शिकायत छोड़ दें, मिलेगा स्वर्ग जैसा सुख : आचार्य नित्यानंद
संतों का जीवन मानवता के कल्याण के लिए होता है। गुरु इन्द्र ने भारत भर में पैदल विचरण करते हुए अहिंसा, शाति तथा भाईचारे की भावना को फैलाते हुए जैन धर्म की प्रभावना की।
संस, लुधियाना : संतों का जीवन मानवता के कल्याण के लिए होता है। गुरु इन्द्र ने भारत भर में पैदल विचरण करते हुए अहिंसा, शाति तथा भाईचारे की भावना को फैलाते हुए जैन धर्म की प्रभावना की। उन्होंने अनेक मंदिरों, विद्यालयों, अस्पतालों ओर गौशालाओं का निर्माण करवाया। गुरु इन्द्र में सच्ची साधुता के दर्शन होते थे। उनका जीवन सत्य के प्रकाश से भरा हुआ था। उनके देवलोकगमन के पश्चात भी जगत में उनके संदेशों ओर कायरें का प्रकाश सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत बना हुआ है। उक्त पंक्तियां वर्तमान गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरि म. आचार्य श्रीमद वसंत सूरीश्वर, आचार्य श्रीमद जयानंद सूरीश्वर म., साध्वीगण वृंद के सानिध्य में भगवान श्री पाश्र्र्वनाथ भगवान का जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में समुद्र नगर में निकाली भगवान पाश्र्र्वनाथ रथयात्रा के दौरान मुनि मोक्षानंद ने व्यक्त किए। भगवान पाश्र्र्वनाथ भगवान की यात्रा समुद्र नगर से आरंभ होकर विभिन्न एरिया से गुजरते हुए बावा गज्जा जैन कम्युनिटी सेंटर में पहुंची, जगह-जगह भक्तों ने गुरुदेव की वंदना कर आशीर्वाद लिया। यात्रा में बैंडों से लेकर स्कूल बच्चों ने भगवान की वेशभूषा से आए श्रावक-श्राविकाओं का मनमोह लिया। इस अवसर पर गुरुदेव जैनाचार्य नित्यानंद सूरि म. ने कहा कि जीवन व्यवहार में हम छोटी-छोटी बातों पर अगर शिकायतें करना छोड़ दे तो घर में ही स्वर्ग जैसा सुख प्राप्त हो सकता है। घर परिवार में कलह क्लेश का कारण भी परस्पर एक दूसरे के प्रति शिकायतें ही है। इसलिए सभी शिकायतों से बचे।
पंच कल्याणक व बावा गज्जा जन्म कल्याणक उत्सव आज
आचार्य जयानंद सूरीश्वर म. ने कहा कि भगवान श्री पाश्र्र्वनाथ भगवान का जन्मोत्सव पर तीन दिवसीय समारोह बावा गज्जा कम्युनिटी सेंटर गुरु समुद्र नगर में जैनाचार्य के सानिध्य में आरंभ हो गया है। नववर्ष के प्रथम दिन 108 पाश्र्र्वनाथ महापूजन होगा। सोमवार को पंच कल्याणक उत्सव व बाबा गज्जा जन्म कल्याणक उत्सव पर रात को एक शाम प्रभु पार्श्व व बावा गज्जा के नाम भक्ति संध्या समारोह होगा। 2 जनवरी को सभी तपस्वी और पारणे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर रमेश जैन बरड़, विनोद जैन, सुरेंद्र मोहन जैन, श्रीपाल जैन, अशोक जैन, अश्वनी जैन बिट्टू, नरेंद्र जैन निंदी, प्रवीण जैन दुग्गड़, पार्षद राजेश जैन काला, गौरव जैन, राज कुमार जैन स्वास्तिक, अरुण जैन बबला, राजेंद्र कुमार बिट्टू, बिटू रत्तन, अशोक सामा, विनीत सामा, चाहता सामा, नीलम, अजय धीर, जयदेव, नेहा, वरुण, विपन, सुभाष जैन, हर्ष सामा, डिंपी, रमेश जैन बिट्टा, विनीत जैन, राजीव जैन, सुभाष जैन बबी, प्रफुल्ल जैन, मंधीर जैन, विनय जैन, संजीव जैन, सुशील जैन, पुष्प दत पाटणी, नरेंद्र जैन बब, नवनीत जैन, राजेश जैन राजा, आदि उपस्थित थे।