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बैंकों का प्राइवेटेशन व विलय देश के लिए होगा घातक

इलाहाबाद बैंक कर्मचारी संघ का 18वां सम्मेलन रविवार को रोटरी क्लब में हुआ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 05:00 AM (IST)
बैंकों का प्राइवेटेशन व विलय देश के लिए होगा घातक
बैंकों का प्राइवेटेशन व विलय देश के लिए होगा घातक

जासं, लुधियाना : इलाहाबाद बैंक कर्मचारी संघ का 18वां सम्मेलन रविवार को रोटरी क्लब में हुआ। इसमें पंजाब और हरियाणा के सभी हिस्सों से 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन कामरेड एसके गौतम, संयुक्त सचिव एआइबीईए ने किया। अध्यक्ष कुलदीप बल ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। वाईपी सिंह, अध्यक्ष एआइबीईए और दीपक शर्मा, महासचिव, एआइएबीईसीसी मुख्य अतिथि थे।

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नरेश गौड़ अध्यक्ष स्वागत समिति ने अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए देश में गंभीर विकास के साथ-साथ बैंकिग उद्योग का उल्लेख किया। उन्होंने सदस्यों को आगाह किया कि सरकार की नीतियां विलय और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के उद्देश्य से हैं। गौड़ ने प्रतिनिधियों को महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने और कड़े संघर्ष के लिए व्याख्या करने का आह्वान किया।

एसके गौतम, संयुक्त सचिव एआइबीईए और महासचिव पीबीईएफ ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बताया कि हमारे सभी विरोधों के बावजूद सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक का विलय कर दिया। बैंकिग सेक्टर भी संकट के क्षेत्र में है। बुरे ऋणों का ढेर है। इसका बोझ आम जनता के कंधों पर पड़ा है। हमें प्रतिगामी बैंकिग सुधार उपायों के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 19 जुलाई को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्वर्ण जयंती और बैंक राष्ट्रीयकरण की 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे।

दीपक शर्मा ने कहा कि श्रमिक सुधारों के नाम पर मजदूरों के अधिकारों और ट्रेड यूनियनों के अधिकारों को वापस लेने की मांग की जाती है। वाईपी सिंह ने बताया कि सरकार का तर्क यह है कि विलय और बड़े बैंक बनाने से बैंक वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे। अमृत लाल, महासचिव, अखिल भारतीय बैंक ऑफ बड़ौदा समन्वय समिति ने सरकार के श्रमिक विरोधी और जन विरोधी नीतियों से लड़ने के लिए एकजुट और मजबूत आंदोलन के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। युवराज अध्यक्ष और नरेश वैद महासचिव बने

वहीं सर्वसम्मति से अगले कार्यकाल के लिए कार्यसमिति के चुनाव के साथ सम्मेलन संपन्न हुआ। इसमें युवराज मरिया को अध्यक्ष और नरेश वैद को महासचिव चुना गया। कार्यक्रम में अमृत लाल, अध्यक्ष पीबीईएफ, राकेश सहगल, राजेश मुंद्रा और संजय मिश्रा उप महाप्रबंधक, इलाहाबाद बैंक के साथ पंजाब बैंक कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।


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