प्राइवेट के साथ चौदह रूट पर दौड़ेंगी सरकारी बसें, अड्डे से यात्रियों को होना पड़ेगा सवार
दो महीनों से बंद पड़ी बस स्टैंड की रौनक बुधवार फिर से निखरने लगेगी। पंजाब रोडवेज पनबस पेप्सू रोडवेज तथा निजी कंपनियों की बसें सरकार की और से निर्धारित शर्तों के अनुसार आज से अपने गंत्वयों की और दौड़ेंगी। इस संबंध में डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट की और से लुधियाना रोडवेज के लिए निर्देश जारी कर दिए गए।
राजन कैंथ, लुधियाना
करीब दो महीने से बंद बस स्टैंड पर फिर से रौनक लौटेगी। सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद पंजाब रोडवेज, पनबस, पेप्सू रोडवेज और प्राइवेट बसें बुधवार से सड़क पर दौड़ने के लिए तैयार हैं। सरकार की ओर से निर्धारित शर्तो के अनुसार फिलहाल सरकारी बसें चौदह रूट पर दौड़ेंगी। बाकी प्राइवेट बस ऑपरेटर अपने-अपने रूट पर बस चला सकेंगे। सभी को नियमों का पालन करना होगा। डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट ने लुधियाना रोडवेज को इस संबंधी निर्देश जारी कर दिए हैं।
बस स्टैंड से एक बस में 50 फीसद सवारियों को बैठाया जा सकेगा। मगर उससे पहले बसों को सैनिटाइज करना होगा। फिजिकल डिस्टेंस के लिए बस स्टैंड पर यात्रियों को वहां बनाए गोल दायरे में खड़ा होना पड़ेगा। यात्रियों को एक मीटर का फासला रखना होगा। उनके लिए मास्क पहनना जरूरी है। सफर करने से पहले सभी यात्रियों का इन्फ्रारेड थर्मामीटर से टेंपरेचर चेक किया जाएगा। सुबह 7 से शाम 7 बजे तक बसें चल सकेंगी। यानि अगर बस लुधियाना से चंडीगढ़ गई और वहां छह बजे पहुंची तो उसे वापस आने में करीब ढाई घंटे लग ही जाएंगे। ऐसे में वह सात बजे तक लुधियाना नहीं पहुंच पाएंगी और उसे वहीं पर रुकना होगा।
खास बात यह है कि लुधियाना बस अड्डे से चलने वाली बस रास्ते में कहीं नहीं रुकेगी और न ही रास्ते से कोई सवारी उठाएगी। उसे बस स्टैंड से चलकर अपने गंतव्य शहर के बस स्टैंड पर जाकर सवारियां उतारनी होंगी। कंडक्टर बस स्टैंड पर ही सवारियों के टिकट बना कर देंगे। दूसरा बस स्टैंड में आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ता रखा जाएगा। जिस यात्री ने बस में जाना है, सिर्फ उसे ही बस अड्डे में आने की इजाजत होगी। टिकट काउंटर पर मास्क खरीद सकेंगे यात्री
निश्शुल्क व रियायती दर पर सफर करने वालों की एंट्री भी बस स्टैंड से ही होगी। सवारियां बस के अंदर भी शारीरिक दूरी बनाना सुनिश्चित करेंगी। बसों में सवार होने के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा। जिनके यात्रियों के पास मास्क नहीं होगा। वे टिकट काउंटर से मास्क खरीद कर पहन सकते हैं। लाल क्रॉस वाली वाली सीट पर नहीं बैठेगा यात्री
बसों में एक साइड में दो सीटें और दूसरी साइड में तीन सीटें होती हैं। हर कतार में एक सीट पर क्रास से निशान लगाया गया है। यानि उस सीट पर कोई यात्री नहीं बैठेगा। टिकट बनाते समय कंडक्टर भी उस पर सीट नंबर लिखेंगे। ड्राइवर व कंडक्टर अलग कैबिन में बैठेंगे
बस अड्डे पर एडवांस बुकिग काउंटर कैबिन को प्लास्टिक शीट या शीशे से कवर करके रखना जरूरी है। बस में सैनिटाइजर रखना होगा। ड्राइवर व कंडक्टर को मास्क तथा ग्लव्ज पहनने होंगे। ड्राइवर और कंडक्टर के कैबिन को प्लास्टिक शीट से पार्टिशन किया जाना जरूरी है। बीच रास्ते में सवारी उठाने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 50 फीसद सवारियां होने पर रवाना की जाएगी बस
जीएम इंद्रजीत चावला ने कहा कि सुबह सात बजे बसों को उनके रूट के लिए टर्मिनल पर लगाया जाएगा। पहली गाड़ी अमृतसर की ओर भेजी जाएगी। चूंकि लोगों को बसों के चलने की अभी पूरी जानकारी नहीं है। इसलिए आशका है सवारिया कम ही आएंगी। बस में 50 फीसद सवारियों के बैठने पर उसे रवाना कर दिया जाएगा। रोडवेज के बाद पेप्सू की बसों को भी उनके टाइम के हिसाब से काउंटर पर लगाया जाएगा। फिलहाल एक रूट पर एक ही बस भेजी जाएगी। सवारियों के बढ़ने के बाद बसों की संख्या को भी बढ़ा दिया जाएगा। बाकी प्राइवेट बस संलाचक अपने-अपने रूट पर बसें चला सकेंगे। अब चौराहों पर नहीं रुकेंगी बसें
इससे पहले अड्डे से निकलने के बाद बसें प्रीत पैलेस, गिल चौक, प्रताप चौक, ढोलेवाल चौक, शेरपुर चौक, समराला चौक, बस्ती जोधेवाल चौक, शिव पुरी चौक, काराबारा चौक, जालंधर बाइपास चौक, भारत नगर चौक, भाई बाला चौक, आरती चौक, पीएयू चौक, बीआरएस नगर, राजगुरु नगर, गिल नहर पुल व अन्य चौराहों पर रुककर सवारियां उठाती थीं। सवारियों को भी अपने घरों के पास ही बस में सफर करने की सुविधा थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा। उनको बस स्टैंड से ही सवार होना पड़ेगा। लुधियाना आने वाली बसें भी सवारियों को बस स्टैंड ही उतारेंगी। वहां से सवारियों को अपने गंतव्य की और जाना होगा। कोट्स
लुधियाना बस स्टैंड से सभी निजी बस ऑपरेटर्स अपने टाइम टेबल के हिसाब से बसों को चला सकते हैं। उनके लिए भी नियम व शर्ते रोडवेज वाली ही हैं। उन्हें भी 50 फीसद सवारियों को बैठाने की अनुमति है। वो सुबह सात से शाम सात बजे तक अपने रूट्स पर चल सकते हैं। दस मिनट की छूट दी जा सकती है। उससे ज्यादा लेट होने पर उन्हें खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- भूपिदर सिंह, डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट इस रूट पर जाएंगी पीआरटीसी की बसें
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