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विवादित मंत्री आशु का एक और ऑडियो वायरल, अफसर से बोले- मेरा काम नहीं करना है तो नौकरी छोड़ दो

कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु का अब एक ऐसा ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वह किसी अन्य मामले में एक अफसर को धमका रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 10:53 AM (IST)
विवादित मंत्री आशु का एक और ऑडियो वायरल, अफसर से बोले- मेरा काम नहीं करना है तो नौकरी छोड़ दो
विवादित मंत्री आशु का एक और ऑडियो वायरल, अफसर से बोले- मेरा काम नहीं करना है तो नौकरी छोड़ दो

​​​​​जेएनएन, चंडीगढ़/लुधियाना। लुधियाना के ग्रैंड मैनर होम्स के निर्माण में हुई धांधली के मामले में विवादों में आ आए कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के साथ अब एक नया विवाद जुड़ गया है। इस मामले से हटकर एक अन्य आडियो वायरल हुआ है जिसमें वह एक अफसर को कथित तौर पर धमका रहे हैं। ऑडियो वायरल होने के बाद पंजाब के राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस सरकार को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। इस संबंध में विस सदन के बाहर नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा व उपनेता विपक्ष सरबजीत कौर माणुके ने ऑडियो क्लिप जारी करते हुए दावा किया कि आशु दो अफसरों को फोन पर कथित तौर पर धमकी दी है। उन्होंने यह रिकॉर्डिंग मीडिया को सुनाई।

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आडियो में मंत्री आशु अफसर को कथित तौर पर धमका रहे हैं कि अगर तुझे मेरा काम नहीं करना है तो छुट्टी लेकर चले जाओ। उन्होंने न केवल अफसर को यह कहा कि तुझे मंत्री से बात करने की तमीज नहीं है बल्कि हाईकोर्ट पर टिप्पणी करने से भी पीछे नहीं हटे। यह नया विवाद भी जमीन से जुड़ा हुआ है। ऑडियो में आशु और नगर सुधार ट्रस्ट के एक अफसर के साथ उनके हलके में हो रहे विकास कार्यों को लेकर तीखी नोकझोंक हुई है। इसमें अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर काम करने की बात कह रहा है, लेकिन आशु अफसर को कथित तौर पर धमकाते हैं कि हाईकोर्ट दा केस मैंनूं न पढ़ा।

आशु ने यहां तक कह दिया कि हाईकोर्ट को कह दे कि मंत्री नहीं बनने दे रहा है। आशु अफसर को निर्देश देते हैं कि वे खुद और अपने बंदे लेकर वहां से चला जाए। बताया गया है कि यह मामला लुधियाना के बीआरएस नगर में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की 2000 गज से ज्यादा जगह है, जिसमें तीन प्लाट, कुछ ग्रीन बेल्ट और बीच में सड़क है। ट्रस्ट की इस जगह पर कब्जा था, जिसे 2017 में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से ठीक पहले खाली करवाया गया। उसके बाद ट्रस्ट ने उस जमीन को अपने कब्जे में लिया। ट्रस्ट ने दिसंबर में उन तीन प्लाटों को बेचने के लिए वहां सड़क बनानी शुरू की।

दिसंबर माह में सड़क एक्सईएन की देख-रेख में बन रही थी, जिसे रोकने के लिए मंत्री का नुमाइंदा मौके पर चला गया और उसने सड़क निर्माण रुकवा दिया। इधर, एक्सईएन ने इसकी सूचना एसई आरके गर्ग को दी तो उन्होंने सड़क निर्माण चालू रखने को कहा। उसके बाद मंत्री ने फोन पर आरके गर्ग को कथित तौर पर धमकाया था। बताया जा रहा है कि यह वायरल हुई ऑडियो क्लिप भी स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ङ्क्षसह सिद्धू के पास पहुंच चुका है। उधर इस मामले में ट्रस्ट के एसई आरके गर्ग से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। जबकि कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को कई बार संपर्क करने की कोशिश की घई परंतु उन्होंने फोन नहीं उठाया।

उच्चस्तरीय जांच हो: मेयर

सोमवार को वायरल हुए इस आडियो के बाद नगर निगम लुधियाना के मेयर बलकार सिंह संधू ने निगम के डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों और नगर सुधार ट्रस्ट के एसई राकेश गर्ग के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संधू ने कहा कि यह रिकार्डिंग इन अफसरों द्वारा जारी की गई है और यह प्रोटोकाल व सर्विस रूल्ज के खिलाफ है। इसे लेकर जांच होनी चाहिए कि उन्होंने यह क्लिप कैसे और क्यों जारी किए? इसकी जांच के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़ और नवजोत सिंह सिद्धू को पत्र लिखा है।

