प्रार्थना सभा में बोले गुरदेव, गुरु से बड़ा कोई नहीं, गुरु के बिना ज्ञान नहीं
एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं।
संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में अरुण मुनि ठाणा-6 सुखसाता विराजमान हैं। आज के संदेश में गुरुदेव अरुण मुनि ने कहा गुरु से बड़ा कोई नहीं है, जिसके जीवन में गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू ही नहीं। गुरु के बिना ज्ञान नहीं। गुरु हमें सभी प्रकार की आपदाओं से बचाते हैं। जग रूठे तो ठीक है, गुरु रूठे तो नहीं डोर, किसी भक्त के मुख से गुरु का नाम निकले तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अगर गुरु के मुख से किसी भक्त का नाम निकले तो भक्त के लिए इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि बुद्धि और विवेक से हीन मनुष्य अपने शरीर के प्रति रहे हुए मोह को कभी भी नहीं छोड़ता। संसार के असंख्य जीवों को सदा मौत के मुंह में जाते देखकर भी वह अपने शरीर को इस प्रकार रखता है, जैसे यह सदा ही स्थिर रहने वाला है। बालक जिस समय जन्म लेता है, उसी क्षण से उसकी आयु घटती जाती है और युवावस्था के पश्चात तो शरीर क्षीण होता ही चला जाता है, लेकिन इस बीच में भी काल तो सदा ही मस्तक पर मंडराता रहता है तथा बचपन, जवानी या बुढ़ापे में जब भी दाव लगता है, झपंट्टा मारकर जीव को ले जाता है।
गांठ निकलने पर ही मन को शान्ति और चैन मिलता है : रमेश मुनि
एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में गुरुदेव रमेश मुनि ने कहा क्षमा दान का आध्यात्मिक जीवन में तो बहुत अधिक महत्व है। व्यावहारिक जीवन में भी बहुत महत्व है। जब तक क्षमा दान नहीं दिया जाता, ह्दय की गांठ नहीं खुलती और ह्दय की गांठ वाला मनुष्य संसार में कहीं भी आदर नहीं पा सकता।