गोल्डन गर्ल अमृतपाल कौर का स्पोर्ट्स है पैशन, अब तक जीत चुकी हैं नाै गाेल्ड Ludhiana News
अमृतपाल कौर का लक्ष्य कंप्यूटर इंजीनियर बनने का है। वह खेलों में भी साथ-साथ भाग लेना चाहती है। पिता जसपाल का वूलेन बिजनेस है और मां सरकारी हाई स्कूल में टीचर हैं।
जेएनएन, लुधियाना। स्पोर्ट्स को मैं अपना पैशन मानती हूं या यूं कहें खुद को फिट रखने के लिए किसी न किसी खेल में स्कूली स्तर से ही हिस्सा ले रही हूं। ऐसी सोच जमालपुर की रहने वाली 16 वर्षीय गोल्डन गर्ल अमृतपाल कौर की है। लुधियाना के स्प्रिंग डेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 11वी में पढ़ने वाली अमृतपाल कौर नॉन मेडिकल स्ट्रीम में पढ़ाई कर रही है। खेलों में भी उसकी रुचि बरकरार है। कक्षा छठी से वह किसी न किसी स्पोर्ट्स में हिस्सा लेती आ रही है। अब तक वह नौ बार राज्य स्तर पर खेल चुकी है और नौ बार ही उसने गोल्ड मेडल जीता है।
अमृतपाल ने बताया कि राज्य स्तर पर खेलते हुए उसने तीनों बार वालीबॉल में गोल्ड मेडल पाया है। इसी तरह राज्य स्तर पर ही चार बार शॉटपुट खेलते हुए चार गोल्ड और दो बार डिस्कस थ्रो में भी गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी है।
अमृतपाल कौर का लक्ष्य कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना
अमृतपाल कौर का उद्देश्य कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनने का है पर वह खेलों में भी साथ-साथ भाग लेना चाहती है। पिता जसपाल सिंह का वूलेन बिजनेस है और मम्मी सरकारी हाई स्कूल खासी कलां में फिजिकल एजुकेशन की अध्यापिका हैं।
मां से भी सीखती है खेलों की तकनीक
अमृतपाल ने कहा कि वह खेलों की कोचिंग स्कूल से ही ले रही है। वह रेगुलर तौर पर सुबह वालीबॉल खेलती है और शॉटपुट तथा डिस्कस थ्रो को सप्ताह में दो दिन का समय देती है। इसके साथ-साथ घर पर मां से ही शॉटपुट और डिस्कस थ्रो की कोई न कोई तकनीक सीखती रहती है।
आलराउंडर स्टूडेंट है अमृतपाल
स्कूल की मैनेजिंग डायरेक्टर अविनाश कौर वालिया ने कहा कि अमृतपाल कौर स्कूल की आलराउंडर छात्रा है। खेलों में तो वह अच्छी है ही, साथ में वह पढ़ाई में भी वह बहुत होनहार है। कक्षा दसवीं में वह 95.8 प्रतिशत अंक पा चुकी है।
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