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कामकाज ठप रख बैंक मुलाजिमों ने किया रोष प्रदर्शन

पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ से जुड़े मुलाजिमों ने मंगलवार को दिन भर हड़ताल रखी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 06:56 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 06:22 AM (IST)
कामकाज ठप रख बैंक मुलाजिमों ने किया रोष प्रदर्शन
कामकाज ठप रख बैंक मुलाजिमों ने किया रोष प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, लुधियाना: ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन एवं बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया की अपील पर पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ से जुड़े मुलाजिमों ने मंगलवार को दिन भर हड़ताल रखी। मुलाजिमों ने काम का बायकाट किया। इसके चलते सरकारी बैंकों में कामकाज प्रभावित रहा, कुछ बैंकों में हड़ताल आंशिक रही और कुछ हड़ताल से बाहर रहे। इसके अलावा बैंक अफसरों ने भी हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया। निजी क्षेत्र के बैंकों में सामान्य की तरह ही कामकाज चलता रहा। हड़ताल के बावजूद सभी बैंकों के एटीएम चलते रहे। उधर मुलाजिमों ने साफ किया है कि जब तक बैंकिग को लेकर सरकार अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाती, संघर्ष जारी रहेगा।

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पंजाब बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले मुलाजिमों ने भारत नगर चौक में रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान मुलाजिमों ने सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। मुलाजिम केंद्र सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा मुलाजिम बैंकिग सुधारों को रोकने की वकालत कर रहे हैं। उनकी मांग है कि खराब ऋणों की वसूली को सुनिश्चित किया जाए, चूककर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्राहकों को दंडात्मक शुल्क के साथ परेशान न किया जाए। बैंकों के सेवा शुल्क में वृद्धि न की जाए। जमा पर ब्याज की दर बढ़ाई जाए। नौकरियों और नौकरी की सुरक्षा पर हमले बंद किए जाएं। बैंकों में खाली पदों पर पर्याप्त भर्तियां की जाएं।

रोष प्रदर्शन को संबोधित करते हुए फेडरेशन के सचिव नरेश गौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार बैंकों का आपस में विलय नहीं, बल्कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों की हत्या कर रही है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारी बैंकों की नब्बे हजार से अधिक शाखाएं देश के कोने कोने में लोगों को उम्दा बैंकिग सेवाएं मुहैया करा रही हैं। बैंकिग के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रहे हैं। बैंकों के पास देश की जनता के 85 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। यही नहीं बैंकों ने लोगों को उनकी सुविधा एवं जरूरत के अनुसार साठ लाख करोड़ रुपये का ऋण मुहैया करा रखा है। बावजूद इसके बैंकों का आपस में विलय करके उनके दायरे को सीमित किया जा रहा है, साथ ही निजीकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है, यह देश की जरूरतों के अनुसार नहीं है। सरकार पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने देख रही है, इसमें बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। आर्थिक मंदी को खत्म करने में भी बैंक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

धरने को डीपी मौड़ महासचिव संयुक्त व्यापार संघ परिषद लुधियाना, पवन ठाकुर, हरविदर सिंह, राजेश वर्मा, जरनैल सिंह, नर्केसर राय, परवीन अग्रवाल, राजविदर सिंह, बलवंत राय, युवराज मारिया और पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के अन्य शीर्ष नेताओं ने रैली को संबोधित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मुलाजिम मौजूद रहे। ------------राजीव शर्मा


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