मौसम में बदलाव से कृषि क्षेत्र के लिए चुनौतियां बढ़ी : डॉ बैंस
पिछले कुछ सालों से मौसम में काफी बदलाव आ रहा है। क्योंकि जियोस्पेसल टेक्नोलाजी से सटीक जानकारी मिलती समस्याओं का समाधान हो सकता है।
जासं, लुधियाना: पिछले कुछ सालों से मौसम में काफी बदलाव आ रहा है। बिन मौसम बरसात हो रही है और बरसात के मौसम में कम बारिश पड़ रही है। मौसम में आ रहे यह बदलाव जहां कृषि क्षेत्र के लिए चुनौतियां पैदा कर रहे हैं, वहीं इंसानी जीवन पर भी प्रभाव डाल रहे हैं। अगर अभी से मौसम में आ रहे बदलावों पर बारीकी से नजर रखा जाए, तो भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सकता है। यह कहना है पीएयू के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. एनएस बैंस का।
डा. बैंस बुधवार को पंजाब रिमोट सेंसिग सेंटर में आयोजित बिग जियोसपेसल डेटा एनालिटिक्स, माडलिग और एप्लीकेकशन विषय पर आयोजित नेशनल कांफ्रेंस के अंतिम सत्र को संबोधित कर रहे थे। डॉ. बैंस ने कहा कि पिछले तीन दशक के मौसम में काफी बदलाव आ गया है। तापमान में बढ़ोतरी हुई है, जिससे कृषि सहित दूसरे सभी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं।
कृषि क्षेत्र में बिग डेटा एनालिटिक्स का अहम रोल है। उन्होंने कहा कि नेचुरल रिसोर्स की मैनेजमेंट करना बेहद जरूरी है, जिसमें जियोस्पेसल टेक्नोलॉजी एक बड़ा रोल अदा कर सकती है। क्योंकि इसी टेक्नोलाजी से सटीक जानकारी मिलती है। वहीं पंजाब रिमोट सेंसिग सेंटर के डायरेक्टर डॉ. बी पटेरिया ने कहा कि आने वाले समय में एयर ब्रोन, सेटेलाइट रिमोट सेंसिग, स्मार्ट सेंसिग व ड्रोन का इस्तेमाल काफी बढ़ जाएगा। क्योंकि यह तकनीकें हर क्षेत्र में काफी कारगर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर बिग डेटा व रिमोट सेंसिग का सही तरह से प्रयोग किया जाए, तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। इसे लेकर सरकार को पॉलिसी बनानी चाहिए।