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लुधियाना में बुड्ढा दरिया के किनारे 2500 पेड़ लगाएंगे बाबा सेवा सिंह, NGT चेयरमैन ने किया अभियान का शुभारंभ

Budha Dariya Project बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब वाले बुड्ढा दरिया के किनारे 2500 पेड़ लगाएंगे। एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी के चैयरमैन जसबीर सिंह ने मंगलवार काे इस अभियान की शुरूआत की। इससे लाेगाें काे स्वच्छ हवा मिल सकेगी।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:02 PM (IST)
लुधियाना में बुड्ढा दरिया के किनारे 2500 पेड़ लगाएंगे बाबा सेवा सिंह, NGT चेयरमैन ने किया अभियान का शुभारंभ
बुड्ढा दरिया के किनारे 2500 पेड़ लगाएंगे।

लुधियाना, जेएनएन। Budha Dariya Project : बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब वाले बुड्ढा दरिया के किनारे 2500 पेड़ लगाएंगे। एनजीटी की मॉनिटरिंग कमेटी के चैयरमैन जसबीर सिंह ने मंगलवार काे इस अभियान की शुरूआत की। इसके तहत 14 किलोमीटर के दायरे में दोनों तरफ त्रिवेणी और त्रिफला के पेड़ लगाए जाएंगे। इस दौरान उन्होंने सभी को अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया।

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प्रोजेक्ट में देर नहीं होनी चाहिए

गाैरतलब है कि इससे पहले सतगुरु उदय ने कहा था कि प्रोजेक्ट में देर नहीं होनी चाहिए। इसकी डेडलाइन दिसंबर 2022 है तो इसे तब तक हर हाल में पूरा करना है। दरिया के किनारे से अगर अस्थायी कब्जे हटा लिए गए हैं तो अब स्थायी कब्जों को भी हटा दिया जाए। प्रोजेक्ट में वोट की राजनीति के कारण देरी नहीं होनी चाहिए। यह प्राेजेक्ट पिछले लंबे समय से लाेगाें के बीच चर्चा का कारण रहा है।

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माइक्रो जंगल तैयार करने का तरीका
रोहित बताते हैं कि इसके तहत पहले जमीन को तीन फीट नीचे तक खोदा जाता है। फिर इसे ड़ी, देसी खाद-गोबर एवं बायोमास और मिट्टी डाल कर तैयार किया जाता है। फिर उसमें गोमूत्र, गुड़, बेसन, दाल का आटा एवं जंगल की मिट्टी से जीवन अमृत तैयार किया जाता है। पौधों को इस जीवन अमृत में भिगो कर जमीन में रोपा जाता है। पौधे लगाने के बाद पराली की छह इंच मोटी परत बिछाई जाती है। यह परत तापमान रोधी कवच का काम करती है। बाहर यदि 48 डिग्री तापमान है तो पराली के नीचे 25 से तीस डिग्री तापमान रहता है।

यदि सर्दी में बाहर एक डिग्री तापमान है तो पौधे के नीचे 25 से तीस डिग्री तापमान रहता है। इससे पौधे की ग्रोथ बेहतर होती है। यह स्थिति पौधे एवं मित्र  जीवाणुओं दोनों के लिए बेहतर है। स्थिर तापमान में मिट्टी की नमी बनी रहती है। ऐसे में एक पौधे को पनपने के लिए केवल आधा लीटर पानी रोजाना चाहिए। दो साल में यह माइक्रो जंगल विकसित हो जाता है।

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