सियासी डंडे से खाकी का डंडा पड़ा ठंडा
सांप निकलने के बाद लकीन पीटने की कहावत कमिश्नरेट पुलिस पर सटीक बैठती है।
दिलबाग दानिश, लुधियाना सांप निकलने के बाद लकीन पीटने की कहावत कमिश्नरेट पुलिस पर सटीक बैठती है। हालात यह है कि जिला मजिस्ट्रेट की ओर से कोरोना के चलते शहर में किसी भी तरह के समारोह और प्रदर्शन पर पाबंदी लगाई है, मगर फिर भी सत्ता पक्ष के नेताओं पर मामले ही दर्ज नहीं हो रहे, जबकि विधायक की बैठकों तक की फोटो वह खुद फेसबुक पेज पर डालते हैं। सेहत मंत्री के समारोह की तस्वीर तक रिलीज की जाती हैं और उसमें शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ती साफ साफ दिखाई देती हैं। अगर कोई सामाजिक संस्था या फिर विपक्ष के लोग प्रदर्शन करते हैं, तो पुलिस मौके पर मौजूद जरूर रहती है मगर प्रदर्शनकारियों के चले जाने के बाद अज्ञात पर केस दर्ज किया जाता है। इसका उदाहरण भारतीय जनता पार्टी की ओर से शुक्रवार को किए प्रदर्शन से मिल रहा है। भाजपा ने विधायक सु¨रदर डाबर के निवास पर प्रदर्शन किया। वहां पर पुलिस के कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। वह आधे घंटे तक रोष जाहिर करते रहे मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब वह प्रदर्शन कर चले गए तो अज्ञात नामजद हो गया। ऐसा ही कुछ 25 दिन पहले फव्वारा चौक पर दिखा था जब फीस वृद्धि को लेकर हुए प्रदर्शन के प्रदर्शनकारी ढूंढे नहीं जा सके। इसी तरह अकाली दल का प्रदर्शन हुआ पर दर्ज केस में अभी भी अज्ञात है। यही नहीं, मुल्लांपुर से अध्यापक 25 किलोमीटर का सफर तय कर दूसरे जिले में पहुंच गए, जब वह डीसी ऑफिस के बाहर आए तो फिर मामला अज्ञात पर दर्ज किया। सचिवालय के बाहर प्रदर्शनकारियों को नहीं पहचान पाई पुलिस डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यापक मोटरसाइकिल रैली निकालने के बाद सचिवालय के बाहर आए। उन्हें वहां थाना डिवीजन नंबर पांच के सब इंसपेक्टर त्रिलोचन ¨सह ने देख भी लिया था, मगर उनकी पहचान नहीं कर पाए और अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया जबकि इससे तीन सौ मीटर दूरी पर पुलिस कमिश्नर का कार्यालय है। अकाली दल का प्रदर्शन, एक पर पर्चा 31 जुलाई को यूथ अकाली दल ने डीएमसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें पुलिस ने थाना डिवीजन नंबर आठ में मामला दर्ज कर लिया था मगर अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई। वहीं मामला दर्ज होने के बाद ही यूथ अकाली नेता ने कांग्रेस के उन समारोह की फोटो जारी कर दी थी, जिसमें भीड़ थी। भाजपा के प्रदर्शन में वीडियोग्राफर बनी पुलिस भाजपा ने शुक्रवार को शहर में सभी विधायकों के घर के बाहर प्रदर्शन किए। इसके लिए पहले से एलान कर दिया था। हैरत तो इस बात की है कि विधायक सु¨रदर डाबर के निवास के बाहर प्रदर्शन के दौरान पुलिस मौजूद रही। करीब आधे घंटे तक नारेबाजी होती रही। पुलिस ने वीडियो भी बनाई लेकिन फिर भी अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। सवाल यह है कि उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया। अब उनकी शिनाख्त के लिए फिर से मेहनत करनी होगी। स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ प्रदर्शन, कौन लोग थे, 25 दिन बाद भी पता नहीं 12 जुलाई को फव्वारा चौक में शिवसेना पंजाब की अगुवाई में लोगों की ओर से स्कूल प्रबंधकों द्वारा फीस लेने के विरोध में प्रदर्शन किया। मामला दर्ज होने के 25 दिन बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक उन लोगों की शिनाख्त नहीं कर पाई है जिनकी ओर से विरोध जताया था। ईमानदारी से कर रहे हैं काम पुलिस काम बेहद ईमानदारी से कर रही है। यह समय हर किसी को सजा दिलाने का नहीं है। हम चाहते हैं कि लोग इकट्ठा नहीं हों। कोरोना ने किसी सामाजिक, राजनीतिक व्यक्ति देखकर नहीं होना। चेक करवाता हूं। अगर ऐसा हो रहा तो अधिकारियों को मौके पर कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे। पुलिस ने ही सरकारी आदेश नहीं मानने के 200 के करीब मामले दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया है। राकेश अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर लुधियाना।