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पंजाब में रेलगाड़ियाें का परिचालन ठप होने से उद्योगों की हालत खराब, कच्चे माल की भारी कमी

आपूर्ति में देरी से उद्यमियों पर भारी जुर्माने का संकट मंडरा रहा है। आयातित कच्चे माल पर आधारित उद्योगों में उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस बारे में जल्द ही उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेगा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 04:18 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 10:30 AM (IST)
पंजाब में रेलगाड़ियाें का परिचालन ठप होने से उद्योगों की हालत खराब, कच्चे माल की भारी कमी
लुधियाना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर पड़ा व्यापारियों का माल।(जेएनएन)

लुधियाना, जालंधर, जेएनएन। पंजाब में रेलगाडिय़ों (माल व यात्री) का परिचालन बंद होने से उद्योगों की हालत खराब हो गई है। मंगलवार को चैंबर आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग्स (सीआइसीयू) की एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। उद्यमियों ने साफ किया कि उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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सीआइसीयू के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा एवं महासचिव पंकज शर्मा ने कहा कि आयात-निर्यात बंद हो गया है। कच्चे माल की भारी कमी हो रही है। इकाइयां बंद होने की कगार पर हैं। दूसरी तरफ शिपिंग कंपनियां भी उद्यमियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैं। मालगाडिय़ां न चलने से कंटेनर डिपो में कामकाज नहीं हो रहा है। उद्यमी गुजरात व मुंबई पोर्ट तक सड़क मार्ग से माल भेजने को मजबूर हैं। ढुलाई की लागत दोगुना हो रही है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर से मुलाकात करेंगे उद्यमी

आहूजा ने कहा कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो मजबूरी में इंडस्ट्री दूसरे राज्यों में शिफ्ट करनी पड़ेगी। आपूर्ति में देरी से उद्यमियों पर भारी जुर्माने का संकट मंडरा रहा है। आयातित कच्चे माल पर आधारित उद्योगों में उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस बारे में जल्द ही उद्यमियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेगा।

बैठक में सर्वजीत सिंह, एससी रल्हन, केके सेठ, अवतार सिंह भोगल, गौतम मल्होत्रा, एसबी सिंह, हनी सेठी, संजय धीमान, राजवीर सिंह, सुरिंदर सिंह, मनजीत सिंह, गुरमेल सिंह, दीदारजीत सिंह, रविंदर सैनी, कुलवंत सिंह, जेपी सिंह, रजनीश बांसल समेत कई उद्यमी मौजूद रहे।

जालंधर में तीन हजार कंटेंनर फंसे, उत्पादन 50 फीसद घटा

 जालंधर में आयात-निर्यात ठप होने से इंडस्ट्री का उत्पादन 50 फीसद कम हो गया है। जालंधर में लगभग तीन हजार कंटेंनर फंसे हैं। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर उङ्क्षपदर ङ्क्षसह कहते हैं कि पहले कोरोना की वजह से इंडस्ट्री बंद रही और अब रेल रोको आंदोलन की वजह से कच्चा माल नहीं आ रहा है। व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ रही है। चमड़ा उद्योग पूरी तरह बंद है।

हैंड टूल स्पोर्ट्स का भी सारा माल अटक गया है। वहीं, फिरोजपुर मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि 29 अक्टूबर तक ट्रेनें न चलाने के निर्णय पर कोई बदलाव नहीं होगा। ट्रेनों का संचालन बार-बार रुकने से पूरा सिस्टम बिगड़ रहा है।


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