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आधा बच्चा बाहर, न डॉक्टर आया न स्टाफ, सास ने कराई डिलीवरी

सिविल अस्पताल स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में वीरवार रात्रि स्टाफ की लापरवाही का एक और मामला सामने आया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 02:23 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 02:23 PM (IST)
आधा बच्चा बाहर, न डॉक्टर आया न स्टाफ, सास ने कराई डिलीवरी
आधा बच्चा बाहर, न डॉक्टर आया न स्टाफ, सास ने कराई डिलीवरी

जागरण संवाददाता, लुधियाना। सिविल अस्पताल स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में वीरवार रात्रि स्टाफ की लापरवाही का एक और मामला सामने आया। राजगढ़ की रहने वाली रमनदीप कौर गर्भ में पांच माह के मरे हुए शिशु को लेकर डिलीवरी करवाने को लेकर घंटो दर्द में तड़पती रही। परिजनों का आरोप है कि स्टाफ ने बार-बार कहने के बाद भी रमनदीप की डिलीवरी नहीं की। ऐसे में ब्लीडिंग के बाद गर्भ में पल रहा शिशु आधा बाहर आ गया और उन्होंने खुद ही मृत शिशु को बाहर निकाला।

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जानकारी के अनुसार रमनदीप को गर्भ में पल रहे शिशु की मौत के बाद पक्खोवाल के सरकारी अस्पताल से डिलीवरी के लिए मदर एंड चाइल्ड अस्पताल भेजा गया था। अस्पताल स्टाफ के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर परिजनों ने रोष जताया और रात्रि साढ़े नौ बजे सिविल सर्जन को फोन किया। राजगढ़ के रहने वाले मनदीप सिंह ने बताया कि रमनदीप उनकी भाभी है। वह पांच माह से गर्भवती थी। वीरवार सुबह जब अचानक काफी तेज दर्द होने लगा तो वह भाभी को पक्खोवाल के सरकारी अस्पताल में लेकर गए। जहां जांच करने के बाद डॉक्टर ने बताया कि गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो चुकी है। मृत शिशु को बाहर निकालने के लिए सिविल अस्पताल में स्थित मदर एंड चाइल्ड अस्पताल डिलीवरी के लिए जाना होगा। क्योंकि उनके पास इस तरह के केस को लेकर पर्याप्त सुविधाए नहीं है, जिसके बाद दोपहर तीन बजे वो भाभी को लेकर सिविल अस्पताल आ गए। यहां उसे वार्ड में भर्ती किया गया।

मनदीप ने आरोप लगाया कि दोपहर 3 बजे से रात्रि 8 बजे तक ग्लूकोज की स्टाफ ने केवल एक बोतल लगाई और कुछ दवाएं दी। इस दौरान उनकी भाभी दर्द से तड़पती रही। वो कई बार ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ को बुलाने गए, लेकिन स्टाफ नहीं आई। हर बार उन्हें यह कहा गया कि डॉक्टर आठ बजे आएंगी तो रमनदीप को देखेंगी। करीब साढ़े आठ बजे के बाद ब्लीडिंग शुरू हो गई। तब भी स्टाफ को बताने पर कोई नहीं आया। रमनदीप के गर्भ में से आधा बच्चा बाहर आ गया। उन्होंने फिर इसकी जानकारी स्टाफ और डॉक्टर को दी, लेकिन तब भी कोई नही आया, जिसके बाद रमनदीप की सास दलजीत कौर ने लेबर रूम में मौजूद दो महिलाओं को लेकर रमनदीप के गर्भ से बाहर आये शिशु की डिलीवरी की। बच्चा पांच महीने का था। उसकी डेथ हो चुकी थी। वार्ड में ही मरे हुए बच्चे को निकाला गया। इसके बाद जब हमने अस्पताल के स्टाफ के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को लेकर अपना गुस्सा दिखाया और सीएमओ को फोन किया, तब जाकर रमनदीप को लेबर रूम में ले गए। मनदीप ङ्क्षसह ने कहा कि वह शुक्रवार को स्टाफ की इस लापरवाही को लेकर एसएमओ को शिकायत करेंगे। क्योंकि उनकी मरीज की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी।

मनदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने सेहत विभाग की मेडिकल हेल्पलाइन नंबर 104 पर भी शिकायत कर दी है। शिकायत पर उन्हें कहा गया एसएमओ को इस मामले से अवगत कराया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर मामले में कार्रवाई होगी।

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