सरकारी मंडी में धड़ल्ले से बेची जा रही प्रतिबंधित मांगूर मछली
एक तरफ प्रशासन की ओर से मांगूर मछली की बिक्री पर रोक लगाई गई है वहीं दूसरी तरफ सरकारी मंडी में ही इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। अधिकारी यह सब देखते हुए भी खामोश हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : एक तरफ प्रशासन की ओर से मांगूर मछली की बिक्री पर रोक लगाई गई है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी मंडी में ही इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। अधिकारी यह सब देखते हुए भी खामोश हैं। बता दें कि भारत सरकार ने वर्ष 2000 में मांगूर मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगा दी थी, क्योंकि इसका सेवन करना बेहद खतरनाक होता है और इससे कई भयानक बीमारियां फैलती हैं।
दैनिक जागरण की टीम बुधवार सुबह ताजपुर स्थित मार्केट कमेटी की सरकारी मछली मंडी में पहुंची तो देखा कि वहां पर बेखौफ मांगूर मछली की बिक्री हो रही थी। टीम ने बकायदा इसका वीडियो भी बनाया। बता दें कि इस मछली के सेवन से घातक बीमारी हो सकती हैं। मांगूर की विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी (दूषित पानी) में तेजी से बढ़ती है। जहां अन्य मछलियां पानी में आक्सीजन की कमी से मर जाती है, लेकिन यह जीवित रहती है। मांगूर छोटी मछलियों समेत अन्य जलीय कीड़े-मकोड़ों को भी खा जाती है। इससे तालाब का पर्यावरण भी खराब हो जाता है।
मंडी के असिस्टेट डायरेक्टर को नहीं सूझा जवाब
इस संबंध में मछली मंडी के असिस्टेंट डायरेक्टर दलबीर सिंह से बात की तो उन्होंने लीपापोती करते हुए कहा कि उनकी टीम लगातार चेकिग कर रही है। रोजाना मंडी में छापामारी की जा रही है। उन्हें जब बताया गया कि दैनिक जागरण के पास इस मछली की बिक्री का वीडियो है तो उन्हें कोई जवाब नहीं सूझा। हालांकि सोचने की बात ये है कि अगर अधिकारियों की टीम वहां गई थी तो उन्हें धड़ल्ले से बिक रही मांगूर मछली दिखाई क्यों नहीं दी।