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लुधियाना में हर दिन ट्रैफिक जाम से परेशान होते हैं किताब बाजार के दुकानदार, बोले- चार पहिया वाहनों का समय हो निर्धारित

चौड़ा बाजार के साथ लगती मार्केट किताब बाजार में समस्याओं का अंबार है। किताब बाजार में स्थानीय स्तर पर ही नहीं दूर-दराज शहरों से भी लोग सामान खरीदने के लिए आते हैं। अब त्योहारी सीजन चल रहा है ऐसे में वहां तक पहुंचना ही आसान नहीं होता।

By Vinay KumarEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:17 AM (IST)
लुधियाना में हर दिन ट्रैफिक जाम से परेशान होते हैं किताब बाजार के दुकानदार, बोले- चार पहिया वाहनों का समय हो निर्धारित
लुधियाना में किताब बाजार में लगा ट्रैफिक जाम।

लुधियाना [राधिका कपूर/कुलदीप काला]। चौड़ा बाजार के साथ लगती मार्केट किताब बाजार में समस्याओं का अंबार है। यहां की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की है। किताब बाजार में स्थानीय स्तर पर ही नहीं दूर-दराज शहरों से भी लोग सामान खरीदने के लिए आते हैं। अब त्योहारी सीजन चल रहा है, ऐसे में वहां तक पहुंचना ही आसान नहीं होता। दुकानदारों ने कहा कि एक बार मार्केट में जब जाम लगता है तो एक से डेढ़ घंटा इस जाम से निकलना यहां मुश्किल होता है। दुकानदार बोले कि चार पहिया वाहनों के लिए समय निर्धारित होना चाहिए ताकि ट्रैफिक बाधित न हो सके। उन्होंने बताया कि अब दिन-भर किसी भी समय बड़े-बड़े वाहन यहां से निकलते हैं, गलियां वैसे ही छोटी है और जाम लगना भी स्वभाविक है। दैनिक जागरण ने मार्केट मूड के तहत दुकानदारों से समस्याएं जानीं।

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ट्रैफिक की समस्या आज की नहीं है, बहुत पुरानी है लेकिन इस ओर कभी कोई ध्यान नहीं देता है। प्रशासन को चाहिए कि मार्केट में बड़े वाहनों की एंट्री के लिए समय निर्धारित किया जाए।

अनमोलप्रीत सिंह, संत स्टेशनरी।

मार्केट में किसी तरह के सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था नहीं है। दुकानदारों ने खुद अपने स्तर पर इसकी व्यवस्था की है। इतनी बड़ी मार्केट में सुरक्षा अब तक राम भरोसे ही है।

गुलशन चोपड़ा, वीके स्टेशनरी।

मार्केट में किसी तरह के नियम नहीं दिखते। कोई भी बड़ा वाहन किसी भी समय एंट्री कर लेता है, जिससे ट्रैफिक बाधित हो जाता है और लोग जाम में फंस जाते हैं।

दीपक चोपड़ा, डीके स्टेशनरी।

मार्केट में ई-रिक्शा अंदरूनी बाजारों में घुस रही है, दूसरी तरफ बड़ी-बड़ी रेहडिय़ां आती जाती रहती हैं। इनके कारण मार्केट में हर दिन ट्रैफिक जाम रहता है। वाहनों के लिए एंट्री निश्चित की जानी चाहिए।

कुलदीप, अशोक डिपो।

दुकानों में ग्राहक दिखता ही नहीं है जबकि गलियों में पूरा जाम लगा रहता है। जाम के कारण अब मार्केट में आने से कतराने लगे हैं। इससे उनके व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

राहलु पठानिया, राना स्टेशनरी।

मार्केट में बड़ी गाडिय़ां पूरी तरह से प्रतिबंधित होनी चाहिए। दिन के समय आधा जाम तो इन गाडिय़ों का रहता है। लोग घंटों जाम में फंसे रहने को मजबूर रहते हैं।

कुनाल टंडन, प्रकाश बुक डिपो।

बाजार में ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था भी होनी चाहिए जोकि है नहीं। जब कभी मार्केट में जाम लगता है तो इसे खुलवाने में कोई पुलिस मुलाजिम नहीं होता।

साहिल टंडन, भारत बुक सेंटर।

किताब बाजार में एक बार जब जाम लग लाए तो घंटों यहीं फंसना पड़ता है। हर रोज लगने वाले जाम के कारण ग्राहक भी यहां आने से कतराता है।

राजन चोपड़ा, स्टैंडर्ड स्टेशनरी।

अगर मार्केट में ट्रैफिक समस्या का समाधान हो जाए तो मार्केट की हालात बेहतर हो सकती है। प्रशासन इस तरफ तुरंत ध्यान देकर दुकानदारों को राहत दिलाए।

बलवीर सिंह, गुरू नानक बुक शाप।

इस समय मार्केट में कामकाज बहुत प्रभावित है जिसमें एक मुख्य कारण ट्रैफिक जाम तथा दूसरा कोरोना की मार भी है।

नरिंदर धवन, कमल बुक शाप


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