Steel industry को बड़ी राहत, बिजली के लिए नाइट टैरिफ लागू, 500 रुपये टन कम होगी लागत
पंजाब ने प्रदेश में रात को औद्योगिक इकाइयां चलाने पर नाइट टैरिफ लागू कर दिया है। इसमें उद्यमियों को अब 4.83 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिलेगी।
जेएनएन, लुधियाना। पंजाब स्टेट रेगुलेटरी कमीशन (Punjab State Regulatory Commission) ने प्रदेश में रात को औद्योगिक इकाइयां चलाने पर नाइट टैरिफ लागू कर दिया है। इसमें उद्यमियों को अब 4.83 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिलेगी। इससे इंडक्शन फर्नेस उद्योग की लागत पांच सौ रुपये प्रति टन कम हो जाएगी। बाजार में स्टील की कीमत भी उसी अनुपात में कम होगी। उद्यमियों का कहना है कि इससे निश्चित तौर पर उद्यमियों को राहत मिलेगी।
नाइट टैरिफ के तहत अब उद्यमी रात दस से सुबह दस बजे तक इंडस्ट्री चला सकेंगे। रात दस से सुबह छह बजे तक बिजली टैरिफ 4.83 रुपये प्रति यूनिट लगेगा, जबकि सुबह छह से लेकर सुबह दस बजे तक 6.41 रुपये प्रति यूनिट की दर लगेगी। इसके तहत बारह घंटे के लिए फिक्स चार्जेस पचास फीसद रह गए हैं। पहले यह सिस्टम एक अक्टूबर से 31 मार्च तक रहता था, लेकिन अब इसे पूरे साल के लिए कर दिया गया है। उद्यमियों को रात को फैक्ट्री चलाने का ऑप्शन दिया गया है। पिछले साल नाइट टैरिफ में बिजली की दर 4.48 रुपये प्रति यूनिट थी। पहले सुबह के चार्जेस 6.19 रुपये थे। यदि उद्यमी रात के अलावा दिन में भी इकाई चलाएंगे तो इनको पूरे चार्ज लगेंगे।
साठ पैसे यूनिट बिजली सस्ती, वोल्टेज रिबेट बहाल: संदीप जैन
ऑल इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लुधियाना स्टील रोलिंग मिल्स के एमडी संदीप जैन का कहना है कि रात को सस्ती बिजली मिलने से इंडस्ट्री को साठ पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती मिलेगी। इससे स्टील की उत्पादन लागत पांच सौ रुपये प्रति टन कम हो जाएगी। सरकार ने वोल्टेज रिबेट भी बहाल कर दी है। अब 11 हजार वोल्ट के बजाय 66 हजार वोल्ट की सप्लाई लेने पर 25 पैसे प्रति यूनिट की रिबेट मिलेगी। इससे भी उद्यमियों को फायदा होगा।
रात को स्टील उद्योग चलाने से काफी बचत होगी: देव गुप्ता
नॉर्दर्न इंडिया इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन के महासचिव एवं रिनी स्टील्स के मैनेङ्क्षजग डायरेक्टर देव गुप्ता का कहना है कि कफ्र्यू के बाद इंडस्ट्री शुरू हुई है। अभी बाजार में न तो मांग ज्यादा है और न ही सप्लाई चेन पूरी तरह से खुली है। ऐसे में रात के वक्त स्टील उद्योग चलाने से इंडस्ट्री को काफी बचत हो जाएगी। इससे उद्यमियों को राहत मिलेगी। लागत कम होने से इंडस्ट्री बाजार की चुनौतियों का मुकाबला कर पाएगी।