चर्चा ए आम : कैप्टन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में बसपा ने उठाई मोदी विरोधी तख्तियां
नेताओं से खबरनवीसों ने इस संबंधी सवाल किया तो वे बात को घुमाते हुए बोले हमारा प्रदर्शन तो मोदी के खिलाफ भी है।
लुधियाना, [राजेश शर्मा]। कई प्रदर्शनकारी इस बात से भी अंजान रहते हैं कि वह किस पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। ताजा मामला बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर का पुतला उठाए प्रदर्शनकारी मिनी सचिवालय में पहुंचे। वहां प्रदर्शन किया और कैप्टन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतले को आग लगा दी गई। वक्ताओं ने भी भाषण देते हुए सरकार को जहरीली शराब के मामले पर घेरने का प्रयास किया। अब प्रदर्शन कैप्टन सरकार के खिलाफ कर रहे थे और प्रदर्शनकारियों ने हाथों में जो तख्तियां उठाई हुई थीं, उस पर मोदी सरकार के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। बसपा ने जो मांगपत्र सौंपा, उसमें मोदी सरकार के खिलाफ एक शब्द तक नहीं था। नेताओं से खबरनवीसों ने इस संबंधी सवाल किया तो वे बात को घुमाते हुए बोले, हमारा प्रदर्शन तो मोदी के खिलाफ भी है। पूछा कि मांगपत्र में तो इसका जिक्र नहीं तो वह मौन रहे।
लाइक पर एतराज और तीनों विजेता घोषित
अगर आप मानते हैं कि लाइव कांटेस्ट में ही विवाद होते हैं तो फिर यह आपकी भूल है। जनाब ऑनलाइन में भी यही चक्कर है। मामला लोधी क्लब से जुड़ा है। तीज सेलिब्रेशन के उपलक्ष्य में लोधी क्लब ने सदस्यों की ऑनलाइन फोटो प्रतियोगिता करवाई। परिवार के साथ क्लब के फेसबुक पेज पर अपनी फोटो अपलोड करनी थी। नियम के तहत अधिकतम लाइक वाले को विजेता घोषित करना तय हुआ। पूर्व वाइस प्रेसिडेंट कंवलजीत सिंह डंग को 1798 जबकि वरिंदर महाजन को फेसबुक पर 2076 लाइक मिले। तीसरे नंबर पर 1366 लाइक के साथ नीतिन थापर रहे। डंग ने एतराज जता दिया कि इस लाइक्स में घालमेल है। साथ ही तर्क दिया कि हर दस मिनट में 100 लाइक कैसे। दूसरे नंबर पर रहने के लिए वह राजी नहीं हुए। पेंच फंसा तो क्लब के प्रबंधन ने तीनों सदस्यों के साथ बातचीत के बाद तीनों को ही विजेता घोषित कर दिया।
साहब प्रिय वस्तुएं साथ ले गए
हाल ही में पीसीएस अधिकारियों की ट्रांसफर्स हुईं। इनमें एक नाम रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के सेक्रेटरी दमनजीत ङ्क्षसह मान का भी है। आरटीए कार्यालय से एक्साइज विभाग में बतौर एडिशनल कमिश्नर नियुक्ति मिली। इनकी जगह एसडीएम पश्चिम अमरिंदर सिंह मल्ली को एडिशनल चार्ज दिया गया। कर्मचारी इंतजार कर रहे थे कि पुराने साहब नए को चार्ज सौंप दें, लेकिन दमनजीत मान एसडीएम मल्ली के आने से पहले ही कार्यालय से चले गए। जाते समय वह कार्यालय से एक अशोक स्तंभ व टेबल पर पड़ा तिरंगा लेकर चल दिए। एक कर्मचारी ने बताया कि यह उनकी प्रिय वस्तुएं हैं। जहां भी जाते हैं, इन्हें साथ रखते हैं। एसडीएम से जब सेक्रेटरी आरटीए के तौर पर ट्रांसफर हुई थी तब भी वह इन्हें साथ ही लाए थे। एक और खास बात यह है कि दमनजीत भी पहले एसडीएम पश्चिम थे। अब मल्ली जिन्हें चार्ज मिला है वह भी एसडीएम पश्चिम है।
चेले ने कर दिया नाक में दम
राजनीति में एक सबक है कि चेलों को संभालना आना चाहिए, नहीं तो ये बड़ा दुख देते हैं। वजह यह है कि वह उस इलाके की रग-रग से वाकिफ होते हैं। इन दिनों ऐसा ही एक मामला विधानसभा हलका गिल में नजर आया। कभी कांग्रेस पार्टी का अहम हिस्सा रहे गगनदीप सिंह सन्नी कैंथ ने कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह वैद्य से नाराज होकर लोक इंसाफ पार्टी (लिप) का दामन थाम लिया। एक तो सन्नी खुद ही तेजतर्रार दूसरा लिप के अध्यक्ष सिमरजीत ङ्क्षसह बैंस की बेबाकी तो जगजाहिर है। सन्नी आए दिन विधायक वैद्य के लिए कोई न कोई मुसीबत खड़ी करता ही रहता है। बीते दिनों तो इलाके के नीलेकार्ड रद करने का विधायक पर आरोप लगाते हुए उनके घर के सामने धरना लगा दिया। यही नहीं, अब इस चेले ने तो इलाके के कांग्रेस परिवारों को पार्टी से तोड़कर लिप में शामिल करवाना शुरू कर दिया है।