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2100 एसोसिएटिड स्कूलों को आचार संहिता लागू होने से पहले स्थायी मान्यता दे सरकार

पीपीएसओ ने सर्किट हाउस में बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और पीएसईबी के चेयरमैन से संयुक्त रूप से मांग की कि राज्य भर के 2100 एसोसिएटिड स्कूलों को स्थायी मान्यता दी जाए।

By Edited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 03:35 PM (IST)
2100 एसोसिएटिड स्कूलों को आचार संहिता लागू होने से पहले स्थायी मान्यता दे सरकार
2100 एसोसिएटिड स्कूलों को आचार संहिता लागू होने से पहले स्थायी मान्यता दे सरकार

जासं, लुधियाना : पंजाब प्राइवेट स्कूल्स आर्गनाइजेशन (पीपीएसओ) ने सर्किट हाउस में बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और पीएसईबी के चेयरमैन से संयुक्त रूप से मांग की कि राज्य भर के 2100 एसोसिएटिड स्कूलों के अस्तित्व को बचाने के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले स्थायी मान्यता दी जाए। प्रदेश प्रधान दीदार ¨सह ढींडसा, जिला प्रधान एसके चावला ने कहा कि भारत सरकार के एचआरडी मंत्रालय की ओर से एक नई योजना बनाई गई है। इसमें एन इंटेग्रेटिड स्कीम फॉर स्कूल एजूकेशन बना कर राज्य को आदेश दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल करें। इसके चलते सरकार पंजाब के कम खर्चे वाले प्राइवेट स्कूलों पर गैर जरूरी शर्ते लागू कर राज्य के 2100 एसोसिएटिड स्कूलों को बंद करना चाहती है। उन्होंने बताया कि कक्षा पहली से आठवीं तक राज्य के सरकारी स्कूलों में 16 लाख, 24 हजार 480 बच्चे पढ़ रहे हैं जबकि प्राइवेट स्कूलों में इन्हीं कक्षाओं में बच्चों का आंकड़ा 20 लाख 20 हजार 730 का है जो सरकारी स्कूलों से चार लाख अधिक है। सरकार इसी अंतर को पूरा करने के लिए इन-डायरेक्टर रूप में एसोसिएटिड स्कूलों पर नियम लागू कर रही है। एसके चावला ने कहा कि जिले के साढ़े चार सौ एसोसिएटिड स्कूल एक भी स्कूल एफिलिएशन की शर्ते पूरी नहीं कर सकता है।

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छोटे स्कूलों को आर्थिक मदद दे सरकार: महासचिव

पीपीएसओ के महासचिव तेजपाल ने कहा कि सरकार छोटे स्कूलों को आर्थिक मदद दे, सस्ती कीमत पर जमीन अलॉट करे, बिना बयाज कर्ज दे, वन कंट्री वन एग्जामिनेशन बोर्ड की नीति लागू की जाए। राज्य में केवल एक ही बोर्ड पंजाब स्कूल शिक्षा होना चाहिए। आर्गनाइजेशन ने चेतावनी देते कहा कि यदि अब सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वह संघर्ष का हर रास्ता अपनाएंगे, यहां तक कि चुनावों में बायकॉट भी करेंगे। 


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