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राखी पर शहर के बाजार हुए गुलजार, कोरोना के डर के कारण महज तीस फीसद रहा कारोबार

छोटे बच्चों के लिए कार्टून करेक्टर का चलन है। वहीं बाजार में किशोरों के लिए कूल भाई मूूंछ वाला भाई प्यारा भाई स्वैग समेत कई तरह के स्लोगनों के साथ आकर्षक राखियां हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 09:53 AM (IST)
राखी पर शहर के बाजार हुए गुलजार, कोरोना के डर के कारण महज तीस फीसद रहा कारोबार
राखी पर शहर के बाजार हुए गुलजार, कोरोना के डर के कारण महज तीस फीसद रहा कारोबार

लुधियाना, राजीव शर्मा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन को लेकर शहर के बाजार गुलजार हो गए हैं, लेकिन इस बार कोरोना का डर भी बरकरार है। बाजार में एक से बढ़ कर एक राखियां आई हैं। जहां छोटे बच्चों के लिए कार्टून करेक्टर का चलन है, वहीं किशोरों के लिए कूल भाई, मूूंछ वाला भाई, प्यारा भाई, स्वैग समेत कई तरह के स्लोगनों के साथ आकर्षक राखियां बाजार में हैं। चीन के खिलाफ चल रही तनातनी को लेकर इस सीजन में चीन से राखी नहीं आई, स्वदेशी का ही चलन है।

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इसके अलावा कस्टमाइज्ड राखियों में भाई की फोटो वाली राखी, फोटो वाली चॉकलेट राखी की भी मांग है। इसके अलावा तरह-तरह के गिफ्ट हैंपर भी आकर्षित कर रहे हैं। उधर, कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के चलते लगी सरकारी शर्तों का कारोबार पर विपरीत असर हुआ है। पिछले साल के मुकाबले केवल 25 से तीस फीसद ही कारोबार है। लोग पैकिंग वाली राखी को अधिक तवज्जो दे रहे हैं।

बाजार में राखी के पैकेज में पूजा की डिजाइनर थाली जिसमें स्वास्तिक, दो कटोरी, रोली, चावल, मोली इत्यादि सामान है। इसके अलावा हैंड मेड राखी का भी चलन बढ़ा है। इसके साथ ही कई तरह के राखी के धागों को भी ग्राहक पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा ठाकुर जी की विशेष राखी भी लोग ले रहे हैं। विवाहिताओं के लिए खास राखी वाली चूड़ी व कंगन भी बाजार में आए हैं।

राखी के साथ आया सैनिटाइजर का पाउच

कोरोना महामारी के बीच त्योहार का आनंद भी पूरा बरकरार रहे, इसे देखते हुए कंपनियों ने राखी के साथ सनिटाइजर का पाउच भी उपलब्ध कराया है। ताकि राखी बांधने से पहले पहले भाई-बहन खुद को सैनिटाइज करें। बाजार में इस तरह की राखी की काफी मांग है।

गुड़ मंडी स्थित होलसेल कारोबारी जैन राखी के संचालक विजय जैन व विनय जैन के अनुसार कोरोना के चलते फिजिकल डिस्टसिंग रखनी पड़ रही है। ऐसे में दुकान में एक वक्त पर तीन चार से अधिक ग्राहक नहीं आ सकते। साफ है कि ग्राहक भी खुल कर नहीं आ रहा है। इसके अलावा शाम को दुकानें जल्द बंद हो जाती है। लोगों में भी संक्रमण का डर है। इसके साथ ही कोरियर सेवाएं भी सामान्य नहीं हैं। नतीजतन पिछले साल के मुकाबले बिक्री केवल पच्चीस से तीस फीसद है। उनका कहना है कि 95 फीसद से अधिक राखी स्वदेशी है, सिर्फ जिनके पास पिछले साल की चीन की राखी पड़ी है, वहीं बेच रहे हैं। कोरोना के चलते ज्यादातर माल ऑनलाइन सैंपल देख कर बुकिंग कराने के बाद ही आया है।

आरूषि डिफाइनिंग लाइफ की संचालिका अरूषि गुप्ता ने कहा कि कस्टमाइज्ड राखी में बच्चों की फोटो के साथ कार्टून करेक्टर वाली राखी की काफी मांग है। इसके अलावा कुल्हड में मेल्टेड चॉकलेट का भी गिफ्ट पैक तैयार किया गया है। बेक बावर्ची की संचालिका नगीशा शर्मा के अनुसार भाई, बहन व स्वजनों की फोटो वाली चाकलेट राखी खास तौर पर तैयार की गई है। इसकी अच्छी मांग निकल रही है। इसके अलावा चाकलेट, ब्राउनी एवं केक जार के साथ विशेष गिफ्ट हैंपर की बिक्री भी अच्छी है।

एमजे क्राफ्ट की संचालिका मेघा जैन का कहना है कि पांच फीट का जंबो बुके लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा कॉफी हैंपर की मांग भी बेहतर है। उन्होंने कहा कि कस्टमाइज्ड राखी को भी ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयार किया जा रहा है। फील्ड गंज स्थित श्री बाला जी के संचालक राजकुमार के अनुसार कोरोना के चलते इस बार लोग खुली राखी की बजाए पैकग वाली को अधिक तवज्जो दे रहे हैं। भाभी की राखी का ट्रेंड भी बेहतर है।

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