भाजपा की रणनीति, गांव-गांव जाकर किसानों को कृषि विधेयक के फायदे बताएगी पार्टी
कृषि विधेयक के प्रति किसानों को गुमराह किया जा रहा है।
जासं, लुधियाना : कृषि विधेयक के प्रति किसानों को गुमराह किया जा रहा है। यह किसान हितैषी विधेयक है। घंटाघर स्थित भाजपा के जिला मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में यह दावा किसान मोर्चा के पंजाब अध्यक्ष बिक्रमजीत सिंह चीमा ने किया।
चीमा ने कहा कि किसानों को इस कानून के प्रति जागरुक करने के लिए भाजपा पदाधिकारी व वर्कर गांव-गांव पहुंचेंगे। पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए चीमा ने कहा कि जब इस विधेयक की तैयारी चल रही थी तो देश के आठ कृषि प्रधान राज्यों को इस कानून के लिए बनाई कमेटी में चर्चा के लिए बुलाया गया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह एक भी मीटिग में नहीं गए। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल मीटिग में गए थे तो उन्होंने इस पर सहमति जताते हुए वहां हस्ताक्षर भी किए थे।
चीमा ने कहा कि इस नए विधेयक के तहत होने वाली कांट्रेक्ट फार्मिग में प्रावधान है कि डिस्प्यूट होने पर मामला अदालत में नहीं जा सकता। इस पर सुनवाई स्थानीय एसडीएम करेंगे और उन्हें फैसला 30 दिन में सुनाना होगा। फाइनल अथॉरिटी डिप्टी कमिश्नर को बनाया गया है। वह भी फैसला 30 दिन में ही देंगे। कारपोरेट द्वारा किसानों की जमीनों पर कब्जे की आंशका को निर्मूल बताते हुए चीमा ने कहा कि विधेयक में साफ कहा गया है कि कांट्रैक्ट फसल तक ही आधारित होगा। मंडियां तोड़ने के सवाल के जवाब में चीमा ने तर्क दिया कि अब तक किसानों की फसल खरीदने का हक केवल एजेंसियों व लाइसेंसशुदा चंद आढ़तियों को ही था। नई प्रणाली के तहत वह हर कोई व्यक्ति जिसके पास पैन कार्ड है, इस फसल को खरीद सकता है। अधिक खरीदार होंगे तो किसान को कंपीटिशन के चलते फसल का अधिक मूल्य मिलेगा। इस दौरान भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुनील मौदगिल, जगरांव के अध्यक्ष गौरव खुल्लर, खन्ना के अध्यक्ष पवन कुमार, पंजाब किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष दविदर घुम्मन, लुधियाना किसान मोर्चा के प्रभारी नरिदर सिंह मल्ही, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह सिद्दू, जगांव गांव पहुंच किसानों को कृषि कानून के प्रति जागरुक करेगी भाजपागरांव किसान मोर्चा के प्रधान गुरनाम सिंह भुल्लर, जिला महामंत्री राम गुप्ता, जिला महासचिव कांतेन्दु शर्मा, जिला उपाध्यक्ष महेश शर्मा, अश्वनी बहल, हर्ष शर्मा, डॉक्टर सतीश कुमार उपस्थित रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी और महामंत्रियों से मिले थे
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि बिल बाबत वह प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा व प्रदेश महामंत्रियों के साथ दो बड़े किसान नेताओं से मिले थे। उन्हें बिल बाबत चर्चा करने के लिए आंमत्रित भी किया। यह आश्वासन भी दिया कि अगर आप कहें तो वह केंद्रीय कृषि मंत्री को पंजाब में ही बुला लेंगे। उन्होंने फिर खुद उस समय टाल दिया। हरसिमरत ने तो बहुत अच्छे तर्क दिए थे
हरसिमरत कौर बादल के मंत्रिमंडल से इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए चीमा ने कहा कि बिल पास होने की लंबी प्रक्रिया के दौरान हरसिमरत हर मीटिग में शामिल हो सहमति जताती रहीं। उन्होंने तो बिल में ऐसे अच्छे तर्क दिए थे कि किसान मोर्चा अध्यक्ष होने के बावजूद वह भी नहीं दे पाए। विरोध में आने की वजह वह ही बता सकती है।