गजल से महफिल हुई गुलजार
जासं, जगराओं: साहित्य सभा की मासिक बैठक सभा के सरपरस्त अवतार जगराओं की अध्यक्षता में स्काइवे इंस्टीटयूट में हुई।
जासं, जगराओं: साहित्य सभा की मासिक बैठक सभा के सरपरस्त अवतार जगराओं की अध्यक्षता में स्काइवे आइलेट्स इंस्टीट्यूट में हुई। इस मौके पर गीतकार देव थरीके वालों की पत्नी प्रीतम कौर, डॉ.परमिंदर सिंह की पत्नी कंवलजीत कौर, डॉ.हरदिल जीत सिंह गोसल प्रिंसिपल नेशनल कॉलेज नारंगवाल व पंजाबी गायक लाल चंद यमला जट्ट के पुत्र जसदेव यमला को श्रद्धांजलि भेंट की गई। इस मौके पर लेखक व गीतकार राजदीप तूर ने पिछली मीटिंग की रिपोर्ट पढ़ी। रचनाओं के दौर में इशर सिंह मौजी ने लघु कहानी माहिर, भूपिंदर चौकीमान ने लघु कहानी चाबी, गुरदीप मानकू ने लघु कहानी दोनों हाथ, दविंदरजीत बुजुर्ग ने तिरपत भट्टी की लघु कहानी रिंझदा मास सुनाई। रविंदर अनाड़ी ने गुरदीप भाटिया की गजल सुनाई कि खिड़कियों के पर्दे गिरा देंगे, अंदर का सच स्वयं से कहा छिपा देंगे। प्रो कर्म सिंह संधू ने बाबा नजमी की गजलें आखों में समुद्र रखा मैंने, अवतार जगराओं ने गजलें अब तो तेरे चेहरे पर रौनक है, इसलिए तो मेरे पर भी रौनक है और सच्चे यार गवा पछताना पड़ता है। साझी की। बलवंत सिंह मुसाफिर ने गजल, धोए दाग समय के धुलते नहीं, दाग आखिर दिन दिलों पर छिपते नहीं। सुनाकर वाह-वाही लूटी। हरबंस सिंह अखाड़ा ने गंजा डॉक्टर दे रहे दारू बड़ी कमाल, कोर्स तीन हजार का, गज गज लंबे बाल सुनाकर खूब वाह-वाही लूटी।
अखाड़ा साहिब पंजाबी पैंतीस के अक्षरों पर आज कल दोहे लिख रहे है, उनमें से आज ग अक्षर पर लिखे दोहे साझा किए। जसकरण सिंह ने अपनी बुलंद आवाज में अपनी कविता खंडा बा तरन्नम सुनाई। राजदीप तूर ने अपनी गजल तूफान का सामना किया, हवाओं संग लड़े पत्ते, तैरे यह नदियों में भी, धूपों में जले पत्ते सुनाकर उपस्थिति दर्ज करवाई। सुनाई गई रचनाओं पर लेखकों, कवियों, गीतकारों व साहित्यकारों ने चर्चा भी की। अंत में सभा के सरपरस्त अवतार जगराओं ने आए सदस्यों का धन्यवाद किया।