कुंडली बार्डर पर युवक की हत्या में शामिल निहंग सिंह गिरफ्तार, लखबीर को ग्रामीण ने चेहरा छिपाकर दी मुखाग्नि
कुंडली बार्डर पर हुई युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने एक और आरोपित को पंजाब के अमृतसर स्थित जंडियाला गुरु से गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि उसने पूछताछ में हत्या की बात कबूल की है।
जागरण टीम, अमृतसर/तरनतारन। कुंडली बार्डर पर 34 वर्षीय युवक लखबीर सिंह की बर्बरतापूर्ण हत्या के मामले में शनिवार को पंजाब पुलिस ने अमृतसर के जंडियाला गुरु से एक निहंग सिंह को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित का नाम नारायण सिंह है। वह श्री अकाल तख्त साहिब पर आत्मसमर्पण करने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे उसके गांव अमरकोट देवीदास पुरा में ही दबोच लिया। उसने हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार की है।
नारायण सिंह ने दावा किया कि उसने ही तलवार से तीन वार करके लखबीर का पांव काट कर अलग किया था। वहीं, दूसरी ओर तरनतारन के चीमा खुर्द गांव में बर्बरता का शिकार हुए युवक लखबीर सिंह का शनिवार रात करीब सवा सात बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस की सुरक्षा के बीच हुए अंतिम संस्कार के दौरान अरदास की रस्म भी नहीं करने दी गई। कोई ग्रंथी इसमें शामिल नहीं हुआ।
निहंग सिंहों के भय और सत्कार कमेटी के एलान के बाद गांव के लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। एक ग्रामीण ने चेहरा छिपाकर पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। गौरतलब है कि कुंडली बार्डर पर शुक्रवार को निहंग सिंहों ने धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के आरोप में लखबीर की यातनाएं देकर हत्या कर दी थी और उसका शव बैरिकेड्स पर लटका दिया गया था।
तरना दल का प्रमुख है आरोपित नारायण सिंह
लखबीर की हत्या में शामिल नारायण सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कांफें्रस में एसएसपी राकेश कौशल ने बताया कि नारायण सिंह मिसल शहीदां बाबा बाज सिंह शिरोमणि पंथ अकाली तरना दल का प्रमुख है। वह वारदात के बाद गांव पहुंच गया था। पुलिस ने गांव को चारों ओर से घेर लिया। उस समय आरोपित गांव के गुरुद्वारा साहिब में अरदास करके श्री अकाल तख्त जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
नारायण सिंह ने स्वीकार किया कि अन्य निहंगों ने उसे बताया कि लखबीर सिंह श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करके फरार हो रहा था। उससे पहले ही निहंग उसकी बुरी तरह से पिटाई कर चुके थे। इसके बाद नारायण सिंह ने तलवार से तीन वार किए और उसका पांव काट कर अलग कर दिया। घटना के बाद ही वह गांव के लिए निकल पड़ा था। वह दशहरा पर्व पर बकरा लेकर गया था। उसे वहां बकरे का मीट बांटना था। नारायण सिंह ने कहा कि उसे हत्या का कोई अफसोस नहीं है। उसने खुद एसएसपी तरनतारन को जानकारी दी थी कि वह श्री अकाल तख्त साहिब पर जाकर आत्मसमर्पण करेगा।
गिरफ्तारी से पहले हार डाल ग्रामीणों ने सम्मानित किया
गिरफ्तारी से पहले गांव अमरकोट देवीदास पुरा पहुंचे निहंग नारायण सिंह को कुछ ग्रामीणों और परिवार के सदस्यों ने सिरोपा और हार डाल कर सम्मानित किया।
क्या यह उचित है?
श्मशानघाट की लाइट बंद की, केरोसिन छिड़क कर अंतिम संस्कार, प्लास्टिक कवर भी नहीं हटाया, अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए। अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले लखबीर सिंह का शव शाम सात बजे एंबुलेंस से गांव पहुंचा। अंतिम संस्कार से पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के सेवादार तरलोचन सिंह सोहल ने गांव में एलान कर दिया कि शव का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया जाएगा। पुलिस के समझाने पर वह इसके लिए राजी हुए, लेकिन स्थानीय लोगों को इसमें शामिल नहीं होने की शर्त रख दी। इसके बाद गांव की महिला सरपंच के पति व जिला परिषद सदस्य मोनू चीमा ने भी इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर कहा कि लोग इस फैसले पर सहमत हैं।
परिवार के आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण सारा बंदोबस्त पुलिस ने ही किया। करीब सवा सात बजे डीएसपी सुच्चा सिंह बल्ल की निगरानी में शव का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान किसी ने लाइट बंद कर दी। इसलिए मोबाइल फोन टार्च व एंबुलेंस की लाइट जलानी पड़ी। जल्दी दाह संस्कार करने के लिए केरोसिन का इस्तेमाल किया गया। शव के बाहर लगा प्लास्टिक का कवर भी नहीं हटाया गया। लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर, तीन बेटियां तानिया, संदीप व कुलदीप बहन, साला और सास-सुसर मौजूद थे, किसी को अंतिम दर्शन नहीं करने दिए गए। एक ग्रामीण ने चेहरा छिपाकर शव को मुखाग्नि दी।
स्वजनों ने कहा, निहत्थे को मौत के घाट उतारना कहां का न्याय
लखबीर के परिवार के सदस्यों ने केंद्र सरकार से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा कि बेकुसूर और निहत्थे को तालिबान की तरह मौत के घाट उतारना आखिर कहां का न्याय है? पत्नी जसप्रीत ने कहा मेरे पति को साजिश के तहत गांव से ले जाकर मारा गया। उसके पति के पास चार साल से न तो मोबाइल फोन था और न ही वह कभी अकेला गांव से बाहर गया था।
सीबीआइ जांच की मांग
लखबीर के साले सुखचैन सिंह ने घटना की सीबीआइ जांच की मांग की है। उसने कहा कि सबको पता चलना चाहिए कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप की बेअदबी कैसे हुई? अंतिम अरदास न करने देने पर उन्होंने कहा कि क्या यह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन फरमान के खिलाफ नहीं है? इस मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार तुरंत दखल दें। गुनाह व सुबूत के बिना ऐसा अत्याचार व सामाजिक बहिष्कार किस पावन ग्रंथ के फरमान का हिस्सा है?
लखबीर की हत्या, हमारे 'पवित्र' संविधान की हत्या : कैंथ
नेशनल शेड्यूल्ड कास्टस अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने किसान आंदोलन में तरनतारन के रहने वाले और तीन बेटियों के पिता लखबीर सिंह की बेहरमी से की गई हत्या के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला से मुलाकात की। उन्होंने सांपला से इस मामले में न्याय दिलाने और त्वरित कानूनी समाधान की मांग करते हुए पीडि़त परिवार को वित्तीय सहायता व सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की है। कैंथ ने कहा कि आंदोलकारियों ने 'तालिबानकारी' शैली को प्रदर्शित करते हुए अपनी घृणा को प्रदर्शित किया है। यही कारण है कि आजादी के 74 साल बाद भी अनुसूचित जाति वर्ग को भेदभाव और असमानताओं का सामना करना पड़ा है। इस घटना के पीछे राक्षसी प्रवृति वाले दोषियों को बिना किसी दया के कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।