Corona effect : एमएसएमई सेक्टर पर काेराेना की मार, GST में कटौती से ऑटो सेक्टर को मिल सकती है राहत
Corona effect काेराेना का असर अब इंडस्ट्री पर भी हाेने लगा है। पिछले साल की अपेक्षा ऑटो सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हाेने से उद्यमी परेशान है।
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Corona effect : कोविड संकट ने जहां बड़ी-बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के गणित को बिगाड़ दिया है, वहीं अब इसका असर पाट्र्स बेचने वाली माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइसिज (एमएसएमई) इंडस्ट्री पर देखने को मिलने लगा है। पिछले साल भी ऑटो सेक्टर में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।
दूसरा इस बार कोविड संकट के कारण बिक्री फर्श पर आ गई है। यानी दोहरी मार से कारोबार मूर्छित हो गया है और निर्माताओं का कहना है कि जीएसटी में कटौती से इस सेक्टर को संजीवनी मिल सकती है। इससे वाहनों की कीमत में थोड़ी गिरावट आएगी और कारोबार रफ्तार पकड़ेगा।
दरअसल, 24 घंटे उत्पादन करने वाली कंपनियों ने पहले एक शिफ्ट में काम आरंभ किया था, वहीं अब कई कंपनियों को एक शिफ्ट में भी प्रोडक्शन की रफ्तार को धीमा करना पड़ा है। ऐसे में उद्यमी केंद्र सरकार से राहत की उम्मीद लगा रहे हैं।
जीएसटी कम करने के लिए केंद्र सरकार को लिखा पत्र : राहुल आहुजा
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के चेयरमैन एवं रजनीश इंडस्ट्री के डायरेक्टर राहुल आहुजा के मुताबिक पिछले लंबे समय से इंडस्ट्री मंदी से गुजर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अपील की है कि ऑटो सेक्टर को मंदी से उभारने के लिए कुछ समय के लिए जीएसटी को 28 प्रतिशत से कम करके 18 फीसद किया जाए। इससे ग्राहक भी छह महीने के मिले लाभ को देखकर खरीदारी को आगे आएंगे। इस समय प्रोडक्शन 50 प्रतिशत तक गिरी है। इससे इनपुट कॉस्ट भी बेहद बढ़ गई है।
जीएसटी घटाने से सरकार को भी लाभ: उपकार आहुजा
न्यू स्वान ग्रुप के एमडी उपकार सिंह आहुजा के मुताबिक अगर जीएसटी की दर को कम करें, तो कंपनियों के साथ-साथ सरकार को भी लाभ होगा। इस समय हमें अपनी इनपुट कॉस्ट को पूरा करने को दो-चार होना पड़ रहा है। प्रोडक्शन ज्यादा होने से स्टॉक भी जमा हो गया है और मजबूरन 40 फीसद उत्पादन कम करना पड़ा है।
सरकार को सहायता कोष देना चाहिए: पंकज शर्मा
सीआइसीयू के महासचिव पंकज शर्मा के मुताबिक इस समय कई सेक्टर बुरी तरह से पिछड़ रहे हैं। इसमें ऑटो सेक्टर बेहद मंदी में है। इस सेक्टर को अपग्रेड करने के लिए सरकार को सहायता कोष देना चाहिए। अगर जीएसटी की दरों में ही संशोधन कर दिया जाए, तो राहत मिलेगी और दोबारा सेक्टर पटरी पर लौट सकता है।