मैंने जारी नहीं की आडियो : डीएसपी

वहीं, विधानसभा में डीएसपी को कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की तरफ से कथित तौर पर धमकाने वाला ऑडियो सुनाए जाने के बाद डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने चुप्पी तोड़ी है। सेखों ने कहा कि यह टेप पूरी तरह से ओरिजनल है, लेकिन मेरी तरफ से लीक नहीं किया गया।

नए ऑडियो में मंत्री और अफसर के बीच बातचीत

मंत्री : मेरी कंस्टीच्वेंसी दी डेवलपमेंट वास्ते नहीं आए एत्थे।
अफसर: मैं डेवलपमेंट वास्ते ही आया हां सर।
मंत्री: अपने मिनिस्टर व बनी दे इंट्रस्ट नूं वाच करण वास्ते एत्थे आए हो, किसे भी डेवलपमेंट विच्च सरकार दा या सड्डा नुकसान हुंदा है तू इंटरफेयर नहीं करना। न ही कोई सड़क बनेगी।
अफसर: सर एह हाईकोर्ट दा केस है ऐदे विच हाईकोर्ट दा ऑर्डर है।
मंत्री: हाईकोर्ट नूं कह दे मंत्री बणन नीं ङ्क्षददा। हाईकोर्ट दा केस मैंनू पढ़ोंदैैं। तेरी सारियां वकलतां में पढिय़ां होइयां नें।
अफसर: सर एह हाईकोर्ट दा केस है कारपोरेशन ऐदे विच इंटरफेयर..
मंत्री: तू नहीं करेंगां यार, तू नहीं करेंगां।
अफसर: सर कमाल दी गल है मैं किस तरीके नाल कर सकदा हां।
मंत्री: मैं वी गड्डी लेकै उत्थे आ जांदा हां, तू भी उत्थे आ। फेर मैं दसदां हां तू किवें कर सकदा हैं।
अफसर: अस्सीं ग्रीन बेल्ट ओत्थे एलॉट कर चुके हां, लिबड़ा वालियां नूं।
मंत्री: तू मैंनूं पढ़ा ना, तू मैंनू पढ़ा नां, तू नहीं करेंगा मेरा..
अफसर: सर मैं पढ़ा नहीं रेहा, मेरी गल नूं..
मंत्री: अपणे बंदे हटा दे, ते तू भी चलेआ जा। मेरी कंस्टीच्वेंसी च तू दखल नहीं देवेंगा।
अफसर : सर मैं कंस्टीच्वेंसी च दखल नहीं दे रहा जी। मैं, जे कोई चीज गलत कर रहा हां तां तूस्सी कहो..
मंत्री : तू अपने बंदे लेजा एत्थों, जे तेनूं हाईकोर्ट तों डर लगदा है तां छुट्टी लै जा। इद्दां काम नीं होंणा।
अफसर: सर मैंनूं हाईकोर्ट तों डर, मैंनूं की है, मैंनूं जो आर्डर है..
मंत्री: चले जा यार तेनूं समझ नीं ओंदी, मंत्री बोलदा हां तेरे नाल। अग्गों पढ़ाई जानैैं तूं मैनूं.. 
अफसर: कमाल दी गल है सर। तुहाड़े लई मैं जे ओ चीज कर रहां हां जो ऑर्डर न होए फेर तां तुस्सी इस चीज वास्ते मैंनूं कहो..
मंत्री: ओए गर्ग तमीज च रह तमीज च। अग्गों मैंनूं बिल्कुल बदतमीजी पसंद नहीं, जे मैंनू कोई कानून पढ़ावे। तेरा कानून मैं वैसे ही नहीं पढऩा।
अफसर: सर मैं एद्दां दी कोई चीज नहीं कर रहा जेड़ी ऑर्डर दे मुताबक न होवे। ऑर्डर दे मुताबक ही कर रहां जी, कोई गलत नहीं कर रेहा..
मंत्री : नहीं कर रेहा न। तां पाजी कहणां सिख, ते एत्थों हट जा।
अफसर: एह तां पॉसिबल नहीं..
मंत्री: फेर आजा ओत्थे मैं वी आया, पॉसिबल नहीं..।
अफसर: चलो कोई गल नहीं सर
मंत्री: हां, तूं मैंनू पढ़ा नां, तू मैंनू पढ़ा ना।

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