आया है कि वर्ष 2019-20 तक पालिसी में सिर्फ गेहूं की आमद के अनुसार क्लस्टर की कैपेसिटी फिक्स होती थी। बाद में फूड सप्लाई विभाग चंडीगढ़ की तरफ से वर्ष 2020-21 की जारी की गई पालिसी में गेहूं के साथ धान की भी आमद के अनुसार क्लस्टर की कैपेसिटी फिक्स कर दी। इसके कारण क्लस्टरों की टर्नओवर बढ़ गई और कंपीटिशन कम हो गया। इसके बाद क्लस्टरों के रेट में बढोतरी देखने को मिली और काफी ठेकेदार इसमें हिस्सा नहीं ले सके। शिकायतकर्ता गुरप्रीत सिंह के अनुसार उसने वर्ष 2019-20 में सिर्फ 2.25 करोड़ रुपये का काम किया था, जिस कारण वह ज्यादा रेट का टेंडर नहीं डाल सका। इसके अलावा कई ठेकेदारों की छोटी-छोटी कमियां निकालकर उनका ठेका भी रद कर दिया गया था। विजिलेंस टीम अपनी पूरी जांच इसी पर फोकस कर रही है। यही नहीं, टेंडर लेने के लिए ठेकेदार तेलूराम, जगरूप सिंह और गुरदास राम की तरफ से जिन वाहनों के नंबर दिए गए थे, वह दोपहिया वाहनों के थे। इसके बावजूद इनके गेट पास को बिना वेरीफाई किए ही पेमेट कैसे क्लीयर हो गई, इसकी जांच भी विजिलेंस ने शुरू कर दी है।
कैबिनेट मंत्री के नजदीकी को जांच में शामिल होने का आदेश
विजिलेंस विभाग ने पूर्व कैबिनेट मंत्री के बेहद नजदीकी मीनू पंकज मल्होत्रा को भी जांच में शामिल होने के लिए कहा है। विजिलेंस के एक अधिकारी ने बताया कि हमने उनके घर जांच के लिए टीम भेजी थी और वह घर नहीं मिले और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में उसकी भी इस मामले में भूमिका पाई गई है। विजिलेंस को ठेकेदार तेलू राम से मीनू पंकज मल्होत्रा से संबंधों के कुछ सबूत मिले हैं। इन्हें ही क्रास चेक करने के लिए उन्हें जांच में शमिल होने के लिए कहा गया है।
गेट पास वेरीफाई किए बिना अदायगी जांच का अहम विषय
एसएसपी विजिलेंस रेंज रविदरपाल सिंह का कहना है कि गेट पास पर दर्ज किए गए नंबरों को वेरीफाई किए बिना ही अदायगी कर दी गई। हमारी जांच पूरी तरह से इसी पर फोकस है। इसके अलावा पालिसी में बदलाव कर दोनों फसलों के क्लस्टर कैसे बनाए गए, इस सवाल का जवाब भी हम तलाश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में कई अफसरों को नामजद किया जा सकता है और उन्हें गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जाएगी।